झारखंड : विवि की महिला शिक्षकों को चाइल्ड केयर के लिए मिलेगी 2 साल की छुट्टी, बस इन 2 शर्तों को करना होगा पूरा

विवि व कॉलेज शिक्षकों को पूरे सेवाकाल में अर्जित अवकाश और संयुक्त रूप से ली गयी परिवर्तित अवकाश की कुल अवधि एक समय में 240 दिनों से अधिक नहीं होगी.

By Prabhat Khabar News Desk | August 17, 2023 9:45 AM

राज्य के विवि व कॉलेजों की महिला शिक्षकों को अब चाइल्ड केयर लीव यानी बच्चों की देखभाल के लिए दो वर्ष की छुट्टी मिलेगी. इसके लिए शर्त रखी गयी है कि बच्चों की उम्र 18 वर्ष से कम होनी चाहिए. उसमें भी दो से अधिक बच्चे नहीं होने चाहिए. एक शिक्षिका को चाइल्ड केयर लीव अधिकतम दो वर्ष (730 दिन) की अवधि के लिए दी जा सकेगी. छुट्टी में पहले 365 दिनों के लिए वेतन का 100% और अगले 365 दिनों के लिए वेतन का 80% दिया जायेगा.

यदि बच्चे की देखभाल की छुट्टी एक बार में 45 दिनों से अधिक के लिए दी जाती है, तो विवि अतिथि शिक्षक की व्यवस्था कर सकता है. बच्चों की देखभाल छुट्टी (सीसीएल) के लिए पहले वर्ष के लिए विवि से अनुमति मिल सकती है, लेकिन अगले वर्ष के लिए रजिस्टर्ड डॉक्टर से चिकित्सा प्रमाण पत्र के आधार पर ही मिलेगी.

प्रस्ताव भेजने का निर्देश :

विवि व कॉलेज शिक्षकों को पूरे सेवाकाल में अर्जित अवकाश और संयुक्त रूप से ली गयी परिवर्तित अवकाश की कुल अवधि एक समय में 240 दिनों से अधिक नहीं होगी. पूर्व में शिक्षकों को 180 दिन की छुट्टी मिलती थी. विवि व कॉलेजों में महिला शिक्षकों को पूर्व से ही छह माह का मातृत्व अवकाश मिल रहा है, जबकि 15 दिन का पितृत्व अवकाश भी स्वीकृत है. उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग ने सभी विवि को प्रस्ताव भेज कर सिंडिकेट/सीनेट से पास करा कर भेजने का निर्देश दिया है.

एक जुलाई 2023 तक पीएचडी की बाध्यता थी

कोरोना के कारण यूजीसी रेगुलेशन के तहत झारखंड में भी असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति में एक जुलाई 2023 तक पीएचडी योग्यता अनिवार्य की गयी थी. लेकिन एक जुलाई 2023 के बाद इसकी बाध्यता समाप्त हो गयी. नेट/जेट/स्लेट के साथ पीएचडी उत्तीर्ण अभ्यर्थी भी इसमें शामिल हो सकते हैं. विभाग ने सभी विवि को नियमावली संशोधन के लिए ड्राफ्ट भेज दिया है.

जेट के आयोजन की भी मिली हरी झंडी

झारखंड में विवि में असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति के लिए झारखंड पात्रता परीक्षा (जेट) के आयोजन की भी हरी झंडी मिली है. विवि सिंडिकेट द्वारा ड्राफ्ट को अनुशंसित कर विभाग को भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है.

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