Summer Alert: झारखंड में अप्रैल में ही मई महीने जैसी गर्मी, अगर ये लक्षण दिखे तो समझ लेना लू लगी है
झारखंड में अप्रैल महीने में ही मई जैसी गर्मी है. गरम हवा के थपेड़े ने लोगों का जीना मुहाल कर रखा है. ऐसे में लू की संभावना भी बढ़ गई है. मौसम विभाग ने इसके लिए लोगों को अलर्ट किया है. लू के क्या लक्षण हैं और इससे बचाव के लिए क्या किया जा सकता है, जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर...
Jharkhand Weather Update: झारखंड में अप्रैल महीने में ही गरम हवा के थपेड़े ने लोगों का जीना मुहाल कर रखा है. मौसम विभाग ने अगले दो दिनों में अिधकतम तापमान में और 2-3 डिग्री सेल्सियस वृद्धि की संभावना जतायी है. खासकर पलामू, कोल्हान और संथाल परगना के इलाके में हीट वेव चलने से परेशानी हो सकती है.
मौसम विभाग ने किया अलर्ट
राज्य के कई जिलों का पारा 40 डिग्री सेल्सियस के पार हो गया है, जबकि बाकी जिलों का तापमान 40 के करीब ही है. मौसम विभाग ने लोगों को अलर्ट रहने के लिए कहा है. विभाग ने कहा बहुत जरूरी हो, तभी सावधानी बरतते हुए दिन में 11 बजे से चार बजे तक बाहर निकले.
अप्रैल में ही मई महीने जैसी गर्मी
झारखंड में लगातार तापमान में वृद्धि से अप्रैल माह मे ही लोगों को मई माह जैसी गर्मी का अनुभव होने लगा है. मौसम वैज्ञानिक अिभषेक आनंद ने बड़ों से लेकर बुजुर्ग तक को शरीर में पानी की कमी नहीं होने देने का उपाय करने के लिए कहा है.
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बढ़ गया है लू का खतरा
दिन में चल रही गर्म हवाओं से हीट स्ट्रोक (लू) का खतरा बढ़ गया है. गर्म हवाएं चलने से लोगों का घरों से निकलना मुश्किल हो गया है. सबसे ज्यादा परेशानी बच्चों को हो रही है. क्योंकि, कड़ी धूप के कारण बच्चे स्कूल में ही बीमार पड़ जा रहे हैं. उन्हें बुखार, उल्टी और दस्त की समस्या हो रही है.
हीट स्ट्रोक (लू) के लक्षण
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मांसपेशियों में खींचाव महसूस होना
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बेचैनी जैसा महसूस होना
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शरीर का गर्म रहना
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त्वचा पर लाल चकता
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कमजोरी और थकान
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उल्टी और दस्त होना
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सिरदर्द और बेहोशी
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धड़कन तेज होना
क्या कहते हैं डॉक्टर
अगर आपमें भी ये लक्षण दिखे तो समझ लेना लू (हीट स्ट्रोक) लगी है. शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ अमिताभ कुमार ने बताया कि गर्मी के मौसम में हीट स्ट्रोक सामान्य बात है, लेकिन कई बार यह खतरनाक रूप ले लेता है. बच्चे इसकी चपेट में सबसे पहले आते हैं. ऐसे में बच्चों का ख्याल रखना जरूरी है. चक्कर खाकर गिरने और उल्टी की समस्या लेकर कई बच्चे ओपीडी में पहुंच रहे हैं. अभिभावकों को बच्चों के वाटर बोतल में ओआरएस और ग्लूकोज देने की सलाह दी जा रही है.
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रिम्स के मेडिसिन ओपीडी में भी आने लगे मरीज
रिम्स के मेडिसिन ओपीडी में भी मरीजों की संख्या बढ़ गयी है. विभागाध्यक्ष डॉ विद्यापति ने बताया कि रोजाना लू के तीन से चार मरीज आ रहे हैं, लेकिन अभी कोई गंभीर मरीज नहीं पहुंचा है. उन्होंने लोगों को धूप में निकलने से बचने की सलाह दी. अगर जरूरी काम है, तो पूरे शरीर को ढंक कर निकलें. पानी का जयादा सेवन करें.