Weather Alert: झारखंड के किसानों के लिए बुरी खबर! दो दिन तक ओलावृष्टि का अलर्ट, बरतनी होंगी ये सावधानियां

Jharkhand Weather Alert|मौसम केंद्र रांची ने कहा है कि 30 अप्रैल और 1 मई को झारखंड के उत्तरी तथा निकटवर्ती मध्य भागों में कहीं-कहीं ओलावृष्टि हो सकती है. इससे सरसों, फल एवं सब्जियों, दलहनी फसल को नुकसान हो सकता है.

By Mithilesh Jha | April 28, 2023 7:31 PM

Jharkhand Weather Alert: झारखंड के किसानों के लिए एक बुरी खबर है. राज्य में दो दिन तक ओलावृष्टि होने की चेतावनी मौसम विभाग ने दी है. मौसम विभाग ने शुक्रवार को इस संबंध में ऑरेंज अलर्ट जारी कर दिया. भारत मौसम विज्ञान विभाग के मौसम केंद्र रांची ने कहा है कि 30 अप्रैल और 1 मई को झारखंड के उत्तरी तथा निकटवर्ती मध्य भागों में कहीं-कहीं ओलावृष्टि हो सकती है. इससे किसानों की फसल को नुकसान हो सकता है. कहा गया है कि सरसों, फल एवं सब्जियों, दलहनी फसल को नुकसान हो सकता है. मवेशियों को भी नुकसान हो सकता है. इसलिए किसानों से सतर्कता बरतने के लिए कहा गया है.

सरसों में हो सकती है अल्टरनेरिया ब्लाइट जैसी बीमारी

मौसम केंद्र रांची के मुताबिक, खेतों में जलभराव के कारण सरसों की फसलें झुक सकती हैं. उसकी जड़ की वृद्धि बाधित हो जायेगी. तना सड़ जायेगा और अल्टरनेरिया ब्लाइट जैसी बीमारियां हो सकती हैं. ओलावृष्टि की वजह से सरसों की फली गिर जायेगी. इसलिए किसानों को अपनी फसल की समय पर कटाई कर लेनी चाहिए. साथ ही उन्हें सुरक्षित स्थानों पर रखना चाहिए. कृषि क्षेत्र पर ओलावृष्टि का प्रभाव आधारित पूर्वानुमान में कहा गया है कि अगर फली पीली भूरी हो गयी हो, तो उसकी कटाई कर लें.

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फल एवं सब्जियों की खेती करने वाले किसानों को सलाह

फल एवं सब्जियों की खेती करने वाले किसानों से कहा गया है कि ओलावृष्टि की वजह से आम के मंजर झड़ सकते हैं, फलों पर दाग लग सकते हैं. ओले गिरने और भारी वर्षा के कारण सब्जियां सड़ सकती हैं. टमाटर के फल और फूल झड़ सकते हैं. मौसम विभाग ने किसानों को सलाह दी है कि खड़ी फसल में रोग के प्रसार को कम करने के लिए गिरे हुए फलों को हटा दें. बाग में वनस्पतियों की वृद्धि हो, इसके लिए खाद और अन्य चीजों का छिड़काव करें.

दलहनी फसलों की ऐसे करें सुरक्षा

मौसम विभाग ने दलहनी फसलों पर भी किसानों को सलाह दी है. कहा है कि वर्षा और ओलावृष्टि की वजह से फली का सही से विकास नहीं होता है. फली विकास अवस्था के दौरान फसलों की उपज पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है. दलहन की फसल में फफूंद का असर देखा जा सकता है. इसलिए खेत में जल निकासी की व्यवस्था करें. फफूंद लगने पर फसल की निगरानी करें. तैयार फसल को काटकर सुरक्षित और सूखे स्थान पर रखें.

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ऐसे करें मवेशियों की देख-रेख

पशुपालन करने वाले किसानों को भी सतर्क किया गया है. उन्हें सलाह दी गयी है कि अगर मौसम खराब होता है, तो अपने मवेशियों को खुले में बिल्कुल न छोड़ें. अगर मवेशियों को चराने के लिए बाहर ले जाते हैं, तो मौसम की स्थिति देखकर ही बाहर निकलें. अगर आप अपने मवेशी को पक्का मकान में नहीं रखते हैं, तो उसके लिए बने घर को अच्छी तरह से ढक दें.

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