झारखंड विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे झामुमो, भाजपा और कांग्रेस के ये दिग्गज, जानें क्यों

Jharkhand Vidhan Sabha Chunav 2024: झामुमो, भाजपा और कांग्रेस के आधा दर्जन से अधिक दिग्गज नेता झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 नहीं लड़ेंगे. जानें क्यों.

By Mithilesh Jha | October 16, 2024 7:27 AM
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Jharkhand Vidhan Sabha Chunav 2024: झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 की तारीखों का ऐलान हो चुका है. 13 नवंबर और 20 नवंबर को दो चरणों में इस बार चुनाव कराए जाएंगे. 23 नवंबर को मतगणना होगी और उसी दिन तय हो जाएगा कि झारखंड में अगली सरकार किसकी बनेगी. इससे पहले सभी पार्टियां अपने-अपने उम्मीदवारों की घोषणा करेगी. लेकिन, इस बार कई दिग्गज नेता विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे.

2019 में चुनाव जीतने वाले 8 दिग्गज इस बार नहीं लड़ेंगे चुनाव

जी हां. सही पढ़ा आपने. झारखंड के कम से कम 8 ऐसे बड़े नेता हैं, जो इस बार विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ेंगे. इनमें झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कद्दावर नेता नलिन सोरेन, झारखंड सरकार में कई बार मंत्री रहीं जोबा मांझी, डॉ सरफराज अहमद, हाजी हुसैन अंसारी, जगरनाथ महतो, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता ढुलू महतो, मनीष कुमार जायसवाल, कांग्रेस के बंधु तिर्की और राजेंद्र प्रसाद सिंह शामिल हैं. ये सभी वर्ष 2019 में विधानसभा का चुनाव लड़े थे और जीते भी थे.

शिकारीपाड़ा के सिकंदर नलिन सोरेन विधानसभा चुनाव से रहेंगे दूर

वर्ष 2024 के विधानसभा चुनाव में इन कद्दावर नेताओं की कमी खलेगी. संताल परगना की अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित शिकारीपाड़ा विधानसभा सीट से नलिन सोरेन लगातार चुनाव जीत रहे थे. इस बार वे चुनाव नहीं लड़ेंगे. दरअसल, नलिन सोरेन ने वर्ष 2024 का लोकसभा चुनाव दुमका (एसटी) लोकसभा सीट से लड़ा था और वह विजयी हुए थे. इसलिए लंबे अरसे बाद झारखंड की शिकारीपाड़ा (एसटी) विधानसभा को नया विधायक मिलेगा.

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गांडेय में डॉ सरफराज की जगह चुनाव लड़ेंगी कल्पना सोरेन

गांडेय विधानसभा सीट से डॉ सरफराज अहमद ने वर्ष 2019 में झामुमो के टिकट पर चुनाव जीता था. जनवरी 2024 में डॉ सरफराज अहमद ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. बाद में झामुमो ने उन्हें राज्यसभा भेज दिया. इस सीट पर लोकसभा के साथ उपचुनाव कराया गया. झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन अब गांडेय की विधायक हैं.

झारखंड बनने के बाद पहली बार विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी जोबा

कोल्हान प्रमंडल की मनोहरपुर (एसटी) विधानसभा सीट से इस बार जोबा माझी चुनाव नहीं लड़ेंगी. झारखंड विधानसभा के पिछले 4 चुनावों में उन्होंने जीत दर्ज की थी. इस बार के विधानसभा चुनाव में वह उम्मीदवार के रूप में नजर नहीं आएंगी. जोबा माझी सिंहभूम (एसटी) लोकसभा सीट से सांसद निर्वाचित हो चुकीं हैं और इस बार वह विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगीं.

मनीष जायसवाल हजारीबाग विधानसभा सीट से नहीं लड़ेंगे चुनाव

उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल की हजारीबाग विधानसभा सीट पर 2024 के झारखंड विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता मनीष जायसवाल उम्मीदवार नहीं होंगे. मनीष जायसवाल लगातार दो बार से भाजपा के टिकट पर हजारीबाग का विधानसभा चुनाव जीत रहे थे. लेकिन, 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें हजारीबाग से अपना प्रत्याशी बनाया और उन्होंने जीत भी दर्ज की. चूंकि वह लोकसभा के सदस्य बन गए हैं, इस बार विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ेंगे.

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बाघमारा में 3 बार जीतने वाले ढुलू महतो रहेंगे चुनाव से दूर

धनबाद जिले के बाघमारा विधानसभा सीट पर लगातार 3 बार जीत दर्ज करने वाले भाजपा के ढुलू महतो इस बार विधानसभा चुनाव के मैदान से बाहर रहेंगे. ढुलू महतो धनबाद लोकसभा सीट के सदस्य निर्वाचित हो चुके हैं. इसलिए वर्ष 2009, वर्ष 2014 और वर्ष 2019 में लगातार 3 बार विधानसभा का चुनाव जीतने वाले ढुलू महतो इस बार विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे.

बंधु तिर्की नहीं लड़ेंगे झारखंड विधानसभा चुनाव

अब बात कांग्रेस पार्टी के नेता और दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल के रांची जिले की अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित मांडर विधानसभा सीट से वर्ष 2005, वर्ष 2009 और वर्ष 2019 में अलग-अलग पार्टियों के टिकट पर विधानसभा का चुनाव जीतने वाले बंधु तिर्की भी 2024 का झारखंड विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे. आय से अधिक संपत्ति मामले में कोर्ट ने सजा सुनाई है और वह चुनाव लड़ने के अयोग्य घोषित हो चुके हैं. उनकी जगह उनकी बेटी शिल्पी नेहा तिर्की उपचुनाव जीतकर मांडर की विधायक बनीं थीं.

झामुमो और कांग्रेस के ये 3 नेता चुनाव में नहीं आएंगे नजर

अब बात करते हैं, उन 3 दिग्गज राजनेताओं की, जो अब इस दुनिया में नहीं हैं. देवघर जिले की मधुपुर विधानसभा सीट से वर्ष 2019 का चुनाव जीतने वाले हाजी हुसैन अंसारी (झामुमो), डुमरी के विधायक जगरनाथ महतो (झामुमो) और बेरमो के विधायक राजेंद्र प्रसाद सिंह (कांग्रेस) का 5 साल के दौरान निधन हो गया. हाजी हुसैन अंसारी और जगरनाथ महतो की कोरोना संक्रमण की वजह से मौत हो गई, जबकि राजेंद्र प्रसाद का निधन फेफड़े में संक्रमण की वजह से हुआ. ये तीनों झारखंड सरकार के मंत्री रहे थे.

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