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झारखंड में पहली बार दिव्यांग बच्चों के लिए स्कूलों में शिक्षक होंगे नियुक्त, शिक्षा मंत्री ने लगायी मुहर

झारख‍ंड गठन के बाद पहली बार राज्य में दिव्यांग बच्चों के लिए शिक्षकों की नियुक्ति होगी. सरकार इसके लिए फिलहाल पद का सृजन कर रही है. मंत्री जगरनाथ महतो ने इसकी सहमति दे दी है

रांची: झारखंड गठन के बाद पहली बार स्कूलों में दिव्यांग बच्चों के लिए स्थायी शिक्षकों की नियुक्ति होगी. राज्य सरकार इसके लिए पद सृजित कर रही है. स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के प्रस्ताव पर शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने रविवार को सहमति दे दी. राज्य के सरकारी विद्यालयों में कुल 3421 सहायक आचार्य (शिक्षक) पद सृजित किये जायेंगे.

दिव्यांग बच्चों के पठन-पाठन के लिए विशेष प्रशिक्षित शिक्षकों की नियुक्ति की जाती है. इन शिक्षकों के वेतन पर वार्षिक 13.23 करोड़ रुपये खर्च होंगे. नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम के तहत दिव्यांग बच्चों के लिए विशेष प्रशिक्षित शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में हर स्कूल में कम से कम एक स्थायी शिक्षक की नियुक्ति की जानी है.

राज्य के विद्यालयों में कक्षा एक से 12वीं तक में कुल 52634 बच्चे नामांकित हैं. कक्षा एक से पांच में कुल 27975 बच्चे नामांकित हैं. कक्षा छह से आठ में कुल 18060 विद्यार्थी, कक्षा नौवीं व 10वीं में कुल 4866 विद्यार्थी और वहीं कक्षा 11वीं व 12वीं में कुल 1733 विद्यार्थी नामांकित हैं.

वर्तमान में कांट्रैक्ट पर कार्यरत हैं शिक्षक :

राज्य में वर्तमान में 528 शिक्षक (रिसोर्स पर्सन) के पद हैं. इनकी नियुक्ति कांट्रैक्ट पर की गयी है. वैसे विद्यालय, जहां दिव्यांग बच्चे नामांकित हैं, शिक्षक रोटेशन के आधार पर बच्चों को पढ़ाने के लिए विद्यालय जाते हैं. एक प्रखंड में दो रिसोर्स पर्सन रखने का प्रावधान है.

नियमावली के दस वर्ष बाद पद सृजन

प्लस टू विद्यालयों में प्राचार्य की नियुक्ति के लिए वर्ष 2012 में ही नियमावली बनायी गयी थी, लेकिन प्राचार्य का पद ही सृजित नहीं किया गया था. अब नियमावली बनने के दस वर्ष बाद पद सृजित किया जा रहा है. शिक्षक संगठनों की ओर से काफी दिनों से विद्यालयों में पद सृजन की मांग की जा रही थी.

प्लस टू स्कूल में 576 प्राचार्य के पद सृजन को स्वीकृति

राज्य के प्लस टू विद्यालयों में प्राचार्यों की नियुक्ति होगी. इसके लिए पद सृजन की प्रक्रिया शुरू की गयी है. शिक्षा मंत्री ने प्लस टू विद्यालय में प्राचार्य के पद सृजन को भी अपनी स्वीकृति दे दी है. राज्य में कुल 635 प्लस टू विद्यालय हैं. इनमें से 59 विद्यालय एकीकृत बिहार के समय के हैं. इन विद्यालयों में पहले से ही पद सृजित हैं. राज्य में चरणबद्ध तरीके से हाइस्कूल को प्लस टू स्कूल में अपग्रेड किया गया है. इनमें से प्रथम चरण में 171, दूसरे चरण-280 और पिछले वर्ष 125 हाइस्कूल को प्लस टू में अपग्रेड किया गया है.

शिक्षकों की स्थायी नियुक्ति होगी

राज्य के सरकारी विद्यालयों में दिव्यांग बच्चों के पठन-पाठन के लिए शिक्षकों की स्थायी नियुक्ति होगी. इसके लिए पद सृजन की प्रक्रिया शुरू की गयी है. पद सृजन पर सहमति दे दी है. प्लस टू विद्यालयों में प्राचार्य का पद भी सृजित होगा. विद्यालयों में 576 प्राचार्यों का पद सृजन होगा. विभागीय स्तर पर प्राचार्य के पद सृजन को भी सहमति मिल गयी है.

जगरनाथ महतो, शिक्षा मंत्री

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