Jharkhand Weather Update : मौसम ने बदला करवट, रांची, गुमला, गढ़वा, लातेहार और पलामू में बारिश के आसार

रांची और उसके आसपास के जिलों मे मौसम ने करवट ली है. इसके साथ ही रांची के शहरी इलाकों में बारिश हुई. हल्की बारिश के बाद मौसम ने करवट ली है. मौसम केंद्र रांची की ओर से जारी पूर्वानुमान के मुताबिक रांची, गुमला, गढ़वा, लातेहार जिले में अगले कुछ घंटे में तेज बारिश की संभावना जतायी गयी है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 1, 2022 1:46 PM

Weather Update रांची और उसके आसपास के जिलों मे मौसम ने करवट ली है. इसके साथ ही रांची के शहरी इलाकों में बारिश हुई. हल्की बारिश के बाद मौसम ने करवट ली है. मौसम केंद्र रांची की ओर से जारी पूर्वानुमान के मुताबिक रांची, गुमला, गढ़वा, लातेहार जिले में अगले कुछ घंटे में तेज बारिश की संभावना जतायी गयी है. वहीं मौसम विज्ञान केंद्र ने यह भी कहा है कि इन जिलों में हवा की रफ्तार 30 से 40 किमी प्रति घंटे रहने वाली है. गुमला और रांची जिले में मेघ गर्जन और वज्रपात का भी अनुमान लगाया गया है.

अनुमान से अधिक बारिश की उम्मीद

झारखंड सहित देश में मानसून के इस मौसम में पहले लगाये गये अनुमान से अधिक बारिश होने की उम्मीद है.इसके बाद भरपूर कृषि उत्पादन और मुद्रास्फीति पर लगाम लगने की उम्मीद जगी है. आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘मानसून के इस मौसम में औसत बारिश के दीर्घकालिक अवधि औसत के 103 फीसद रहने की संभावना है.’

सामान्य वर्षा का था अनुमान

आईएमडी ने अप्रैल में कहा था कि देश में सामान्य वर्षा होगी, जो दीर्घकालिक अवधि औसत का 99 प्रतिशत होगी, जो कि 1971-2020 तक के 50-वर्ष की अवधि में प्राप्त औसत वर्षा है. पूरे देश का दीर्घकालिक अवधि औसत 87 सेंटीमीटर है. महापात्र ने कहा कि मानसून के लिहाज से प्रभाव वाले क्षेत्र (गुजरात से लेकर ओड़िशा तक के राज्य, जो कृषि के लिए वर्षा पर निर्भर हैं) में दीर्घावधि औसत के 106 प्रतिशत से अधिक सामान्य वर्षा का अनुमान है.

सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना

उन्होंने कहा कि मध्य भारत और दक्षिण प्रायद्वीप में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है, जबकि उत्तर-पूर्व और उत्तर-पश्चिम क्षेत्रों में सामान्य बारिश होने की संभावना है. यह लगातार चौथा वर्ष है, जब भारत में सामान्य मानसून का अनुभव होने की संभावना है. इससे पहले, भारत में वर्ष 2005-08 और वर्ष 2010-13 में सामान्य मानसून देखा गया था.

समाप्त होने वाला है सामान्य से कम बारिश का दशक

महापात्र ने कहा कि निकट भविष्य में भारत में सामान्य मानसून देखने को मिल सकता है, क्योंकि सामान्य से कम बारिश का दशक समाप्त होने वाला है. उन्होंने कहा, ‘हम अब सामान्य मानसून युग की दिशा में बढ़ रहे हैं.’ केरल में मानसून की शुरुआत की घोषणा में आईएमडी की ‘जल्दबाजी’ को लेकर हुई आलोचना के बारे में पूछे जाने पर महापात्र ने कहा कि मौसम कार्यालय ने मानसून की शुरुआत और प्रगति की घोषणा करने के लिए एक वैज्ञानिक प्रक्रिया का पालन किया.

Next Article

Exit mobile version