Jharkhand Politics: झारखंड में राजनीतिक उथल-पुथल की स्थिति बरकरार है. इसी बीच यूपीए को-ऑर्डिनेशन कमेटी ने राज्यपाल से मिलने का समय लिया है. झामुमो की ओर से जारी सूचना के मुताबिक आज शाम चार बजे संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) का एक प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल रमेश बैस से राजभवन जा कर मुलाकात करेंगे.
वहीं राजभवन से प्राप्त जानकारी के अनुसार, राजनीतिक धूंध को स्पष्ट करने के लिए को-ऑर्डिनेशन कमेटी के विनोद पांडे ने राजभवन को मिलने के लिए समय देने संबंधी आग्रह पत्र भेजा था, जिसे अस्वीकार कर लिया गया है.
बताते चलें कि ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में चुनाव आयोग ने सीएम हेमंत सोरेन की सदस्यता रद्द करने संबंधी अपनी रिपोर्ट दी है. इस आधार पर राज्यपाल ने सीएम हेमंत सोरेन की झारखंड विधानसभा से सदस्यता रद्द का फैसला लिया है. लेकिन राजभवन की ओर से अब तक चुनाव आयोग को कोई पत्र नहीं भेजा गया है. इसी वजह से राजनीतिक उथल-पुथल मची हुई है. यूपीए गठबंधन का प्रतिनिधिमंडल इसी उथल-पुथल को लेकर राज्यपाल से मिलने जा रहा है.
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20 जनवरी 2022 को आइटीआइ कार्यकर्ता सुनील महतो ने राज्यपाल को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर पद का गलत इस्तेमाल कर अपने नाम से खनन लीज लेने के संबंध में शिकायत पत्र दिया.
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10 फरवरी 2022 को पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से इस्तीफे की मांग की
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पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास, बाबूलाल मरांडी ने 11 फरवरी 2022 को राज्यपाल से अनगड़ा में 0.88 एकड़ में पत्थर खादान अपने नाम पर लेने की शिकायत की थी.
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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में कार्रवाई के लिए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश के नेतृत्व में भाजपा के सदस्यों ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा था.
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राज्यपाल ने शिकायत पत्र के साथ केंद्रीय चुनाव आयोग से जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 9 ए के तहत मांगी थी राय.
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चुनाव आयोग ने आठ अप्रैल 2022 को मुख्य सचिव से खनन लीज आवंटन प्रमाणीकरण के लिए मांगे थे कागजात
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27 अप्रैल 2022 को मुख्य सचिव ने चुनाव आयोग को खनन लीज आवंटन मामले में 600 पेज का जवाब भेजा था
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चुनाव आयोग ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को इस मामले में दो मई 2022 को भेजा था नोटिस और 10 मई तक नोटिस का जवाब मांगा था
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10 मई को चुनाव आयोग को जवाब देने के लिए हेमंत सोरेन ने मां के बीमार रहने की बात कह कर 10 दिन का समय मांगा.
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चुनाव आयोग ने आग्रह को मानते हुए 20 मई 2022 तक जवाब देने का समय दिया.
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हेमंत सोरेन ने फिर 20 मई 2022 को अपना जवाब विशेष दूत के माध्यम से चुनाव आयोग को भिजवाया.
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चुनाव आयोग ने 31 मई 2022 को इस मामले में हेमंत सोरेन से स्वयं या अपने वकीलों के माध्यम से जवाब मांगा सीएम ने समय की मांग की तब आयोग ने 14 जून की तिथि निर्धारित की.
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सीएम द्वारा पुन: तिथि बढ़ाने की मांग की गयी तब आयोग द्वारा 28 जून की अंतिम तिथि निर्धारित करते हुए पत्र राज्य निर्वाचन आयोग को भी भेज दिया गया था.
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28 जून को हुई सुनवाई में भाजपा के वकीलों ने जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 9 ए के तहत मुख्यमंत्री की सदस्यता रद्द करने पर जोर दिया था.वहीं मुख्यमंत्री की ओर से चुनाव आयोग के समक्ष वरिष्ठ वकील मीनाक्षी अरोड़ा की टीम चुनाव आयोग के समक्ष इसका विरोध करते हुए कहा था यह ऑफिस ऑफ प्रॉफिट का मामला नहीं है.चुनाव आयोग ने अगली सुनवाई के लिए 14 जुलाई का समय दिया.
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14 जुलाई को हेमंत सोरेन के वकीलों ने अपना पक्ष रखा. सुनवाई की अगली तिथि पांच अगस्त निर्धारित की गयी.
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चुनाव आयोग ने पांच अगस्त को सुनवाई की तिथि निर्धारित की. हेमंत सोरेन के वकीलों के आग्रह पर तिथि बढ़ाकर आठ अगस्त की गयी
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आठ अगस्त को भाजपा के वकीलों ने अपना पक्ष रखा, हेमंत के वकीलों ने विस्तृत पक्ष रखने के लिए अतिरिक्त समय की मांग की. चुनाव आयोग ने 12 अगस्त की तिथि दी.
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12 अगस्त को हेमंत सोरेन की मामले की सुनवाई पूरी हुई. चुनाव आयोग ने दोनों पक्षों को लिखित बहस को 18 अगस्त तक भेजने का निर्देश दिया.
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चुनाव आयोग को हेमंत सोरेन के अधिवक्ताओं की तरफ से 18 अगस्त को लिखित जवाब दिया गया. सुनवाई की प्रक्रिया पूरी होने के बाद आयोग ने आदेश सुरक्षित रख लिया.
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25 अगस्त को दिन के साढ़े 10 बजे आयोग ने अपनी राय राज्यपाल को भेज दी.