अनगड़ा स्थित जोन्हाफॉल (Jonha Fall) हमेशा से पर्यटकों का पसंदीदा जगह रहा है. नव वर्ष पर प्रतिवर्ष हजारों लोग पिकनिक मनाने आते हैं. 15 जनवरी तक पर्यटकों की भीड़ रहती है. गौतम पहाड़ी पर स्थित जोन्हाफाॅल रांची से 40 किमी दूर स्थित है. यह रांची-पुरूलिया मार्ग से जुड़ा है. फाॅल की ऊंचाई 140 फीट है. लोग 500 सीढ़ियां उतरकर मनमोहक दृश्य का आनंद उठा सकते हैं. इसकी पहाड़ी पर भगवान गौतम बुद्ध का एक प्राचीन मंदिर अवस्थित है. इस मंदिर का निर्माण राजा बलदेव दास बिड़ला ने कराया था.
सैलानियों के लिए जलप्रपात हुंडरू फॉल (Hundru Fall) सज-धज कर तैयार हैं. हुंडरू फॉल में 320 फीट ऊंचाई से झरने में गिरता पानी पर्यटकों का मन मोह लेता है. प्राकृतिक सौंदर्य फाॅल के चारों और मानो चार चांद लगा देता है. फाॅल के ऊपर जीप लाइन है, जहां से पर्यटक फाॅल को नजदीक से देख सकते हैं.
खूंटी जिले के पेरवाघाघ (Perwaghagh Fall) , रानी फॉल, पंचघाघ, हिरण पार्क, लतरातू डैम, लटरजंग डैम सहित कई छोटे-बड़े पर्यटन स्थल हैं. मुरहू प्रखंड अंतर्गत पंगुरा जलप्रपात है. यहां ईटी नदी पर एक के बाद एक तीन जलप्रपात हैं. जिसमें एक 110, दूसरा 40 फीट व एक छोटा जलप्रपात है.
रांची से सीता फाॅल (Sita Fall) की दूरी 44 किमी है. यह जोन्हाफाॅल से चार किमी दूरी पर स्थित है. फाॅल की उंचाई 300 फीट है. यहां स्थित एक प्राचीन मंदिर में माता सीता के पद्चिन्ह हैं. मान्यता है कि माता सीता इसी झरने के पानी से रसोई तैयार करती थीं. पक्की सड़क फाॅल तक पहुंचती है. लोग 350 सीढ़ियां उतरकर मनमोहक फाॅल का मनमोहक दृश्य का आनंद उठाते हैं. जंगलों व पहाड़ों से घिरे होने के कारण यह जलप्रपात बेहद खूबसूरत लगता है.
दशम जलप्रपात (Dassam Fall) , यह फॉल राजधानी से करीब 50 किलोमीटर दूरी पर है. यह जलप्रपात रांची-जमशेदपुर मार्ग पर स्थित है. यहां कांची नदी 144 फीट की ऊंचाई से गिरती है. कभी इसमें दस धाराएं थीं, जिसके कारण इसे दशम कहा गया.
राजधानी रांची से पंचघाघ (Panchghagh Fall) की दूरी करीब 40 किमी है. साथ ही खूंटी जिले से यह पांच किमी दूर है. पंचघाघ स्वर्णरेखा नदी पर स्थित है.खूबसूरत वादियों के बीच स्थित इस फॉल के नाम के पीछे भी कई रहस्य हैं. ये पांच धाराओं से बना हुआ है.