Jharkhand Weather Forecast|Very Heavy Rain Alert|संताल परगना के कम से कम तीन जिलों में बहुत भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है. वहीं, बाबानगरी देवघर समेत झारखंड के पांच जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है. भारत मौसम विज्ञान केंद्र (आईएमडी) के रांची स्थित बिरसा मुंडा एयरपोर्ट के पास मौजूद मौसम केंद्र ने यह अलर्ट जारी किया है. मौसम विभाग की ओर से कहा गया है कि चार और पांच अक्टूबर को झारखंड के आधा दर्जन से अधिक जिलों में कहीं भारी बारिश होगी, तो कहीं भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है. रांची स्थित मौसम केंद्र के प्रमुख अभिषेक आनंद ने प्रभात खबर को बताया कि इन जिलों के लोगों को कई बातों का ध्यान रखना होगा. खासकर जहां बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है. इन जिलों में किसानों को अपनी फसल को बचाने के लिए उपाय करने होंगे. साथ ही आम लोगों को भी सतर्क एवं सावधान रहना होगा, ताकि कोई अप्रिय घटना न हो जाए.
4 और 5 अक्टूबर को संताल में भारी बारिश की चेतावनी
मौसम वैज्ञानिक अभिषेक आनंद ने बताया कि बुधवार (4 अक्टूबर) और गुरुवार (5 अक्टूबर) को संताल परगना में सबसे ज्यादा बारिश होने के संकेत मिल रहे हैं. उन्होंने बताया कि कोल्हान प्रमंडल के सरायकेला-खरसावां और पूर्वी सिंहभूम जिलों में भी कहीं-कहीं भारी वर्षा होने की संभावना है. मौसम केंद्र के प्रमुख के मुताबिक, चार अक्टूबर को गोड्डा, पाकुड़ और साहिबगंज जिलों में कहीं-कहीं भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है. वहीं, इसी दिन बाबानगरी देवघर, दुमका, जामताड़ा, सरायकेला-खरसावां तथा पूर्वी सिंहभूम जिलों में कहीं-कहीं भारी वर्षा होने का अनुमान है.
मौसम विभाग ने दी सावधानी बरतने की सलाह
उन्होंने बताया कि पांच अक्टूबर को पाकुड़, दुमका, गोड्डा और साहिबगंज जिलों में कहीं-कहीं भारी वर्षा होने का अनुमान है. उन्होंने कहा कि इन जिलों में रहने वाले लोगों के लिए कुछ सावधानी बरतने की सलाह मौसम केंद्र ने दी है. उन्होंने कहा कि जल निकासी की उचित व्यवस्था लोगों को कर लेनी चाहिए. पके हुए फल एवं सब्जियों की तुड़ाई करके उन्हें सुरक्षित जगहों पर एकत्र कर लेना चाहिए, ताकि बारिश की वजह से उन्हें नुकसान न हो. इतना ही नहीं, लोगों से अपील की गई है कि वे जलजमाव वाले क्षेत्रों में जाने से बचें. मौसम केंद्र का कहना है कि कई बार जलजमाव वाले क्षेत्रों में बड़े गड्ढे होते हैं, जिससे दुर्घटना होने की संभावना बनी रहती है.
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इन इलाकों में जाने से बचें, होंगी ये परेशानियां
इतना ही नहीं, यह भी कहा गया है कि जलजमाव वाले इलाके में अगर कहीं तार गिरा हुआ दिखे, तो उस तरफ जाने से बचें. बिजली विभाग को तुंरत इसकी सूचना दें. अगर ऐसा नहीं करेंगे, तो उस इलाके में दुर्घटना की आशंका बनी रहेगी. अभिषेक आनंद ने यह भी बताया कि भारी से बहुत भारी वर्षा वाले इलाकों में कृषि और बागवानी फसलों को नुकसान हो सकता है. अगर मानसून के दौरान पौधों की रोपाई की है, तो उसे भी नुकसान पहुंच सकता है. निचले इलाकों में जलजमाव हो सकता है. कई जगहों पर तेज बारिश की वजह से कीचड़ भी बढ़ जाता है, जिससे सड़कों पर आवागमन में परेशानी होती है.
भारी बारिश से प्रभावित हो सकती है बिजली की आपूर्ति
भारी बारिश की वजह से कुछ इलाकों में बिजली की आपूर्ति भी प्रभावित हो सकती है. बारिश की वजह से जलजमाव, वज्रपात की आशंका रहती है, जिससे जान-माल का नुकसान होने की आशंका रहती है. इसलिए लोगों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि पाकु़ड़, साहिबगंज एवं गोड्डा के लिए मौसम केंद्र रांची ने येलो अलर्ट जारी किया है. वहीं, देवघर, दुमका, जामताड़ा, सरायकेला-खरसावां एवं पूर्वी सिंहभूम जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है. 5 अक्टूबर को पाकुड़, दुमका, गोड्डा और साहिबगंज जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है.
बारिश के दौरान बिजली कड़के या वज्रपात की आशंका हो, तो कैसे करें अपना बचाव?
बारिश के दौरान वज्रपात की भी आशंका रहती है. इससे जान-माल का नुकसान हो सकता है. अगर कुछ सावधानी बरतेंगे, तो इससे होने वाले नुकसान से बच सकते हैं. जानें कौन से हैं वो उपाय.
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किसी पेड़ के नीचे शरण न लें.
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तालाब, झील या कहीं पानी में हैं या उसके आसपास हैं, तो वहां से बाहर निकलें. धान की रोपाई कर रहे हैं, तो खेत से बाहर आ जाएं.
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किसी सुरक्षित पक्के छत के नीचे शरण लें. बिजली कड़कने की आवाज के आधे घंटे बाद तक किसी सुरक्षित छत के नीचे ही बने रहें.
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आसपास कोई पक्का मकान या छत नहीं है, तो वज्रपात से बचने के उपाय करें. पैर और सिर को मोड़कर आपस में मिलाकर खुद को गेंद के आकार का बना लें. दोनों हाथों से दोनों कानों को बंद कर लें, ताकि आपका शरीर जमीन के संपर्क में कम से कम रहे.
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अगर यात्रा में हैं, तो कार, बस या ट्रेन में ही बने रहें. बाहर न निकलें.
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बिजली कड़कती है, तो उस वक्त विद्युत उपकरणों का बिल्कुल इस्तेमाल न करें. मोबाइल फोन को भी दूर रख दें.
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अगर किसी इलाके में बिजली का तार नीचे गिरा है, तो उस इलाके में बिल्कुल न जाएं.