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सीएम हेमंत सोरेन से पूछताछ से पहले आदिवासी संगठनों का विरोध प्रदर्शन, कहा- ईडी कर रहा है एकतरफा कार्रवाई

हमारा केंद्र से कहना है कि झारखंड एक पिछड़ा राज्य है. आज जब इसके विकास की गति तेज हो रही है, तब यहां की सरकार को परेशान नहीं किया जाये. नीरज मुंडा ने कहा कि केंद्र सरकार लगातार आदिवासी विरोधी काम कर रही है.

रांची. झारखंड के विभिन्न आदिवासी संगठनों ने इडी की कार्रवाई के प्रति भारी नाराजगी जतायी है. इसके खिलाफ शुक्रवार को मोरहाबादी मैदान स्थित ऑक्सीजन पार्क से विरोध मार्च निकाला गया. विरोध मार्च में शामिल लोग विभिन्न मार्गों से होते हुए राजभवन के समक्ष पहुंचे, जहां लोगों ने धरना-प्रदर्शन किया. धरना को आदिवासी समेत विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों ने संबोधित किया. इसमें शामिल सदस्यों ने इडी पर एकतरफा कार्रवाई करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को लगातार परेशान किया जा रहा है.

मोमेंटम घोटाले की जांच क्यों नहीं होती : 

इस अवसर पर अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद की कुंदरसी मुंडा ने कहा कि भाजपा के कई ऐसे नेता हैं, जिन पर कार्रवाई हो सकती है. रघुवर दास के मुख्यमंत्रित्व काल में मोमेंटम झारखंड में अरबों रुपये उड़ाये गये, उसकी जांच क्यों नहीं होती? वहीं, क्षेत्रीय पड़हा समिति हटिया के अजीत उरांव ने कहा कि हेमंत सरकार के कार्यकाल में राज्य के विकास की तेज गति को देखते हुए केंद्र के इशारे पर प्रताड़ित किया जा रहा है. हमारा केंद्र से कहना है कि झारखंड एक पिछड़ा राज्य है. आज जब इसके विकास की गति तेज हो रही है, तब यहां की सरकार को परेशान नहीं किया जाये. राजी पड़हा सरना प्रार्थना सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज मुंडा ने कहा कि केंद्र सरकार लगातार आदिवासी विरोधी काम कर रही है. झारखंड एक अनुसूचित क्षेत्र है. यहां हम जो भी विकास करना चाहते हैं, उसमें बाधा उत्पन्न नहीं किया जाये.

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मरांडी सपने देखना बंद करें : 

अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद के रांची जिला उपाध्यक्ष लाला महली ने कहा कि भाजपा के रघुवर दास और अर्जुन मुंडा के मुख्यमंत्री रहने के दौरान कई घोटाले हुए. उनकी जांच क्यों नहीं करायी जाती? बाबूलाल मरांडी भी मुंगेरी लाल के हसीन सपने देखना बंद करें. कुतुबमीनार से कूद कर वे भाजपा के कमल फूल में गिरे हैं.

यह आदिवासियत पर हमला है : 

सामाजिक संगठन आदिवासी लोहरा समाज केंद्रीय समिति के केंद्रीय अध्यक्ष ठुमा तिर्की ने कहा कि यह आदिवासियत पर हमला है. आदिवासी राज्य में एक आदिवासी मुख्यमंत्री पांच साल तो क्या, दस-बीस साल शासन करे, तो उसे परेशान न किया जाये. जब यहां सारी चीजें विधिवत चल रही हैं तो बाधा क्यों उत्पन्न की जा रही है?

आदिवासी सीएम को डराना चाहती है केंद्र सरकार : 

वैश्य समाज, पतरातू के मुकुल प्रसाद व शशिकांत प्रसाद ने कहा कि इडी द्वारा भय दिखा कर हेमंत सोरेन के विकास कार्यों को रोकने की कोशिश के खिलाफ सदान, वैश्य, आदिवासी, मुस्लिम, सिख और ईसाई सहित झारखंड की पूरी जनता एक साथ है. हेमंत सोरेन गरीब-गुरबों के मुख्यमंत्री हैं. आदिवासी सीएम हैं, इसलिए केंद्र सरकार उन्हें डराना चाहती है. लेकिन झारखंड की जनता उनके साथ है. इस मौके पर संजय लोहरा, रामचंद्र बेदिया, संजय करमाली, सुजीत कुजूर, नारायण उरांव, सोनू खलखो, बुधवा मुंडा, दिनेश कच्छप, अजय कच्छप, राहुल उरांव, योगेंद्र उरांव, सुरेंद्र लिंडा, माइकल कच्छप, मोहन सोरेन व अन्य ने भी संबोधित किया.

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