झारखंड के 11 सरकारी विवि में 1443 अप्रेंटिस रखे जायेंगे, 12 हजार मिलेगा मानदेय
अप्रेंटिस की नियुक्ति नेशनल अप्रेंटिसशिप ट्रेनिंग स्कीम (एनएटीएस) के तहत की जा रही है. इसमें चयनित होने वाले लोगों को 12 हजार मिलेगा मानदेय मिलेगा.
संजीव सिंह, रांची : झारखंड के 11 सरकारी विवि में लगभग 1443 अप्रेंटिस रखे जायेंगे. इन्हें प्रति माह 12 हजार रुपये मानदेय मिलेगा. स्नातक डिग्रीधारी प्रशिक्षु की नियुक्ति एक वर्ष के लिए होगी. अप्रेंटिसशिप पूरा होने पर संबंधित विश्वविद्यालय की ओर से सर्टिफिकेट प्रदान किया जायेगा. विश्वविद्यालय की ओर से नियुक्ति के लिए आवेदन मंगाने की प्रक्रिया शुरू कर प्रशिक्षु का चयन किया जायेगा. इसके लिए सभी विवि में एक नोडल अफसर की नियुक्ति की गयी है. यह नियुक्ति नेशनल अप्रेंटिसशिप ट्रेनिंग स्कीम (एनएटीएस) के तहत की जा रही है. कुल 12 हजार रुपये में साढ़े सात हजार रुपये राज्य सरकार की तरफ से और साढ़े चार हजार रुपये बीओपीटी शेयर के तहत प्रति माह दिये जायेंगे.
किस विवि में कितने होंगे नियुक्त :
राज्य सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक, रांची विवि में 156 अप्रेंटिस नियुक्त होंगे, जबकि विनोद बिहारी महतो कोयलांचल विवि में 146, डीएसपीएमयू में 135, जमशेदपुर वीमेंस यूनिवर्सिटी में 50, झारखंड रक्षा शक्ति विवि में 36, झारखंड स्टेट ओपेन यूनिवर्सिटी में 128, कोल्हान यूनिवर्सिटी में 107, नीलांबर-पीतांबर विवि में 62, पंडित रघुनाथ मुर्मू ट्राइबल यूनिवर्सिटी में 279, सिदो-कान्हू मुर्मू विवि में 128 तथा विभावि हजारीबाग में 216 अप्रेंटिस रखे जायेंगे.
रांची विवि मुख्यालय में 16 अप्रेंटिस रहेंगे
रांची विवि में कुल 156 अप्रेंटिस में 16 अप्रेंटिस मुख्यालय में तथा 140 अप्रेंटिस कॉलेजों में रखे जायेंगे. इनमें बीएन जालान कॉलेज सिसई में 07, बीएस कॉलेज लोहरदगा-09, बिरसा कॉलेज खूंटी-07, डिग्री कॉलेज घाघरा-05, डोरंडा कॉलेज-10, जेएन कॉलेज धुर्वा-08, केसी भगत कॉलेज बेड़ो-10, मांडर कॉलेज-10, मारवाड़ी कॉलेज-10, मॉडल डिग्री कॉलेज बानो-04, पीपीके कॉलेज बुंडू-10, आरएलएसवाइ कॉलेज-10, रांची वीमेंस कॉलेज-10, एसएस मेमोरियल कॉलेज-10, सिमडेगा कॉलेज-08, वीमेंस कॉलेज लोहरदगा-04 और वीमेंस कॉलेज सिमडेगा में 04 अप्रेंटिस रखे जायेंगे.
क्या होंगे इनके कार्य
अप्रेंटिस की नियुक्ति से मुख्य रूप से छात्रों की प्रयोगशाला और कर्मशाला से संबंधित वर्ग कार्य कराने में सहूलियत होगी. साथ ही प्रशिक्षुओं की कौशल वृद्धि भी होगी. इनका प्रशिक्षण पूरा होने पर इनके प्लेसमेंट में मदद मिलेगी. इनका उपयोग प्रयोगशाला के साथ-साथ पुस्तकालय, कंप्यूटर लैब और लेखा शाखा के लिए किया जायेगा.