Jharkhand Vidhansabha Sthapna Diwas 2022: दलगत भावना से ऊपर उठकर कार्य करें सभी सदस्य : राज्यपाल
झारखंड विधानसभा स्थापना दिवस के मौके पर राज्यपाल रमेश बैस ने कहा कि लोकतांत्रिक संस्थाओं की मर्यादा और विश्वास को अक्षुण्ण रखना सभी जनप्रतिनिधियों का दायित्व है. वहीं, सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि सत्तापक्ष के साथ विपक्ष की भूमिका भी अहम है.
झारखंड विधानसभा आज 22 साल का हो गया. विधानसभा स्थापना दिवस के मौके पर राज्यपाल रमेश बैस ने कहा कि लोकतांत्रिक संस्थाओं की मर्यादा और विश्वास को अक्षुण्ण रखना सभी जनप्रतिनिधियों का दायित्व है. कहा कि आप सभी जनप्रतिनिधि विधानसभा की प्रतिष्ठा और मर्यादा को और उच्च करने में योगदान दें. राज्यपाल ने कहा कि जनता के भरोसे पर खरा उतरने के दायित्व के प्रति जनप्रतिनिधियों को हमेशा संवेदनशील रहना चाहिए. झारखंड विधानसभा का नाम देश की आदर्श विधानसभाओं में हो, इसके लिए प्रत्येक सदस्य को अपनी सक्रिय भूमिका निभानी होगी. सभी सदस्य दलगत भावना से ऊपर उठकर कार्य करें.
राष्ट्रीय पटल पर मिली पहचानइस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष रबींद्र नाथ महतो ने कहा कि पिछले 20 वर्षों में झारखंड विधानसभा ने जिन संसदीय परंपराओं का निर्वहन किया है, उसे राष्ट्रीय पटल पर भी पहचान मिली है. कहा कि हमारे पूर्वजों ने जिस झारखंड के नवनिर्माण का सपना देखा था, उसे पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे, यह संकल्प लें.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड विधानसभा स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि विधानसभा राज्य की सर्वोच्च पंचायत है. यहां सभी सदस्यों की एक समान मान्यता है. जितनी सत्ता पक्ष की भूमिका अहम है, उतनी ही विपक्ष की. दोनों के सहयोग से ही राज्य को नई दिशा मिल सकती है. उन्होंने कहा कि अलग राज्य और अलग विधानसभा गठन के बाद पिछले 22 सालों में राज्य और राज्य की जनता के लिए हमने क्या किया और आगे क्या किया जाना चाहिए, इस पर मंथन करने की जरूरत है. सभी को मिल-जुलकर कार्य करने की जरूरत है, ताकि राज्य को और बेहतर और मजबूत बना सके.
वीरों- शहीदों की धरती है झारखंडमुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड वीरों- शहीदों की धरती है. यहां के अनेकों वीर देश की आजादी के साथ अन्याय, शोषण और जुल्म के खिलाफ संघर्ष करते रहे हैं. उन्होंने अंग्रेजों से लोहा लेते हुए अपनी कुर्बानी दी. आजादी के बाद भी अपने हक- अधिकार के लिए लड़ाई लड़ी. यह लड़ाई आज भी जारी है. इसके साथ झारखंड अलग राज्य का आंदोलन भी लंबे समय तक चला. कई आंदोलनकारी शहीद हुए. आखिरकार झारखंड अलग राज्य बना. झारखंड की अपनी विधायिका और कार्यपालिका वजूद में आयी और आज दोनों मिलकर राज्य को नई दिशा देने का काम कर रहे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि हम वीर -शहीदों के दिखाए रास्ते पर आगे बढ़ने का संकल्प लें.
आदिवासियों, दलितों पिछड़ों और अन्य कमजोर-वंचित वर्गों को मजबूत करने की जरूरतउन्होंने कहा कि आज भी यहां के आदिवासी, दलित, अल्पसंख्यक, पिछड़ा और कमजोर वर्ग अपने हक और अधिकार के लिए संघर्ष कर रहे हैं. हमारी जिम्मेवारी बनती है कि इनके प्रति पूरी संवेदना के साथ कार्य करते हुए उन्हें मुख्यधारा में लाने का प्रयास करें. इन सभी के कल्याण से ही राज्य का सम्यक विकास और खुशहाली संभव है.
कई जनकल्याणकारी योजनाओं को धरातल पर उतारे हैंमुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की लगभग 80 आबादी ग्रामीण परिवेश से आती है. इन वर्गों का सशक्तीकरण करने की दिशा में सरकार लगातार कार्य कर रही है. इस सिलसिले में कई जन कल्याणकारी योजनाओं को धरातल पर उतारने का काम सरकार कर रही है. वंचित और कमजोर वर्गों को इन योजनाओं का पूरा लाभ मिले, इसमें कार्यपालिका के साथ विधायिका को भी पूरी सक्रियता के साथ अपनी भागीदारी निभानी होगी. इस मौके पर संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम और उत्कृष्ट विधायक के सम्मान से नवाजे गए भाकपा माले विधायक विनोद कुमार सिंह ने भी संबोधित किया.
