लगातार बारिश से झारखंड के डैमों का जलस्तर बढ़ा, 10 साल के औसत स्तर से अधिक पानी, CWC की रिपोर्ट में खुलासा
बारिश से मैथन, पंचेत व तिलैया डैम खतरे के निशान पर, क्षमता के बराबर हो गया है पानी, 10 साल के औसत से अधिक पानी. सेंट्रल वाटर कमीशन (सीडब्ल्यूसी) राज्य के छह जलाशयों के जल स्तर की करता है मॉनिटरिंग
Jharkhand Weather Report, jharkhand dams water lavel रांची : लगातार हो रही बारिश के कारण झारखंड के डैमों का जलस्तर बढ़ गया है. राज्य के तीन जलाशयों में जल स्तर खतरे के निशान पर हैं. मैथन, पंचेत और तिलैया डैम का जल स्तर तय क्षमता के बराबर हो गया है. यह पिछले 10 साल के औसत स्तर से अधिक है. यह आकलन है सेंट्रल वाटर कमीशन (सीडब्ल्यूसी) का. सीडब्ल्यूसी देश के पूर्वी क्षेत्र के 20 जलाशयों की मॉनिटरिंग करता है. इसमें झारखंड के छह जलाशय है.
झारखंड के तीन जलाशयों को छोड़ कर किसी भी जलाशय में पानी क्षमता के बराबर नहीं है. जानकारी के अनुसार, तेनुघाट जलाशय में क्षमता का 50 फीसदी पानी भी नहीं भर पाया है, जबकि दो जलाशयों गेतलसूद और कोनार डैम का जल स्तर 70 फीसदी के आसपास है. पिछले साल भी राज्य के दो जलाशयों का जल स्तर क्षमता के बराबर हो गया था.
किस जलाशय की क्या स्थिति
तेनुघाट : तेनुघाट जलाशय की क्षमता 0.821 बिलियन क्यूबिक मीटर (बीसीएम) पानी संग्रहण की है. इसकी तुलना में 0.342 बिलियन क्यूबिक मीटर पानी यहां जमा हो गया है. यह कुल क्षमता का करीब 42 फीसदी है. पिछले साल अभी तक क्षमता का करीब 49 फीसदी पानी था. वहीं पिछले 10 साल का औसत 46 फीसदी है.
मैथन : मैथन जलाशय की क्षमता 0.471 बीसीएम है. यहां इतना ही पानी जमा हो गया है. पिछले साल भी इस समय तक इतना ही पानी था. वहीं, पिछले 10 साल की औसत संग्रहण क्षमता 90 फीसदी है. मैथन से 342 हजार हेक्टेयर में खेती की क्षमता बढ़ेगी.
पंचेत हिल : पंचेत हिल की संग्रहण क्षमता 0.184 बीसीएम है. यहां अभी इतना ही पानी जमा हो गया है. पिछले साल भी करीब इतनी ही बारिश थी. वहीं पिछले 10 साल की औसत संग्रहण क्षमता 92% है. जल संग्रहण क्षमता बढ़ने से करीब 80 मेगावाट बिजली उत्पादन की क्षमता बढ़ेगी.
कोनार : कोनार डैम की क्षमता 0.176 बीसीएम है. इसकी तुलना में यहां 0.132 बीसीएम पानी जमा हो गया है. यह तय क्षमता का करीब 75 फीसदी है. पिछले साल यहां तय क्षमता का करीब 83 फीसदी पानी जमा था. वहीं 10 साल की औसत संग्रहण क्षमता 92 फीसदी है.
तिलैया : तिलैया डैम की जल संग्रहण क्षमता 0.142 बीसीएम है. इतना ही पानी यहां भरा हुआ है. पिछले साल तय क्षमता का 85 फीसदी तक पानी भरा था. वहीं फिलहाल 10 साल की औसत तय क्षमता का 81 फीसदी पानी है. इससे चार मेगावाट बिजली उत्पादन क्षमता बढ़ सकती है.
गेतलसूद : रांची स्थित गेतलसूद डैम की जल संग्रहण क्षमता 0.218 बीसीएम है. इसकी तुलना में करीब 0.151 बीसीएम पानी यहां जमा है. अभी तय क्षमता का करीब 70 फीसदी पानी जमा हो गया है. पिछले साल तय क्षमता का 45 फीसदी पानी था. वहीं 10 साल का औसत 63 फीसदी है. इससे 130 मेगावाट अतिरिक्त बिजली उत्पादन होने की संभावना है.
झारखंड में अब तक 850 मिमी बारिश : झारखंड में करीब 850 मिमी बारिश हो चुकी है. यह सामान्य से करीब नौ फीसदी कम है. राज्य में सबसे अधिक बारिश जमशेदपुर में करीब 1390 मिमी हुई है. रांची में 1288 मिमी के आसपास बारिश एक जून से अब तक हो गयी है. राज्य के धनबाद, हजारीबाग, जामताड़ा, लोहरदगा और साहिबगंज जिले में एक हजार मिमी से अधिक बारिश हो गयी है.
जलाशयों की स्थिति (नौ सितंबर)
जलाशय क्षमता अभी (बीसीएम)
मैथन 0.471 0.471
पंचेत हिल 0.184 0.184
तिलैया 0.142 0.142
जलाशय क्षमता अभी (बीसीएम)
तेनुघाट 0.821 0.342
कोनार 0.176 0.132
गेतलसूद 0.128 0.151
Posted by : Sameer Oraon