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झारखंड परिवहन विभाग ने HEC के 5 एकड़ जमीन पर किया दावा, जानें क्या है मामला

एचइसी ने संयुक्त बिहार के समय बिहार राज्य ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन को जगन्नाथपुर गोलचक्कर के पास पांच एकड़ जमीन दीर्घकालीन लीज पर दिया था. प्रबंधन के अनुसार लीज की अवधि वर्ष 2004 में समाप्त हो गयी.

झारखंड परिवहन विभाग ने जगन्नाथपुर गोलचक्कर के पास एचइसी द्वारा बिहार राज्य ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन को दी गयी जमीन पर दावा किया है. विभाग के आदेश पर कर्मियों ने उक्त जमीन को कब्जे में लेने के लिए समतलीकरण का कार्य शुरू कर दिया़ इसकी जानकारी मिलने पर एचइसी प्रबंधन ने काम पर रोक लगा दिया़

जानकारी के अनुसार, एचइसी ने संयुक्त बिहार के समय बिहार राज्य ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन को जगन्नाथपुर गोलचक्कर के पास पांच एकड़ जमीन दीर्घकालीन लीज पर दिया था. प्रबंधन के अनुसार लीज की अवधि वर्ष 2004 में समाप्त हो गयी. इसके बाद लीज नवीनीकरण नहीं किया गया. झारखंड परिवहन विभाग द्वारा भी प्रबंधन से संपर्क नहीं किया गया और अचानक जमीन पर कब्जा करने का प्रयास किया जाने लगा.

इसकी जानकारी मिलने पर एचइसी के नगर प्रशासन विभाग के कर्मियों ने वहां काम पर रोक लगा दिया. इधर, परिवहन विभाग चाहता है कि एचइसी प्रबंधन बिहार राज ट्रांसपोर्ट को दी गयी जमीन को झारखंड परिवहन विभाग को दे.

परिवहन विभाग का पक्ष

परिवहन विभाग के अधिकारी ने बताया कि 4.68 एकड़ जमीन की लीज नवीकरण की राशि 2004 में ही विभाग ने एचइसी को ट्रांसफर कर दी थी. लेकिन, एचइसी ने नवीकरण किया या नहीं, इसकी जानकारी विभाग को नहीं है़ मामले में एक माह पूर्व परिवहन विभाग के सचिव के साथ एचइसी के अधिकारियों की बैठक हुई थी. जब चिल्ड्रेन ट्रैफिक पार्क के निर्माण को लेकर परिवहन विभाग के लोग जमीन पर गये, तो एचइसी की ओर से यह कहते हुए व्यवधान उत्पन्न किया गया कि उक्त जमीन बिहार राज्य परिवहन निगम को दी गयी थी, जिसकी अवधि 2004 में खत्म हो गयी है. अब उच्च स्तर पर बात की जा रही है

एचइसी की 73.05 एकड़ जमीन पर अवैध कब्जा

एचइसी आवासीय परिसर में खाली पड़ी जमीन पर आये दिन कब्जा किया जा रहा है. पिछले दिनों जेपी मार्केट, सेक्टर टू सहित कई जगहों पर पक्का निर्माण किया गया. परिसर में कई ऐसी कॉलोनी भी बस गयी हैं, जिनका नामकरण भी कर दिया गया है. प्रबंधन द्वारा किये गये सर्वे में आवासीय परिसर के विभिन्न सेक्टर में 73.05 एकड़ जमीन पर अवैध कब्जा हो गया है, जो लगातार बढ़ता जा रहा है. प्रबंधन द्वारा अवैध कब्जा की गयी जमीन की कीमत 12 करोड़ रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से 876 करोड़ रुपये आंकी गयी है.

अवैध कब्जा रोकने में विफल है प्रबंधन :

एचइसी प्रबंधन द्वारा अवैध कब्जा रोकने के लिए कोई कारगर उपाय नहीं किया गया है. हटिया मजदूर यूनियन के अध्यक्ष भवन सिंह ने कहा कि मैन पावर की कमी के कारण आये दिन आवासीय परिसर में अवैध कब्जा हो रहा है. इसमें एचइसी प्रबंधन की भी मिलीभगत है. कई जगहों पर अवैध कब्जा की सूचना मिलने के बाद भी कार्रवाई नहीं की जाती है.

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