प्रधानमंत्री मोदी 14 नवंबर को झारखंड आ रहे हैं. उनके आगमन को लेकर राज्य भर में उत्साह का माहौल है. प्रधानमंत्री 14 नवंबर की शाम को रांची के बिरसा मुंडा हवाई अड्डे पर पहुंचेंगे. जहां राज्यपाल सी पी राधाकृष्णन और सीएम हेमंत सोरेन पहले से ही उनके स्वागत के लिए मौजूद रहेंगे.
आपको बता दें कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहली बार दो दिवसीय दौरे पर झारखंड आएंगे. ऐसे में लोगों के मन में उनके शेड्यूल को लेकर बहुत से प्रश्न उठ रहे हैं. कुछ ये भी जानना चाह रहे हैं कि अगर पीएम मोदी रात भर झारखंड में रुकेंगे तो उन्हें खाने में क्या परोसा जाएगा? उन्हें नाश्ते में क्या खिलाया जाएगा? लोग जानना चाहते हैं कि पीएम मोदी के लिए रात के मेन्यू में क्या होगा? आइए जानते हैं कि इस दौरे के दौरान पीएम मोदी को कौन-कौन से व्यंजन परोसे जा सकते हैं.
धुस्का झारखंड के लगभग हर चौक चौराहे पर बिकता हुआ जरूर नजर आ जाएगा. धुस्का को आमतौर पर आलू चने की सब्जी या हरी चटनी के साथ खाया जाता है. यह भीगे चावल और चना दाल के बैटर से बनाता है.
लिट्टी चोखा बिहार-झारखंड में खूब खाए जाने वाले व्यंजनों में से एक है. इसकी लोकप्रियता देशों-विदेशों में है. लिट्टी को बनाना बेहद ही आसान है. गेहूं के आटे को गूथ कर उसमें सत्तू भर कर आग में पकाया जाता है. इसके बाद इसे आलू और बैंगन को मिलाकर बनाए चोखा के साथ खाया जाता है.
छिलका रोटी झारखंड के हर घर में जब चाहे बन जाता है. छिलका रोटी चावल के बैटर से बनता है. चावल के बैटर को तवा पर पकाया जाता है. चावल से बने होने के कारण इसके स्वाद में थोड़ी मिठास होती है. इसे कोई भी सब्जी के साथ लोग चाव से खाते हैं.
दाल और गेहूं के आटे से बने इस व्यंजन को बहुत ही पौष्टिक माना जाता है. इसे बनाने के लिए आपको गेहूं के आटे को पानी में डाल कर टाइट गूंथना होगा. इसके बाद आटे को छोटी-छोटी पूरी के आकर में बेल कर उसे चारों ओर से बीच में चिपकाते हुए फूल बनाना होगा. इसके बाद उसे चने की दाल में पका कर परोस सकते हैं. कुछ लोग मूंग दाल या मिक्स दाल का भी इस्तेमाल करते हैं. वहीं गेहूं के आंटे की जगह कुछ लोग चावल के आंटे का भी इस्तेमाल करते हैं. हालांकि, चावल के आंटे को गर्म पानी से गूंथा जाता है.
रुगड़े की सब्जी झारखंड में बेहद लोकप्रिय है. यह साल वृक्ष के नीचे पाया जाता है. यह सब्जी केवल दो महीनों के लिए ही उपलब्ध रहती है. बाजार में यह सब्जी 600 से 1000 रुपये प्रति किलो बिकती है. यह सब्जी विटामिन B-12, B-3, कैल्शियम, और उच्च स्तर के प्रोटीन से भरपूर है. इसे झारखंड में देसी मटन भी कहा जाता है. यह मशरूम की एक प्रजाति है, जो पौष्टिक होने के साथ-साथ स्वादिष्ट भी होता है.
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