Jharkhand Weather: झारखंड में मॉनसून फिर हुआ एक्टिव, इन जिलों में आज भारी बारिश का आसार, येलो अलर्ट जारी

रांची स्थित मौसम विज्ञान केंद्र की मानें तो देवघर, दुमका, गुड्डा, साहिबगंज, पाकुड़, जामताड़ा व गिरिडीह में भारी बारिश की संभावना है. इसे लेकर येलो अलर्ट जारी है.

By Sameer Oraon | August 10, 2024 8:35 AM

रांची : झारखंड में बन रहे साइक्लोनिक सर्कुलेशन से मॉनसून एक बार फिर सक्रिय हो गया है. इस कारण राजधानी रांची के कई इलाकों समेत विभिन्न जिलों में बारिश देखने को मिली है. मौसम विभाग ने कहा है कि आज भी राज्य के कई जिलों में अच्छी बारिश देखने को मिल सकती है. वहीं, कई जिलों में भारी बारिश की संभावना है. इसे लेकर येलो अलर्ट भी जारी किया गया है.

इन जिलों में भारी बारिश के आसार

रांची स्थित मौसम विज्ञान केंद्र की मानें तो देवघर, दुमका, गुड्डा, साहिबगंज, पाकुड़, जामताड़ा व गिरिडीह में भारी बारिश की संभावना है. इसे लेकर येलो अलर्ट जारी है. इस दौरान कई जगहों पर वज्रपात की भी संभावना जतायी गयी है. इन जिलों के अलावा भी अन्य जिलों में 75 फीसदी से अधिक वर्षा के आसार हैं. बीते 24 घंटे में सबसे अधिक बारिश कोल्हान के जमशेदपुर इलाके में हुई है. वहीं सबसे अधिक तापमान सरायकेला में 35 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया.

आधे से अधिक खेतों में हुई धनरोपनी

कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग ने चालू खरीफ मौसम में जितना धान लगाने का लक्ष्य रखा था, उसके आधे से अधिक में धान लग चुका है. शुरुआत में मॉनसून के कमजोर होने के कारण धान लगाने की रफ्तार बहुत धीमी थी. वहीं, एक से तीन अगस्त तक करीब-करीब पूरे राज्य में जबरदस्त बारिश हुई. इस कारण खेतों में पानी जमा हो गया था. इसके बाद किसानों ने धनरोपनी का काम तेज कर दिया. अब तक राज्य में करीब 9.25 लाख हेक्टेयर में धान की रोपाई की जा चुकी है.

गोड्डा में 18 फीसदी कम बारिश

नौ अगस्त बीत जाने के बाद भी गोड्डा में सामान्य से 18 फीसदी कम वर्षा हुई है. वर्षा सही तरीके से नहीं होने से खेती कार्य पर हर दिन इसका असर देखा जा रहा है. अगस्त माह में छिटपुट वर्षा होने से किसान खेती कार्य कर रहे हैं, लेकिन अब तक शत-प्रतिशत खेती कार्य नहीं किया जा रहा है. मालूम हो कि इस बार भी खरीफ के लिए 51 हजार 500 हेक्टेयर पर धनराेपनी का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, जो लक्ष्य से काफी दूर है. किसान दांड़ व नहरों में बह रहे पानी से खेती कार्य पटवन के सहारे कर रहे हैं. जिले के अधिकांश प्रखंडों की यह हालत है. गोड्डा प्रखंड में तो जुगाड़ से खेती कार्य किया जा रहा है.

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