इन्हें किया गया सम्मानित– बिरसा मुंडा उत्कृष्ट विधायक के रूप में भाकपा माले के विधायक श्री विनोद कुमार सिंह सम्मानित गए
– कपिलेश्वर प्रसाद उत्कृष्ट विधान-कर्मी के रूप में संयुक्त सचिव धनेश्वर राणा, निजी सहायक अमित कुमार दास, वरीय सचिवालय सहायक अनवारूल हक अंसारी, चालक हेमंत कुमार चौरसिया और अनुसेवक अजित नारायण हुए सम्मानित
– देश के लिए वीरगति को प्राप्त सैन्य अधिकारियों जवानों, नक्सल अभियान में शहीद सुरक्षाबलों और शांति काल में अहम भूमिका निभाने के लिए शौर्य चक्र से सम्मानित सैनिकों को इस अवसर पर सम्मानित किया गया. इनमें शहीद मेजर सम्राट मैती की पत्नी और लेफ्टिनेंट कर्नल प्रभा बिष्ट, शहीद लेफ्टिनेंट कर्नल संकल्प कुमार की पत्नी प्रिया, सीआरपीएफ के शहीद कुलदीप उरांव की पत्नी बरखा उरांव, शहीद ठाकुर हेंब्रम की पत्नी अष्टमी हेंब्रम, शहीद शंकर नायक की पत्नी सपना नायक, बीएसएफ के शहीद संदीप सिंह की पत्नी सीमा सिंह, शहीद संदीप कुमार पाल के पिता जयनंदन पाल, सीआरपीएफ के शहीद चितरंजन कुमार की पत्नी जूही कुमारी, शौर्य चक्र से सम्मानित मेजर कर्नल राजेश सिंह, मेजर कुमार अंकुर, ग्रुप कैप्टन फिलिप्स पैट्रिक पिंटू, मोहम्मद जावेद और करमदेव उरांव शामिल हैं.
– राज्य और देश के लिए खेल के क्षेत्र में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए लॉन बॉल खिलाड़ी रूपा रानी तिर्की और लवली चौबे तथा फीफा अंडर-17 विश्व कप फुटबॉल प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली झारखंड की अष्टम उरांव, पूर्णिमा कुमारी, नीतू लिंडा, अंजलि मुंडा, अनिता कुमारी और सुधा अंकिता तिर्की को इस अवसर पर सम्मानित किया गया
– इंटरमीडिएट परीक्षा 2022 में टॉपर मानसी साहा (कला), प्रिया कुमारी (विज्ञान) और निक्की कुमारी (वाणिज्य) के साथ मैट्रिक में संयुक्त रूप से टॉपर रहे अभिजीत शर्मा, तन्नू कुमारी, तान्या साह, रिया कुमारी, निशा वर्मा और नीतू कुमारी को सम्मानित किया गया.
विधानसभा स्थापना दिवस समारोह में विधानसभा अध्यक्ष रबींद्र नाथ महतो द्वारा लिखित पुस्तक ‘संसदीय दायित्व के 3 वर्ष’, विधानसभा की त्रिमासिक पत्रिका ‘उड़ान’ के अलावा ‘राज्यपाल का अभिभाषण’ और ‘वित्त मंत्री का बजट भाषण’ पुस्तक का मंच पर मौजूद अतिथिगणों ने विमोचन किया.
विधानसभा अध्यक्ष ने 27 लाख 900 रुपये की राशि मुख्यमंत्री राहत कोष में दीविधानसभा अध्यक्ष रबींद्र नाथ महतो ने अपनी लिखित पुस्तक ‘विचारों के 11 अध्याय’ के रॉयल्टी के तौर पर प्राप्त 27 लाख 900 रुपये की राशि का चेक मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए मुख्यमंत्री को सौंपा. वहीं, उत्कृष्ट विधायक के सम्मान से नवाजे गए विनोद कुमार सिंह ने सम्मान राशि को अपने विधानसभा क्षेत्र के महाविद्यालयों में पाठ्य पुस्तक उपलब्ध कराने के लिए देने की घोषणा की है. इस समारोह में संसदीय कार्य और ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम, विधानसभा में सत्तारूढ़ दल के मुख्य सचेतक नलिन सोरेन के अलावा कई मंत्री, सांसद, विधायक, पूर्व मंत्री, पूर्व विधायक, झारखंड विधानसभा के प्रभारी सचिव जावेद हैदर, वीर- शहीदों के परिजन, खिलाड़ियों के परिजन और विधानसभा कर्मी मौजूद थे.