राणा प्रताप, रांची : अनुदान प्रपत्र नहीं भरा पाने को लेकर झारखंड में वित्त रहित संस्थानों के कर्मी शनिवार को हड़ताल पर रहे. इस दौरान वे स्कूल कॉलेज के मुख्य द्वार पर सचिव, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग का पुतला फूंका. जानकारी के मुताबिक राज्य के 1250 वित्त रहित संस्थानों के आज 10000 से ज्यादा शिक्षक कर्मचारी हड़ताल पर थे. इसमें 195 स्वीकृत इंटर कॉलेज, 125 स्थापना अनुमति इंटर कॉलेज, लगभग 500 हाई स्कूल एवं लगभग 100 मदरसा विद्यालय तथा 38 संस्कृत विद्यालय शामिल रहे. हड़ताल के कारण राज्य के लगभग 1250 शिक्षण संस्थानों में ताले लटके रहे और शिक्षक कर्मचारी संस्था के मुख्य द्वार पर प्रदर्शन करते रहे और शिक्षा सचिव का पुतला फूंका. हालांकि, हाल ही में चल रहे नवमी परीक्षा को लेकर जो परीक्षा केंद्र बनाये गये थे उसे हड़ताल से मुक्त रखा गया था. हड़ताल के कारण लगभग 3 लाख छात्र-छात्राओं का पठन-पाठन ठप रहा
क्या है मांग
- मोर्चा अनुदान की राशि में हुए 75% वृद्धि के संलेख को मंत्री परिषद में भेजा जाए
- अनुदानित शिक्षक कर्मियों को राज्य कर्मी का दर्जा दिया जाए
हड़ताल में कौन कौन मुख्य रूप से रहे शामिल
हड़ताल करने वाले नेताओं में कुंदन कुमार सिंह, रघुनाथ सिंह, हरिहर प्रसाद कुशवाहा, फजलुल कादरी अहमद, मनीष कुमार, गणेश महतो अरविंद सिंह, नरोत्तम सिंह ,अनिल तिवारी, संजय कुमार, चंदेश्वर पाठक, देवनाथ सिंह एवं रघु विश्वकर्मा तथा रणजीत मिश्रा मुख्य रूप से शामिल रहे. उन्होंने इस शैक्षणिक हड़ताल को सफल बताया है. उनका कहना है कि यह वित्त रहित शिक्षक कर्मियों की एकता के कारण संभव हुआ.
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अनुदान प्रपत्र नहीं भरने के मामले में जांच की मांग
मोर्चा ने अनुदान प्रपत्र नहीं भरने के मामले को लेकर हरिहर प्रसाद कुशवाहा की अध्यक्षता में एक बैठक भी की. जिसमें मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन से उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की गयी. अध्यक्ष ने कहा है कि अनुदान प्रपत्र नहीं भरने के मामले पर मुख्यमंत्री से उच्चस्तरीय जांच की मांग की गयी है. बैठक में यह भी तय हुआ कि अगर अनुदान की राशि लेफ्स हुए तो इसके लिए पूरी तरह से शिक्षा विभाग जिम्मेवार होगा. इसके लिए उग्र आंदोलन के साथ मुख्यमंत्री आवास का घेराव भी किया जाएगा. मोर्चा के नेताओं का कहना था कि विभागीय षड्यंत्र के चलते अभी तक ऑनलाइन प्रपत्र नहीं भरा जा सका है.