Jharkhand weather: राज्य में कहर बना वज्रपात, 16 लोगों की मौत
झारखंड में वज्रपात कहर बन रहा है. अब तक राज्य में दो दर्जन से अधिक लोगों की मौत वज्रपात के कारण हो गयी है. केवल शुक्रवार को राज्य में 16 लोगों की मौत वज्रपात की चपेट में आने से हो गयी.
Jharkhand News : झारखंड में वज्रपात कहर बन रहा है. अब तक राज्य में दो दर्जन से अधिक लोगों की मौत वज्रपात के कारण हो गयी है. केवल शुक्रवार को राज्य में 16 लोगों की मौत वज्रपात की चपेट में आने से हो गयी. मेदिनीनगर, गुमला, चाकुलिया, बालूमाथ, गोड्डा और गिरिडीह में दो-दो लोगों की मौत वज्रपात से हो गयी है. वहीं रांची के मैक्लुस्कीगंज, देवघर, चतरा और हजारीबाग में एक-एक की मौत वज्रपात से हुई है. एक दर्जन से अधिक लोग वज्रपात की घटना में घायल हो गये हैं.
पेड़ के नीचे खड़े होना हुआ खतरनाक
मेदिनीनगर के चैनपुर थाना क्षेत्र की करसो पंचायत के आदिवासी टोला निवासी 65 वर्षीय लालो कुंवर की मौत शुक्रवार को वज्रपात के कारण हो गयी. लालो कुंवर बकरी चराने जंगल गयी थी. बारिश होने पर वह महुआ पेड़ के नीचे वह खड़ी हो गयी. इसी बीच वज्रपात हुआ, जिसमें लालो कुंवर की मौत हो गयी. लेस्लीगंज के ओरिया गांव में मखौला देवी की मौत वज्रपात से हो गयी. बालूमाथ प्रखंड कार्यालय से सटे जोगियाडीह गांव में व्रजपात से एक बालक किशन नायक की मौत हो गयी. चंदवा की चकला पंचायत स्थित अंबवाटांड़ गांव निवासी सात वर्षीय मुनेश्वर उरांव घर के आंगन में खेल रहा था जब वह वज्रपात की चपेट में आया.
मौसम विभाग ने 21 जून तक की दी है चेतावनी
मौसम विभाग ने पूर्वानुमान किया है कि 21 जून तक राज्य में वज्रपात का खतरा ज्यादा है.18 और 19 जून को कई जगह भारी बारिश होगी. 20 और 21 जून को कहीं-कहीं वर्षा होगी.
कहां कितनी मौत
जिला मौत
रांची 01
देवघर 01
मेदनीनगर 02
गुमला 02
बालूमाथ 02
चाकुलिया 02
गोड्डा 02
गिरिडीह 02
चतरा 01
हजारीबाग 01
वज्रपात से सर्वाधिक खतरेवाले राज्यों में एक है झारखंड
झारखंड वज्रपात के मामले में सबसे ज्यादा खतरे वाले राज्यों में से एक है. वज्रपात की घटना के मामले में झारखंड का स्थान देश में छठे नंबर पर है. प्री-मॉनसून बारिश और मॉनसून की शुरुआती बारिश के दौरान सबसे अधिक वज्रपात की घटनाएं होती हैं. बीते साल (2021-22) राज्य में 4,39,828 बार बिजली गिरने (वज्रपात) की घटना हुई. पूरे देश में सबसे अधिक बिजली मध्य प्रदेश में गिरती है. वहां साढ़े छह लाख से अधिक बार बिजली गिरी थी. इसी तरह छत्तीसगढ़ में करीब 5.7 लाख, महाराष्ट्र में 5.4 लाख, ओड़िशा में 5.3 तथा प बंगाल में 5.1 लाख से अधिक बार बिजली गिरने की घटना हुई.