झारखंड के आदिवासी छात्र विदेशों में भी लेंगे शिक्षा, इस छात्रवृत्ति योजना के तहत 6 छात्रों को भेजा गया विदेश
झारखंड सरकार आदिवासी छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए विदेश भेज रही है, इसके तहत हेमंत सोरेन की पहल पर शुरू की गयी मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय छात्रवृत्ति योजना शुरुआत की जिसके तहत छह छात्रों का चयन विदेश में पढ़ाई के लिए हुआ.
रांची : झारखंड सरकार आदिवासी छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए विदेश भेज रही है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पहल पर शुरू की गयी मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय छात्रवृत्ति योजना के तहत अनुसूचित जनजाति के छह छात्रों का चयन विदेश में पढ़ाई के लिए किया गया है. चयनित छात्रों में हरक्यूलिस सिंह मुंडा यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन के स्कूल ऑफ ओरिएंटल एंड अफ्रीकन स्टडीज में एमए, अजितेश मुर्मू यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ लंदन में आर्किटेक्चर में एमए करेंगे.
वहीं, आकांक्षा मेरी लॉ बॉर्ग यूनिवर्सिटी में क्लाइमेट चेंज साइंस एंड मैनेजमेंट में एमएससी, दिनेश भगत यूनिवर्सिटी ऑफ ससेक्स में क्लाइमेट चेंज, डेवलपमेंट एंड पॉलिसी में एमएससी व अंजना प्रतिमा डुंगडुंग यूनिवर्सिटी ऑफ वार्विक में एमएससी और प्रिया मुर्मू लॉ बॉर्ग यूनिवर्सिटी में क्रिएटिव राइटिंग एंड द राइटिंग इंडस्ट्रीज में एमए करेंगी.
सभी खर्चों को वहन करेगी सरकार :
मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय छात्रवृत्ति योजना के तहत राज्य सरकार चयनित छात्रों की इंग्लैंड व आयरलैंड में उच्च शिक्षा की ट्यूशन फीस सहित उनके सभी तरह के खर्चों को वहन करेगी. योजना के तहत अनुसूचित जनजाति वर्ग के 10 छात्रों का चयन होना है. पहली कड़ी में छह छात्रों का ही चयन स्कॉलरशिप के लिए किया गया है. चयनित छात्र इसी महीने विभिन्न विश्वविद्यालयों में दाखिला लेने इंग्लैंड जा रहे हैं.
मुख्यमंत्री करेंगे सम्मानित :
विदेश में पढ़ाई के लिए छात्रवृत्ति हासिल करनेवालों को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सम्मानित करेंगे. वह 23 सितंबर को रांची में योजना से लाभान्वित छात्रों के अलावा उनके माता-पिता को भी सम्मानित करेंगे. अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के मंत्री चंपई सोरेन भी समारोह में शामिल होंगे. हेमंत सरकार के एक वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में 29 दिसंबर 2019 को रांची में मुख्यमंत्री ने मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा स्कॉलरशिप स्कीम की घोषणा की थी. 28 दिसंबर 2020 को कैबिनेट ने योजना को मंजूरी दी. इसके बाद सात मार्च 2021 को स्कॉलरशिप स्कीम के योग्य लाभुकों से आवेदन आमंत्रित किये गये थे. आवेदन के आधार पर छात्रों का चयन किया गया है.
उत्साहित हैं चयनित छात्र :
विदेश में पढ़ाई के लिए चुने जाने से उत्साहित छात्र राज्य सरकार को धन्यवाद देते हैं. छात्र हरक्यूलिस का कहना है कि खुशकिस्मत हूं कि वैश्विक मंच साझा करने का मौका मिला है. छात्रा आकांक्षा कहती हैं कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पहल के कारण हमें वैश्विक मंच पर अपनी संस्कृति का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला है. गुमला की अंजना प्रतिमा डुंगडुंग ने कहा कि इससे न केवल आदिवासी छात्रों की प्रतिभा को मंच मिला है, बल्कि समुदाय के दूसरे लोगों के लिए भी प्रगति का मार्ग प्रशस्त होगा.
मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा की याद में राज्य सरकार द्वारा शुरू की गयी देश की यह पहली ऐसी योजना है, जिसमें आदिवासी समाज के छात्रों को विदेश में पढ़ाई के लिए स्कॉलरशिप दी जा रही है. उम्मीद है कि आनेवाले दिनों में अन्य छात्रों को भी इनसे प्रेरणा मिलेगी.
हेमंत सोरेन, मुख्यमंत्री
सरकार आदिवासी समाज के प्रतिभाशाली बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए श्रेष्ठ सुविधाएं मुहैया करा रही है. विदेश जाकर उच्च शिक्षा हासिल करनेवाले िवद्यािर्थयों को शुभकामनाएं.
चंपई सोरेन, मंत्री
Posted By : Sameer Oraon