झारखंड में मॉनसून आने का सामान्य समय जून के दूसरे सप्ताह (14-15 जून) के आसपास है. इस वर्ष केरल में बंगाल की खाड़ी से मॉनसून चार जून के आसपास आ सकता है. इसका असर झारखंड पर भी पड़ेगा. मॉनसून के सामान्य रुख में कोई बदलाव नहीं हुआ, तो झारखंड में जून के तीसरे सप्ताह (20 जून के आसपास) मॉनसून आ सकता है.
वैसे भी मौसम विभाग ने इस वर्ष सामान्य से पांच फीसदी तक कम बारिश का पूर्वानुमान लगया है. भारत में केरल से ही मॉनसून प्रवेश करता है. अरब सागर और बंगाल की खाड़ी के रास्ते मॉनसून आता है. झारखंड में आमतौर पर मॉनसून के दौरान करीब 1022 मिमी बारिश होती है. 2021 में 12 जून और 2020 में 13 जून को झारखंड में मॉनसून की बारिश शुरू हो गयी थी. 2022 में 15 जून के आसपास मॉनसून की बारिश शुरू हुई थी.
भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार दक्षिण-पश्चिम मॉनसून सामान्य रूप से एक जून को केरल में प्रवेश करता है. इसमें आमतौर पर लगभग सात दिनों की देरी या जल्दी शामिल होती है. पिछले साल मॉनसून 29 मई को केरल पहुंचा था. मौसम विभाग ने इस साल मॉनसून के सामान्य रहने का अनुमान जताया है. बीते महीने ही यह जानकारी दी गयी थी. अगर बारिश सामान्य रहती है, तो देश में खाद्यान्न उत्पादन भी सामान्य रहेगा.
इधर, मंगलवार को दिल्ली-एनसीआर धूल भरी आंधी की चपेट में रहा. मौसम विभाग ने उपग्रह से ली गयी तस्वीरें जारी कीं हैं, जिसमें उत्तर-पश्चिम भारत के बड़े हिस्से को धूल की एक मोटी चादर देखी गयी. मौसम विज्ञानियों ने धूल उड़ने के पीछे पांच दिन से उत्तर-पश्चिम भारत में भीषण गर्मी, बारिश न होने के कारण मिट्टी सूखी होने और आधी रात से ही तेज हवा के संयोजन को जिम्मेदार ठहराया है.
वर्ष पूर्वानुमान कब आया
2018 29 मई 29 मई
2019 06 जून 08 जून
2020 05 जून 01 जून
2021 31 मई 03 जून
2022 01 जून 29 मई