संजीव सिंह, रांची:
झारखंड के कई सरकारी विश्वविद्यालय और अंगीभूत कॉलेजों ने अब तक नैक एक्रिडिएशन नहीं कराया है. इसे लेकर राज्य सरकार ने नाराजगी जतायी है. उच्च शिक्षा निदेशालय ने इसे काफी गंभीरता से लिया है. सभी विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार तथा कॉलेज के प्राचार्य को पत्र भेजकर अपनी नाराजगी जतायी है. पत्र में कहा गया है कि सरकार ने राज्य के शत-प्रतिशत सरकारी विश्वविद्यालयों तथा अंगीभूत कॉलेजों व संबद्ध कॉलेजों का नैक मूल्यांकन और एक्रिडिएशन कराने का लक्ष्य सुनिश्चित किया है. इस क्रम में विभागीय स्तर से सभी संस्थानों को लगातार प्रशिक्षण, सहयोग और सुझाव उपलब्ध कराये जा रहे हैं. इसके बाद भी संस्थानों का मूल्यांकन व एक्रिडिएशन के प्रति उदासीनता बनी हुई है, जो अत्यंत ही खेदजनक है.
पत्र में लिखा गया है कि कई संस्थानों के एक्रिडिएशन की वैधता काफी पहले खत्म हो चुकी है. लेकिन इन संस्थानों के स्तर से भी मूल्यांकन व एक्रिडिएशन के लिए गंभीर प्रयास नहीं किये जा रहे हैं. ऐसा करना सरकारी निर्देशों की अनदेखी तो है ही, साथ ही राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रावधानों का हनन भी है. उच्च शिक्षा निदेशालय की उपनिदेशक सह राज्य नोडल पदाधिकारी डॉ विभा पांडेय ने भेजे गये पत्र में यह भी निर्देशित किया है कि सभी सरकारी विवि तथा उनके अधीनस्थ अंगीभूत कॉलेजों व संबद्ध कॉलेजों के नैक मूल्यांकन व एक्रिडिएशन की अद्यतन स्थिति प्राप्त करने के लिए एक गूगल फॉर्म तैयार किया गया है. इसके लिए सभी विवि व कॉलेज को लिंक भी भेजे गये हैं. साथ ही निर्देश दिया गया है कि संस्थान अनिवार्य रूप से 22 जनवरी तक इस लिंक के माध्यम से मांगे गये सभी डाटा को जमा करें.
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उच्च शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि नैक एक्रिडिएशन नहीं रहने पर सरकार द्वारा किसी भी प्रकार के अनुदान से वंचित रखते हुए अनुशासनात्मक कार्रवाई की जायेगी. इधर, रांची विश्वविद्यालय द्वारा नैक एक्रिडिएशन लेने के लिए आवश्यक कार्रवाई लगभग पूरी कर ली है. झारखंड के लगभग 60 प्रतिशत संस्थानों के पास नैक ग्रेडिंग नहीं है.
विवि–ग्रेड– समाप्त होने का वर्ष
रांची विवि–बी प्लस प्लस–एक मई 2022
विभावि–बी–16 मार्च 2021
सिदो-कान्हू मुर्मू विवि–सी–एक नवंबर 2023
कोल्हान विवि–बी–जनवरी 2028