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एक साल में चार बार हुआ टेंडर, फिर भी झारखंड के शिक्षकों के लिए नहीं खरीदे जा सके टैब

वित्तीय वर्ष 2022-23 में केंद्र सरकार ने 28945 टैब खरीदने के लिए ने राज्य को प्रति टैब 10 हजार रुपये के हिसाब से 28.94 करोड़ रुपये दिये थे. साथ ही कहा था कि राज्य सरकार चाहे, तो अपने स्तर से आवश्यकता अनुरूप टैब की दर बढ़ा सकती है.

सुनील कुमार झा, रांची:

‘डिजिटल एजुकेशन’ को बढ़वा देने के उद्देश्य से ‘समग्र शिक्षा अभियान’ के तहत राज्य के प्राथमिक स्कूलों के शिक्षकों को 28,945 टैब खरीदे जाने थे. योजना वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए थी, जो वित्तीय वर्ष 2023-24 के आखिरी पड़ाव में पहुंच चुकी है. लेकिन, टेंडर फाइनल नहीं होने की वजह से अब तक टैब की खरीद नहीं हो सकी. झारखंड शिक्षा परियोजना की ओर से पूर्व में इसके लिए निकाले गये तीन टेंडर अलग-अलग कारणों से रद्द कर दिये गये. अब चौथी बार टेंडर निकाला गया है.

वित्तीय वर्ष 2022-23 में केंद्र सरकार ने 28945 टैब खरीदने के लिए ने राज्य को प्रति टैब 10 हजार रुपये के हिसाब से 28.94 करोड़ रुपये दिये थे. साथ ही कहा था कि राज्य सरकार चाहे, तो अपने स्तर से आवश्यकता अनुरूप टैब की दर बढ़ा सकती है. इसके बाद राज्य सरकार ने प्रति टैब के लिए पांच हजार रुपये अतिरिक्त देने का निर्णय लिया. इसके बाद प्रति टैब की लागत 15 हजार रुपये निर्धारित की गयी. यानी टैब की खरीद के लिए कुल 43.41 करोड़ रुपये खर्च करने होंगे. केंद्र सरकार ने योजना की राशि पिछले वर्ष दी थी. इधर, वित्तीय वर्ष 2023-24 भी 31 मार्च को समाप्त हो जायेगा. लेकिन अब तक टैब की खरीद नहीं हो सकी है.

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नवंबर 2022 में जारी हुआ था पहला टेंडर

झारखंड शिक्षा परियोजना द्वारा टैब की खरीद की प्रक्रिया एक साल से चल रही है. इसके लिए पहला टेंडर नवंबर 2022 में निकाला गया था. इसके बाद मार्च 2023 में टेंडर निकाला गया. कुछ शर्तों पर आपत्ति की वजह से स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने टेंडर पर रोक लगा दी. तीसरी बार निकाला गया टेंडर भी तकनीकी कारणों से फाइनल नहीं हो सका. गौरतलब है कि राज्य सरकार की ओर से वर्ष 2016 में स्कूलों को टैब दिये गये थे, लेकिन ये ठीक से काम नहीं कर रहे हैं. बता दें कि सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं की रिपोर्ट भी स्कूलों की ओर से ऑनलाइन भेजनी होती है. इसके लिए भी शिक्षकों को टैब की जरूरत होती है.

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