रांची : झारखंड के लोग मॉनसून के आने का इंतजार कर रहे हैं. लेकिन इस बार का मॉनसून तीन दिन देरी से चल रहा है. मौसम विज्ञान केंद्र की मानें तो 20 मई तक झारखंड में मॉनसून के कोई संकेत नहीं मिल रहे हैं. अब 21 के बाद ही उम्मीद की जा रही है. आम तौर पर मॉनसून राज्य में बंगाल की खाड़ी के रास्ते आता है. जबकि, एक मॉनसून की बारिश अरब सागर से भी होती है. अरब सागर आनेवाली मॉनसूनी हवा तेजी से ऊपर चढ़ रही है, जिससे महाराष्ट्र में समय से पहले मॉनसून आ गया है.
हालांकि, शुरुआती दिनों में दक्षिण-पूर्व मॉनसून ने तेजी दिखायी थी. समय से पहले नार्थ-ईस्ट के सभी राज्यों को कवर कर लिया था. लेकिन उसके बाद इसकी रफ्तार धीमी हो गयी है. यही वजह है कि पश्चिम बंगाल, बिहार व झारखंड में भी मॉनसून की बारिश शुरू नहीं हुई है. बारिश नहीं होने की वजह से स्थिति ये है कि पलामू प्रमंडल के कई जिलों का अधिकतम तापमान 45 डिग्री सेसि के आसपास चल रहा है.
आज पलामू में लू की चेतावनी :
मौसम विज्ञान केंद्र का पूर्वानुमान है कि राज्य के उत्तर-पश्चिमी तथा निकटवर्ती उत्तरी हिस्से में 18 जून को भी लू चल सकती है. इसी दिन राज्य के कई हिस्सों में तेज गति से हवा व वज्रपात भी हो सकती है.
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सोमवार को कैसा रहा मौसम
सोमवार के मौसम की बात करें तो पलामू, गढ़वा व रामगढ़ में गंभीर लू की स्थिति रही. चतरा, लोहरदगा, लातेहार, जामताड़ा, देवघर, गिरिडीह, गोड्डा, पाकुड़ व हजारीबाग जिले में भी लू चली. रांची का तापमान 40 डिग्री सेसि से कम था. वहीं, रांची के आसपास के इलाकों में जोरदार आंधी बारिश के साथ ठनका गिरा. जोन्हा के डहुआ में तो ठनका गिरने से तीन मवेशियों की मौत हो गयी. वहीं, बेड़ो में भी ठनका गिरने से एक मवेशी की मौत हो गयी.
गुमला-लोहरदगा में आंधी-बारिश व वज्रपात :
गुमला और लोहरदगा में सोमवार दोपहर बाद गरज-चमक के साथ बारिश हुई. तेज हवाएं भी चलीं. इससे लोगों को गर्मी से राहत मिली. हालांकि, तेज हवा के कारण कई जगहों पर पेड़ों की डालियां टूट कर गिर गयीं. उधर, वज्रपात से गुमला के तेतरडीपा चिपरी गांव में एक मवेशी की मौत हो गयी.