Jharkhand Village Story: झारखंड का एक गांव, जहां ढूंढने से भी कोई इंसान नहीं मिलता, कहां चला गया पूरा का पूरा गांव?

Jharkhand Village Story: आपको यकीन नहीं होगा, लेकिन झारखंड में एक ऐसा गांव है, जहां कोई इंसान नहीं रहता. इसकी आबादी शून्य है. इस राजस्व ग्राम के नाम पर कोई योजना भी नहीं बनती है. आइए जानते हैं इस बेचिरागी गांव बिरहोर चुआं की जमीनी हकीकत.

By Guru Swarup Mishra | February 13, 2025 7:05 AM

Jharkhand Village Story: रांची-झारखंड में एक ऐसा गांव है, जहां ढूंढने से भी कोई आदमी नहीं मिलता. इस गांव के नाम पर कोई सरकारी योजना भी नहीं बनती है. सरकारी दस्तावेज में राजस्व ग्राम के रूप में दर्ज इस गांव की आबादी शून्य है. न तो यहां कोई घर मिलेगा, न ही कोई इंसान. अब बच गए हैं सिर्फ हरे-भरे जंगल. आम के पेड़ के नीचे कब्रगाह उनकी मौजूदगी की गवाही देती है. आखिर पूरा का पूरा गांव कहां चला गया? आइए जानते हैं कि खूंटी जिले के रनिया प्रखंड की जयपुर पंचायत के बिरहोर चुआं गांव में ऐसा क्या हुआ कि यहां कोई आदमी नहीं है?

कब्रगाह दे रही बिरहोरों की मौजूदगी की गवाही


बिरहोर आदिम जनजाति समुदाय के होते हैं. ये घुमंतू हुआ करते हैं. दशकों पहले बिरहोर चुआं में बिरहोर समुदाय के लोग रहा करते थे. पीने के पानी और अन्य कार्यों के लिए वे चुआं का उपयोग करते थे. यही वजह है उस स्थान का नाम बिरहोर चुआं पड़ गया. बाद में बिरहोर समुदाय के लोग उस गांव से कहीं चले गए. इसके बाद कभी लौट कर वापस नहीं आए. वे कहां गये और क्यों नहीं लौटे? अब तक इस संबंध में स्पष्ट जानकारी नहीं है. हालांकि बिरहोर चुआं गांव में आम के पेड़ के नीचे उनकी कब्रगाह उनके वहां होने की पुष्टि करती है.

बेचिरागी गांव के नाम पर नहीं बनती सरकारी योजना


अधिकारियों से जब इस गांव के बाबत जानकारी ली जाती है तो वे सिर्फ इतना ही कहते हैं कि बिरहोर चुआं नाम का गांव तो है, लेकिन आबादी शून्य है. इस कारण सभी जगहों पर बेचिरागी गांव के रूप में रिपोर्ट भेज दी जाती है. यही वजह है कि इस गांव के नाम से कोई सरकारी योजना भी नहीं बनती है. जनगणना में भी जनसंख्या शून्य दर्शाया जाता है.

ये हैं खूंटी के बेचिरागी गांव


खूंटी जिले में दो बेचिरागी गांव हैं. एक रनिया प्रखंड का बिरहोर चुआं, जिसकी आबादी शून्य है. इसका क्षेत्रफल 207.75 हेक्टेयर है. दूसरा खूंटी प्रखंड के छोटा बांडी के नाम से एक राजस्व ग्राम है, जहां कोई नहीं रहता है. छोटा बांडी का क्षेत्रफल 18 हेक्टेयर है.

एक परिवार का गांव


खूंटी जिले के रनिया प्रखंड में ही एक ऐसा गांव है, जहां सिर्फ एक ही परिवार रहता है. उस गांव का नाम चेंगरे है. उस गांव का कुल क्षेत्रफल 87 हेक्टेयर है.

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