Loading election data...

Jharkhand Weather: राज्य में मॉनसून सामान्य फिर भी सात जिले में 60 फीसदी से कम बारिश, जानिए क्या है वजह

झारखंड में 18 जून को ही मानसून प्रवेश कर गया है. पर जिस तरह की बारिश होनी चाहिए, वह नहीं हुई है. मॉनसून प्रवेश के बाद भी हर दिन बारिश की कमी का ग्राफ साफ-साफ दिखायी दे रहा है. यही वजह है कि राज्य के सात जिले 60 फीसदी से भी अधिक बारिश की कमी का सामना कर रहे हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 25, 2022 7:50 AM

Jharkhand Weather Update: झारखंड में 18 जून को ही मानसून प्रवेश कर गया है. पर जिस तरह की बारिश होनी चाहिए, वह नहीं हुई है. मॉनसून प्रवेश के बाद भी हर दिन बारिश की कमी का ग्राफ साफ-साफ दिखायी दे रहा है. यही वजह है कि राज्य के सात जिले 60 फीसदी से भी अधिक बारिश की कमी का सामना कर रहे हैं. मौसम विभाग की माने तो जून तक ऐसी ही स्थिति रहने वाली है, इसके बाद जुलाई में अच्छी बारिश की उम्मीद है. रांची मौसम विज्ञान केंद्र के प्रभारी अभिषेक आनंद ने बताया कि झारखंड में मानसून में प्रगति सामान्य है, न तो मजबूत और न ही कमजोर है.

39 से 44 फीसदी तक बारिश की रही कमी

झारखंड में मानसून की बारिश में 39 से 44 फीसदी तक की कमी अलग-अलग समय में देखने को मिल रही है. शुक्रवार को 44 फीसदी की कमी दर्ज की गयी. मौसम विभाग के मुताबिक 18 जून को झारखंड में मानसून पहुंचा तो बारिश की कुल कमी 50 प्रतिशत थी. राज्य में अच्छी बारिश होने के कारण 22 जून को बारिश की कमी 39 फीसदी पर आ गयी. इसके बाद बारिश की तीव्रता में कमी आयी और शुक्रवार को कमी बढ़कर 44 प्रतिशत तक हो गयी. राज्य में इस दौरान 132.2 मिलीमीटर की सामान्य बारिश के मुकाबले एक से 24 जून तक 74.6 मिलीमीटर बारिश हुई.

जुलाई में स्थिति में सुधार की उम्मीद

रांची मौसम विज्ञान केंद्र के प्रभारी अभिषेक आनंद ने कहा कि झारखंड में मानसून के देरी से आने के कारण बारिश की कमी दिख रही है. मौसमी बरसात की मात्रा एक जून से गिनी जाती है जबकि मानसून राज्य में 18 जून को आया था. यह कमी जून में जारी रह सकती है लेकिन जुलाई में स्थिति में सुधार होगा. उन्होंने कहा बारिश की तीव्रता हवा की प्रवृत्ति में बदलाव और बंगाल की खाड़ी से नमी आने के कारण 27 जून से बढ़ सकती है. गढ़वा और चतरा जिलों में सबसे अधिक क्रमश: 88 फीसदी और 86 फीसदी बारिश की कमी दर्ज की गयी है जबकि खूंटी, हजारीबाग, पलामू, रामगढ़ और साहिबगंज में बारिश में 60 प्रतिशत से अधिक की कमी दर्ज की गयी.

खरीफ फसल पर असर नहीं

पिछले 24 घंटे में लातेहर जिले में सबसे अधिक 38 मिमी. और इसके बाद डाल्टनगंज में 22.2 मिमी. बारिश हुई. मौसम के मिजाज और खरीफ खेती को लेकर कृषि विशेषज्ञों ने कहा कि बारिश कमजोर है लेकिन इसका खरीफ की फसलों पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा. उन्होंने किसानों को बरसाती फसलों के लिए अपने खेतों को तैयार रखने का सुझाव दिया.

Next Article

Exit mobile version