झारखंड विधानसभा बजट सत्र के पहले दिन स्पीकर ने कहा- सदन से जुड़ी हैं जनता की उम्मीदें

झारखंड विधानसभा बजट सत्र के पहले दिन स्पीकर ने कहा जनता की आशाएं और उम्मीदें इस बजट सत्र से जुड़ी हैं. मुझे उम्मीद है कि राज्य सरकार ने अपने प्रथम बजट सत्र में सिर्फ संरचना निर्माण का नहीं, बल्कि मानव संसाधन विकास का जो संकल्प लिया था, उस संकल्प को इस बजट सत्र में और गति मिलेगी.

By Prabhat Khabar News Desk | February 28, 2023 7:11 AM

Jharkhand Vidhansabha Budget session: झारखंड विधानसभा का बजट सत्र के पहले दिन सदन की कार्यवाही शुरू होते ही स्पीकर रबींद्र नाथ महतो ने अपने प्रारंभिक वक्तव्य में कहा कि यह चौथा बजट सत्र है. जनता की आशाएं और उम्मीदें इस बजट सत्र से जुड़ी हैं. मुझे उम्मीद है कि राज्य सरकार ने अपने प्रथम बजट सत्र में सिर्फ संरचना निर्माण का नहीं, बल्कि मानव संसाधन विकास का जो संकल्प लिया था, उस संकल्प को इस बजट सत्र में और गति मिलेगी. समावेशी विकास की जो यात्रा इस सरकार ने शुरू की है, उसे और गति मिलेगी. उन्होंने कहा कि संसदीय व्यवस्था में वाद-विवाद और प्रश्नोत्तर के श्रम से ही विकास के अमृत का निर्माण होता है.

पक्ष और विपक्ष अपने विचारों और विचारधाराओं के बीच राज्य की जनता के कल्याण को जब मूल में रखेंगे, तो मुझे पूरा विश्वास है कि बजट सत्र पूरी तरह से सफल होगा. मुझे आशा है कि इस लंबे सत्र के संचालन में सदस्यों का सकारात्मक सहयोग में मुझे प्राप्त होता रहेगा. उन्होंने कहा कि 10 से 12 जनवरी तक अखिल भारतीय पीठासीन पदाधिकारियों की बैठक जयपुर में हुई थी. इस बैठक में मुझे भी शामिल होने का अवसर मिला था. इस बैठक के कैसे विधायिका और न्यायपालिका में सामंजस्य स्थापित कर लोकतंत्र को और मजबूत किया जाये, इस पर चर्चा हुई. बैठक में राज्यसभा के सभापति और लोकसभा के अध्यक्ष का महत्वपूर्ण सुझाव प्राप्त हुआ.

स्पीकर ने की बजट सत्र के लिए सभापति की घोषणा

स्पीकर रबींद्र नाथ महतो ने बजट सत्र के लिए सभापतियों की घोषणा की. स्टीफन मरांडी, रामचंद्र चंद्रवंशी, सीता मूरमू, रामचंद्र सिंह और नीरल पूर्ति को बजट सत्र की अवधि के लिए सभापति मनोनीत किया. इस पर सीपी सिंह का कहना था कि सभापति तो मनोनीत होते हैं, लेकिन आसन में बैठने का अवसर आप नहीं देते है़ं मुझे याद नहीं है कि कभी आपने अवसर दिया हो़ इस पर स्पीकर ने कहा कि ऐसा नहीं है़ं महिला दिवस के दिन सीता मुरमू जी को सदन संचालन का मौका दिया गया था़ यह परंपरा रही है कि स्पीकर की तबीयत खराब है या नहीं, बैठे हों, तो मौका दिया जाता है़ स्टीफन मरांडी ने भी सभापति का दायित्व निभाया है.

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