रांची के चान्हो और मांडर प्रखंड में भारी ओलावृष्टि, एक हजार एकड़ में लगी फसल हो गयी बर्बाद
बताया जाता है कि मांडर प्रखंड के कुरकुरा गांव का एक किसान तबरेज अंसारी चार एकड़ में लगी गोभी की फसल की बर्बादी को देख गुरुवार की सुबह को बार-बार बेहोश हो जा रहा था.
रांची : रांची जिले के चान्हो व मांडर प्रखंड के दर्जनों गांवों में बुधवार की शाम बारिश के साथ भारी ओलावृष्टि के बाद खेतों में हर ओर तबाही का मंजर दिख रहा है. अनुमान है कि दोनों प्रखंडों में करीब एक हजार एकड़ में लगी गेहूं, मटर, टमाटर, गोभी, सरसों, प्याज व धनिया पत्ता की फसल तबाही से बर्बाद हो गयी है. ओलावृष्टि से सबसे अधिक चान्हो प्रखंड के मुरतो, मेलानी, कुल्लू, बेयासी, गोके, सिसई, मदई, होंदपीड़ी, कंजगी, हुरहुरी, नवदी, सिलागांई, बाजरा, मंदरो, कुरकुरा, बखार, कैंबो, गुड़गुड़जाड़ी, दर्जीजाड़ी, बांसजाड़ी व महुआजाड़ी गांव में असर पड़ा है. यहां गेहूं, सरसों व सब्जी की फसल को सबसे से ही नुकसान पहुंच रहा है. सूखे की मार झेल रहे किसान अब ओलावृष्टि से हुए नुकसान को लेकर चिंतित हैं.
कई खपरैल मकानों को भी पहुंचा नुकसान:
बताया जाता है कि मांडर प्रखंड के कुरकुरा गांव का एक किसान तबरेज अंसारी चार एकड़ में लगी गोभी की फसल की बर्बादी को देख गुरुवार की सुबह को बार-बार बेहोश हो जा रहा था. ग्रामीणों के अनुसार बुधवार की ओलावृष्टि से उसे करीब चार से पांच लाख रुपये का नुकसान हुआ है. उसने खेत मे 40 हजार गोभी के पौधे लगाये थे, जो तैयार हो चुके थे. दोनों प्रखंडों में दर्जनों किसान हैं, जिनकी चार से पांच एकड़ में लगी फसल व सब्जी की ओलावृष्टि से बर्बाद हो गयी. ग्रामीणों के अनुसार भारी ओलावृष्टि से गुड़गुड़जारी गांव में कई खपरैल मकानों को भी नुकसान पहुंचा. गांव में ओलावृष्टि का आलम यह था कि यहां 18 घंटे बाद गुरुवार की दोपहर तक गड्ढों में एक-एक फीट तक बर्फ जमे थे.
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सरकार से मुआवजा की आस:
बारिश व ओलावृष्टि से प्रभावित ग्रामीण व किसान अब सरकार से मुआवजा की आस लगाये हुये हैं. उनका कहना है कि सरकार जल्द इसके लिए पहल करे और क्षति का आकलन करा अविलंब मुआवजे का भुगतान करे. इधर, बारिश व ओलावृष्टि से क्षेत्र में फसलों को हुए भारी नुकसान की सूचना मिलने पर पूर्व विधायक गंगोत्री कुजूर ने प्रभावित गांवों का दौरा किया. फसल के नुकसान का जायजा लेने के बाद किसानों को भरोसा दिलाया कि वह मुआवजे को लेकर संबंधित पदाधिकारियों से बात करेंगी. स्थानीय विधायक शिल्पी नेहा तिर्की भी प्रभावित गांवों में किसानों से मिलने पहुंचीं.
तेज आंधी से घर पर गिरे पेड़, ओलावृष्टि से खेतों को नुकसान
नामकुम. नामकुम समेत आसपास के इलाके में बुधवार की शाम तेज आंधी, बारिश और ओलावृष्टि से क्षेत्र का जनजीवन प्रभावित रहा. बारिश और ओलावृष्टि से किसानों की खेत में लगी फसलों को नुकसान पहुंचा. वहीं कई कच्चे मकानों के एस्बेस्टस उड़ गये. खिजरी पंचायत के तुंबागुटू करमटोली में वर्षों पुराना इमली का पेड़ के गिर जाने से सुनीता टोप्पो, दया नायक, बुधवा नायक, बसंती देवी, बतिया मिंज का घर क्षतिग्रस्त हो गया. सुनीता टोप्पो के परिवार के सदस्य घर के अंदर फंस रहे. ग्रामीणों ने कमरे की दीवार तोड़ सभी को बाहर निकाला. बारिश से घर में रखे अनाज, कागजात एवं कपड़े गीले हो गये. सूचना मिलने पर भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष आरती कुजूर, खिजरी मुखिया कार्मेला कच्छप, पंसस आशा देवी प्रभावित लोगों से मिले एवं नुकसान का जायजा लिया.
आंधी और बारिश से घर पर गिरी पेड़ की डाली, नुकसान
बेड़ो. जरिया पीपरटोली गांव में बुधवार की रात तेज आंधी व बारिश से करंज के पेड़ की डाली टूट कर गंदरी उराइन के एस्बेस्टस की छत पर जा गिरा. घटना में घर को नुकसान पहुंचा है. वहां घर में रखे सामान आदि बर्बाद हो गये. छप्पर टूटने से घर के अंदर पानी घुस जाने से परिवार को मुसीबतों का सामना करना पड़ा. गुरुवार को इसकी सूचना मिलते ही मुखिया कुंवारी खलखो व पंचायत समिति सदस्य विशेश्वर उरांव ने प्रशासनिक पदाधिकारियों से आपदा प्रबंधन के तहत प्रभावित परिवार को क्षतिपूर्ति के एवज में मुआवजा देने की मांग की है.
सिल्ली में बारिश व कोहरे के कारण सब्जियों की खेती प्रभावित
दो दिनों तक हुई बारिश और कोहरे से सिल्ली में किसानों की खेती पर व्यापक असर पड़ा है. सिल्ली समेत आसपास के इलाके में बारिश से सबसे अधिक असर आलू की खेती पर पड़ा है. किसानों के अनुसार बारिश के कारण खेतों में पानी जमा हो जाने के कारण आलू की फशल के गलने की संभावना है. ऐसे में उन्हें बड़ा नुकसान हो सकता है. किसानों के अनुसार आलू के अलावा करेले की खेती पर भी प्रतिकूल असर पड़ा है. किसानों के अनुसार अन्य सब्जियों की खेती में भी कोहरे का मार है. यदि धूप नहीं उगी, तो उन्हें नुकसान हो सकता है.