झारखंड में चल रहा है अंडर-14 स्कूल क्रिकेट टूर्नामेंट, लेकिन भाग ले रही हैं अकादमी की टीमें
सुनील सिंह ने कहा कि जब टूर्नामेंट में अधिकतर टीमें अकादमी की खेल रही हैं, तो धौनी और शब्बीर का रिकॉर्ड ध्वस्त किया गया, यह कहना पूरी तरह से गलत है.
रांची : दुनियाभर में क्रिकेट का सीजन चल रहा है. रांची में भी ‘अंडर-14 स्कूल क्रिकेट टूर्नामेंट’ का आयोजन हो रहा है. रांची जिला क्रिकेट संघ (आरडीसीए) के तत्वावधान में आयोजित इस टूर्नामेंट में कुल 45 टीमें हिस्सा ले रही हैं. इन सभी टीमों को नौ अलग-अलग ग्रुपों में बांटा गया है, लेकिन सबसे अहम सवाल इस टूर्नामेंट के प्रारूप को लेकर उठ रहा है. इस टूर्नामेंट का नाम ‘अंडर-14 स्कूल क्रिकेट’ है, लेकिन इसमें विभिन्न अकादमी की 38 टीमें भाग ले रही हैं. टूर्नामेंट में सिर्फ सात स्कूल की टीमों को प्रवेश दिया गया है. साथ ही, इन सातों स्कूल की टीमों 35 ओवरवाले इस टूर्नामेंट के सिर्फ दो ग्रुपों में रखा गया है. ग्रुप ए में विवेकानंद विद्या मंदिर, कैराली स्कूल, एसजीबीएम, ओडीएम सफायर और टॉरियन वर्ल्ड स्कूल, जबकि ग्रुप बी में जेवीएम और एसएसवीएस की टीमें शामिल हैं. आरडीसीए के पूर्व सचिव सुनील सिंह ने बताया कि पहले इस टूर्नामेंट में 32 से 45 स्कूल की टीमें हिस्सा लेती थीं, लेकिन अब इसमें सिर्फ सात स्कूल की टीमें शामिल हो रही हैं.
टूर्नामेंट में दो बार बने रिकॉर्ड पर उठाये सवाल
एक समय स्कूल क्रिकेट में सबसे अधिक रन का रिकॉर्ड महेंद्र सिंह धौनी और शब्बीर हुसैन के नाम दर्ज था, लेकिन रांची में चल रहे इस अंडर-14 स्कूल क्रिकेट के इस सत्र में अब तक दो बार धौनी और शब्बीर का रिकॉर्ड टूट चुका है. इस बारे में सुनील सिंह ने कहा कि जब टूर्नामेंट में अधिकतर टीमें अकादमी की खेल रही हैं, तो धौनी और शब्बीर का रिकॉर्ड ध्वस्त किया गया, यह कहना पूरी तरह से गलत है.
Also Read: JSCA रांची के बाद झारखंड को मिलेगा एक और शानदार क्रिकेट स्टेडियम, जानें किस शहर में होगा निर्माण
खिलाड़ियों की उम्र में हेराफेरी का अंदेशा
सुनील सिंह ने बताया कि पहले जब इस टूर्नामेंट में स्कूल की टीमें हिस्सा लेती थीं, तब खिलाड़ियों की उम्र को लेकर कोई सवाल नहीं उठते थे. इसका कारण था कि स्कूल से खिलाड़ियों का जन्म प्रमाण पत्र आरडीसीए को उपलब्ध हो जाता था, लेकिन अब टूर्नामेंट में अकादमी की टीमें हिस्सा ले रही हैं. ऐसे में बड़े उम्र के खिलाड़ियों के जन्म प्रमाण पत्र में हेराफेरी कर उन्हें अंडर-14 में खेलने की अनुमति देना भी पूरी तरह संभव है.