Jharkhand News: झारखंड की उच्च शिक्षा में गुणवत्ता लाने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने यूजीसी एक्ट-2018 में कुछ संशोधन करने का निर्णय लिया है. संशोधन करने की प्रक्रिया चल रही है. फिलहाल इस संशोधन में अब संस्थानों के नैक ग्रेडिंग के आधार पर शिक्षण अनुभव प्राप्त करनेवाले अभ्यर्थियों को असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति में प्वाइंट मिलेंगे.
अब रिसर्च फैकल्टी को प्रोत्साहित किया जायेगा. जो शिक्षक प्रोजेक्ट या कंसलटेंसी पर काम करेंगे, उन्हें प्रोत्साहन राशि मिलेगी. वर्तमान में यह राशि विवि के पास जमा हो जाती है. नये संशोधन में पितृत्व अवकाश का भी प्रावधान रखा जायेगा. यूजीसी एक्ट 2018 के तहत असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति में पीएचडी अनिवार्य किया गया है, लेकिन कोरोना को देखते हुए इसमें छूट दी गयी है. वर्ष 2023 जून तक होनेवाली नियुक्ति में पीएचडी की अनिवार्यता शिथिल कर दी गयी है. वर्तमान में 11 जुलाई 2009 से पूर्व पीएचडी करनेवाले अभ्यर्थियों को नेट/स्लेट से छूट दी गयी है. लेकिन 2023 के बाद पीएचडी के साथ-साथ नेट उत्तीर्ण होना भी जरूरी किये जाने की संभावना है.
शिक्षक प्रोन्नति में भी अब पीएचडी अनिवार्य होगा. इसके अलावा सह शैक्षणिक गतिविधियां मसलन एनएसएस, एनसीसी, कल्चरल, सामाजिक कार्य में नेतृत्व, प्रशासनिक पदों पर कार्य , परीक्षा से संबंधित कार्य, शोध निर्देशन आदि भी प्रोन्नति में जोड़े जायेंगे. प्रोन्नति के लिए शिक्षक का सेमिनार, सिंपोजियम, व्याख्यानमाला आदि में सहभागिता, यूजीसी द्वारा स्वयं, मूक आदि में कम्यूनिकेशन मैटेरियल तैयार करना, शोध पत्र का जर्नल, बुक में प्रकाशन, शैक्षणिक अनुभव आदि शामिल होंगे.
रिपोर्ट : संजीव सिंह