35 दिन में डेढ़ करोड़ मानव दिवस का सृजन करेगा झारखंड, कुपोषण मिटाने के लिए 6 माह में 5 लाख परिवारों को दीदी बाड़ी योजना से जोड़ेगा

कोरोना संकट के बीच झारखंड में लोगों को रोजगार देने और कुपोषण मिटाने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान चलाने की तैयारी की गयी है. लक्ष्य तय किया गया है कि 35 दिन में महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत 1.5 करोड़ (डेढ़ करोड़) मानव दिवस का सृजन किया जाये, ताकि लोगों को रोजगार मिल सके. इतना ही नहीं, कुपोषण मिटाने के लिए 6 महीने के भीतर 5 लाख परिवारों को ‘दीदी बाड़ी’ योजना से जोड़ा जाये.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 19, 2020 4:21 PM
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रांची : कोरोना संकट के बीच झारखंड में लोगों को रोजगार देने और कुपोषण मिटाने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान चलाने की तैयारी की गयी है. लक्ष्य तय किया गया है कि 35 दिन में महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत 1.5 करोड़ (डेढ़ करोड़) मानव दिवस का सृजन किया जाये, ताकि लोगों को रोजगार मिल सके. इतना ही नहीं, कुपोषण मिटाने के लिए 6 महीने के भीतर 5 लाख परिवारों को ‘दीदी बाड़ी’ योजना से जोड़ा जाये.

ग्रामीण विकास विभाग की सचिव आराधना पटनायक की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया. विभागीय सचिव ने मनरेगा योजना की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा की. बैठक में सभी जिलों के उप-विकास आयुक्त एवं सभी प्रखंडों के प्रखंड विकास पदाधिकारियों को जरूरी निर्देश दिये. उन्होंने कहा कि अभियान में रोजगार उपलब्ध कराने के लिए गांव-गांव जाकर सामाजिक अंकेक्षण इकाई इच्छुक मजदूरों से उनकी काम की जरूरत की जानकारी एकत्र करेगा.

पूरी जानकारी जुटाने के बाद उप विकास आयुक्त एवं मनरेगा के प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी/ प्रखंड विकास पदाधिकारी मजदूरों को उनके ही गांव/ टोला में उपयोगी योजना के अंतर्गत नियमानुसार रोजगार उपलब्ध कराने के लिए मस्टररोल बनायेंगे और उन तमाम लोगों को रोजगार उपलब्ध करायेंगे. सचिव ने बताया कि 18 सितंबर से 22 अक्टूबर के 35 दिन की अवधि के दौरान अभियान चलाया जायेगा और इस अवधि में डेढ़ करोड़ मानव दिवस सृजित किये जायेंगे.

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ग्रामीण विकास विभाग की सचिव ने कहा कि राज्य में धान की रोपनी समाप्त होने के बाद बड़ी संख्या में मजदूरों को काम की जरूरत पड़ेगी. इसको देखते हुए विभाग एक अभियान चलाकर रोजगार उपलब्ध कराना चाहता है. इसलिए 18 सितंबर से 22 अक्टूबर तक मिशन मोड में अभियान चलाकर आवश्यक कार्रवाई विभागीय स्तर पर की जाये, ताकि सभी स्थानीय एवं प्रवासी मजदूरों को रोजगार मिल सके. बैठक में सचिव ने मनरेगा एवं जेएसएलपीएस की मदद से चलायी जा रही ‘दीदी बाड़ी योजना’ की भी जानकारी दी.

कुपोषण मिटाने के लिए ‘दीदी बाड़ी योजना’

ग्रामीण विकास विभाग की सचिव आराधना पटनायक ने कहा कि राज्य में कुपोषण की समस्या गंभीर है. राज्य सरकार ने इसे समाप्त करने के लिए मनरेगा एवं जेएसएलपीएस के सहयोग से ‘दीदी बाड़ी योजना’ संचालित करने का निर्णय लिया है. इस अभियान के तहत अगले 6 माह में 5 लाख परिवारों से ‘दीदी बाड़ी योजना’ का कार्य लिया जायेगा.

डेढ़ करोड़ मानव दिवस सृजन के लक्ष्य को पूरा करें : मंत्री

विभागीय मंत्री आलमगीर आलम ने कहा है कि वर्तमान में राज्य में कुल 5,59,305 योजनाओं पर काम चल रहा है. इन योजनाओं को विशेष कार्य योजना बनाकर पूरा किया जाये. सबसे पहले पुरानी योजनाओं को प्राथमिकता से पूरा करें. मंत्री ने कहा कि मजदूरों को उनके गांव या टोला में ही कार्य उपलब्ध कराना हमारी प्राथमिकता है. यह आवश्यक है कि हर गांव मोहल्ला में पर्याप्त संख्या में योजनाएं स्वीकृत हों.

मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि गांव/मोहल्लों में नयी योजनाओं को प्रारंभ करने के पूर्व यह सुनिश्चित कर लें कि संबंधित गांव अथवा मोहल्लों में लंबित योजनाएं न हों. साथ ही उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा निर्धारित डेढ़ करोड़ मानव दिवस सृजन के लक्ष्य को पूरा करना विभाग की प्राथमिकता है. इस दिशा में अधिकारी गंभीरता से काम करें और इस लक्ष्य को हासिल करने में अपनी भूमिका निभायें.

अंतिम व्यक्ति तक मनरेगा का लाभ पहुंचाना प्राथमिकता : मनरेगा आयुक्त

मनरेगा आयुक्त सिद्धार्थ त्रिपाठी ने कहा कि मनरेगा के तहत चल रही योजनाओं को धरातल पर उतारना हमारी जिम्मेवारी है. राज्य में डेढ़ करोड़ मानव दिवस सृजन का लक्ष्य विभाग ने रखा है. इस लक्ष्य को पूरा करने का प्रयास प्रतिबद्धता के साथ किया जा रहा है. ‘बोले मजदूर अभियान’ एवं ‘दीदी बाड़ी योजना’ का संचालन मिशन मोड में करने की तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं. इन सभी योजनाओं का लाभ जरूरतमंद अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना हमारी प्राथमिकता है.

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उन्होंने कहा कि मनरेगा के अंतर्गत संचालित नीलांबर-पितांबर जल समृद्धि योजना एवं वीर शहीद पोटो हो खेल योजना का लाभ राज्य के सभी श्रमिकों, गरीबों एवं किसानों को मिले यह सुनिश्चित कराया जा रहा है. सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों में भी आजीविका का कोई अभाव न रहे, इसके लिए निरंतर विभागीय स्तर पर अनुश्रवण एवं पर्यवेक्षण किया जा रहा है.

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में ये भी थे शामिल

मनरेगा योजना की प्रगति की समीक्षात्मक बैठक में सभी जिलों के उप विकास आयुक्तों/ सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों के अलावा मनरेगा आयुक्त सिद्धार्थ त्रिपाठी, जेएसएलपीएस के सीइओ राजीव कुमार, मीडिया सह प्रशिक्षण पदाधिकारी कुमार सौरभ, एमआइएस के नोडल ऑफिसर पंकज राणा व अन्य मौजूद थे.

Posted By : Mithilesh Jha

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