Jharkhand Weather Today: झारखंड की राजधानी रांची समेत प्रदेश के कई जिलों में सोमवार को वर्षा हुई. रांची में दो बजे के बाद तेज बारिश (Ranchi Rain) शुरू हो गयी. कोकर, लालपुर, कटहल मोड़, बजरा, रातू रोड, कचहरी समेत कई जगहों पर वर्षा होने की वजह से लोगों को परेशानी हुई.
इन जिलों में वर्षा, तेज हवा की चेतावनी
मौसम विभाग (Meteorological Center) ने चतरा, हजारीबाग, लातेहार, गढ़वा, देवघर, दुमका, गिरिडीह, जामताड़ा, पाकुड़, बोकारो, साहिबगंज, गोड्डा, सिमडेगा, पश्चिमी सिंहभूम में वर्षा का पूर्वानुमान (Jharkhand Weather Forecast) जारी किया. कहा कि इन जिलों में हल्के से मध्यम दर्जे की वर्षा होगी. इस दौरान 40 किलोमीटर तक की रफ्तार से हवाएं चलेंगी.
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मेघ गर्जन और वज्रपात की चेतावनी
रांची के बिरसा मुंडा एयरपोर्ट स्थित मौसम केंद्र ने सोमवार को चेतावनी जारी कर कहा कि राज्य में कहीं-कहीं हल्के से मध्यम दर्जे की वर्षा होगी. इस दौरान कुछ जगहों पर वज्रपात भी हो सकता है. सोमवार को कहीं-कहीं भारी वर्षा की भी चेतावनी मौसम विभाग की ओर से दी गयी है. कहा गया है कि इस दौरान मेघ गरजेंगे और कुछ जगहों पर वज्रपात भी हो सकता है.
रांची में 2 सितंबर तक छाये रहेंगे बादल, होगी वर्षा
राजधानी रांची में 29 अगस्त से 2 सितंबर तक बादल छाये रहेंगे. 29 अगस्त को मध्यम दर्जे की वर्षा हुई, जबकि 30 अगस्त से 2 सितंबर तक दिन में एक या दो बार हल्के से मध्यम दर्जे की वर्षा हो सकती है. 3 और 4 सितंबर के लिए भी ऐसी ही भविष्यवाणी मौसम विभाग ने की है.
राज्य में सभी जगहों पर हल्के से मध्यम दर्जे की वर्षा
मौसम विभाग ने कहा है कि पिछले 24 घंटे के दौरान राज्य में लगभग सभी स्थानों पर हल्के से मध्यम दर्जे की वर्षा हुई. कहीं-कहीं भारी वर्षा भी हुई. कहा कि धनबाद के पपुनकी में सबसे ज्यादा 114.4 मिलीमीटर वर्षा हुई है. रांची में इस दौरान 33.4 मिमी वर्षा हुई, जबकि जमशेदपुर में 66.6 मिमी, डाल्टेनगंज में 9.6 मिमी, बोकारो में 43.4 मिमी, चतरा में 29 मिमी, खूंटी में 60 मिमी, गुमला में 9.5 मिमी और देवघर में 6.0 मिमी वर्षा हुई.
मौसम सामान्य होने तक खेतों में न जायें किसान
मौसम विभाग ने लोगों से सावधान और सतर्क रहने का आग्रह किया है. कहा है कि अगर आप बाहर हैं, तो किसी सुरक्षित जगह पर शरण लें. किसी पेड़ के नीचे खड़े न हों. बिजली के खंभों से भी दूर रहें. इतना ही नहीं, किसानों से कहा गया है कि जब तक मौसम सामान्य न हो जाये, तब तक खेतों में न जायें.