रांची : झारखंड विधानसभा के अंदर और बाहर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायकों ने गुरुवार (19 मार्च, 2020) को प्रदेश में ‘भूख से मौत’ पर सरकार से जवाब मांगा. पार्टी के नेताओं ने विधानसभा के मेन गेट की सीढ़ियों पर खड़े होकर हेमंत सोरेन की सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.
भाजपा विधायक अनंत कुमार ओझा, भानु प्रताप शाही, अमर कुमार बाउरी समेत अन्य विधायकों ने झारखंड में भूख से मौत के लिए हेमंत सोरेन की सरकार को जमकर कोसा. कहा कि खुद को आदिवासियों का हितैषी बनाने वाले हेमंत सोरेन ने आदिवासियों को भूख से मरने के लिए छोड़ दिया है.
इन विधायकों ने हाथ में पोस्टर ले रखे थे. अनंत कुमार के हाथ में जो पोस्टर था, उस पर लिखा था, ‘कसमार के भूखल घासी की भूख से हुई मौत पर हेमंत सरकार जवाब दो’. एक अन्य विधायक के पास जो पोस्टर था, उसमें भूखल घासी के परिजनों को 10 लाख रुपये मुआवजा और नौकरी देने की मांग की गयी थी.
उल्लेखनीय है कि 7 मार्च, को बोकारो जिला के कसमार प्रखंड में भूखल घासी (42) की मौत हो गयी. कथित तौर पर उसकी मौत भूख से हुई. भूखल के परिवार ने दावा किया कि उनके घर में कई दिनों से खाना नहीं था. खाना न मिलने पर भूखल की मौत हो गयी.
मीडिया में जब यह खबर चली, तो बोकारो प्रशासन ने कहा कि भूखल की मौत भूख से नहीं, बीमारी से हुई है. वह कई महीनों से बीमार था. मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया कि भूखल घासी के परिवार के पास न तो राशन कार्ड था, न आयुष्मान कार्ड.
मृतक की पत्नी रेखा देवी ने कहा कि पिछले कई दिनों से उनके घर में खाने के लिए कुछ नहीं था. पत्नी के दावे को गलत बताते हुए बोकारो के उपायुक्त मुकेश कुमार ने कहा, ‘भूखल रक्तहीनता से पीड़ित था और डॉक्टरों की निगरानी में था. वह बेंगलुरु में काम करता था और बीमार पड़ने के बाद 6 महीने पहले ही यहां लौटा था. भूखल की मौत बीमारी से हुई है.’
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए ट्विटर के जरिये अधिकारियों को पीड़ित परिवार की मदद के निर्देश दिये. मुख्यमंत्री के ट्वीट के बाद अधिकारी हरकत में आये और जिले के डिप्टी कमिश्नर अपनी टीम के साथ भूखल घासी के गांव पहुंचे और अनाज एवं अन्य मदद दी.
यहां बताना प्रासंगिक होगा कि गुरुवार को झारखंड विधानसभा के बजट सत्र की कार्यवाही शुरू होते ही एक बार फिर हंगामे में डूब गयी. भूखल घासी की भूख से मौत को लेकर भाजपा विधायक जांच की मांग करते हुए वेल में आकर प्रदर्शन करने लगे. इससे पहले तख्तियां लेकर सदन के बाहर भी विपक्षी दल के विधायकों ने नारेबाजी कर अपना विरोध जताया.