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Jharkhand Village Story: झारखंड का एक ऐसा गांव, जिसका नाम बताने में ग्रामीणों को आती थी काफी शर्म

झारखंड के एक गांव का नाम बताने में लोग काफी शर्माने लगते थे. वर्षों से चलती आ रही इन परेशानियों को नयी पीढ़ी के युवाओं ने खत्म करने का मन बनाया और पंचायत की मदद ली. गांव के सारे सरकारी दस्तावेजों में नया नामकरण करने के लिए ग्राम सभा की बैठक बुलायी. सर्वसम्मति से गांव का नया नाम रखा गया.

रांची: झारखंड में एक ऐसा गांव था, जिसका नाम बताने में लोग शर्माने लगते थे. नयी पीढ़ी के बच्चों की परेशानी का अंदाजा लगाया जा सकता है. खासकर लड़कियों की परेशानी तब काफी बढ़ जाती थी, जब स्कूल-कॉलेज या कोई अजनबी उनसे उनके गांव का नाम पूछता था. गांव का नाम इतना आपत्तिजनक था कि कि जुबां पर लाना बेहद मुश्किल होता था. नाम सुनकर लोग काफी मजाक उड़ाया करते थे. जाति, आवासीय व आय प्रमाण पत्रों में गांव का नाम देख लोग हंसने लगते थे. आखिरकार युवा पीढ़ी ने समाधान ढूंढा और आज गर्व से अपने गांव का नाम बताते हैं.

वर्षों से लोग अपने गांव का नाम को लेकर थे परेशान

झारखंड के देवघर जिले के मोहनपुर प्रखंड की बंका पंचायत में एक गांव का नाम काफी आपत्तिजनक था. गांव का नाम बताने में लोग शर्माने लगते थे. वर्षों से चलती आ रही इन परेशानियों को नयी पीढ़ी के युवाओं ने खत्म करने का मन बनाया और पंचायत की मदद ली. बंका पंचायत के तत्कालीन मुखिया रंजीत कुमार यादव ने गांव के सारे सरकारी दस्तावेजों में नया नामकरण करने के लिए ग्राम सभा की बैठक बुलायी. इसमें सर्वसम्मति से गांव का पुराना नाम बदलकर नया नाम मसूरिया रखने का प्रस्ताव पारित किया गया. सभी सरकारी कार्यालय समेत दस्तावेजों में मसूरिया नाम से गांव की इंट्री करायी गयी. अब राजस्व विभाग की वेबसाइट में भी इस गांव का नाम मसूरिया दर्ज हो गया है.

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सरकारी दस्तावेजों में नया नाम हो गया दर्ज

अब गांव के नये नाम से लोग अपनी जमीन की लगान भी जमा करते हैं. अंचल कार्यालय के राजस्व ग्राम समेत थाना व प्रखंड कार्यालय के राजस्व ग्रामों की सूची में मसूरिया का नाम दर्ज कराया गया. अब प्रखंड कार्यालय से संचालित विकास योजना का कार्य मसूरिया के नाम से हो रहा है. छात्रों को स्कूल व कॉलेज में जमा करने के लिए जाति, आवासीय व आय प्रमाण पत्र भी मसूरिया के नाम से जारी हो रहा है. छात्र अब अपने गांव का नाम खुलकर मसूरिया बताते हैं.

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अब फख्र से बताते हैं अपने गांव का नाम

बंका पंचायत के तत्कालीन मुखिया रंजीत कुमार यादव कहते हैं कि पुराने पर्चे में गांव का नाम भो… काफी आपत्तिजनक था. आज की नयी पीढ़ी को अपने गांव का पुराना नाम लिखने पर शर्म आती थी. विशेषकर लड़कियों को स्कूल व कॉलेज में गांव का नाम बताने में परेशानी होती थी. ग्रामसभा से सभी सरकारी दस्तावेजों में अब गांव का नया नाम मसूरिया कर दिया गया है. सभी प्रमाण पत्र मसूरिया के नाम से जारी हो रहे हैं.

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