रांची में कई जगह चली आंधी, कांके-हटिया ग्रिड को जोड़नेवाले चार टावर ध्वस्त, विभिन्न इलाकों में बिजली संकट
चार टावरों के गिरने से कांके ग्रिड को जोड़नेवाले दो सर्किट से आपूर्ति पूरी तरह से ठप हो गयी. कांके ग्रिड से जुड़ी 33 केवी राजभवन, मोरहाबादी, कांके, सिरडो-1, सिरडो-2, और 33 केवी बोबरो पावर सब स्टेशन से लाइनें ट्रिप कर गयीं
राजधानी बाहरी इलाकों में शुक्रवार शाम आये आंधी-तूफान ने बिजली व्यवस्था को काफी नुकसान पहुंचाया. तेज हवा के कारण कांके ग्रिड को हटिया-2 से जोड़नेवाले 132 केवी के चार ट्रांसमिशन टावर ध्वस्त हो गये. टावर मयसिरिंग और हुरहुरि के पास दो जगहों पर गिरे हैं. यहां से करीब छह किमी दूर आइटीबीपी कैंप के समीप दो अन्य टावर गिरे हैं. विभाग की टीमें दोनों जगहों पर पहुंच कर जमीन पर गिरे तारों को समेटने और टावरों को दुरुस्त करने में जुट गयी हैं.
चार टावरों के गिरने से कांके ग्रिड को जोड़नेवाले दो सर्किट से आपूर्ति पूरी तरह से ठप हो गयी. कांके ग्रिड से जुड़ी 33 केवी राजभवन, मोरहाबादी, कांके, सिरडो-1, सिरडो-2, और 33 केवी बोबरो पावर सब स्टेशन से लाइनें ट्रिप कर गयीं. हालांकि, हटिया-1 ग्रिड से एक पुरानी लाइन कांके ग्रिड से अब भी जुड़ी हुई है, इस कारण इन इलाकों में ब्लैक आउट जैसी स्थिति नहीं हुई. जब तक टावर की मरम्मत नहीं हो जाती है, तब तक संबंधित इलाकों में आधी बिजली ही मिल पायेगी.
संचरण निगम ने बताया कि चारों टावर खराब मौसम के कारण क्षतिग्रस्त हुए हैं. स्थिति का आकलन कर नुकसान का पता लगाया जा रहा है. इस सर्किट ब्रेक के बाद कांके लाइन 132 केवी हटिया-1 सर्किट के सहारे रह गया है. यह सर्किट काफी पुराना है, लिहाजा यहां से 75 की जगह महज 35 मेगावाट बिजली की आपूर्ति ही संभव हो पा रही है.
राजधानी को मिलनेवाली आपूर्ति में गिरावट
ग्रिड समय आपूर्ति
हटिया- 1 शाम 5:00 बजे 84 मेगावाट
नामकुम शाम 5:00 बजे 75 मेगावाट
कांके शाम 5:00 बजे 36 मेगावाट
शाम 3:58 बजे ट्रिप कर गया ग्रिड
शुक्रवार दोपहर अचानक मौसम खराब हो गया. दोपहर 3:58 बजे रिंग रोड से सटे हुरहुरि और मयसिरिंग के बीच स्थित 132 केवी के दो ट्रांसमिशन टावर (टावर नंबर-98 और 99) अचानक तेज आवाज के साथ गिर गये. वहीं, दो अन्य टावर (टावर नंबर-78 और 81) आइटीबीपी कैंप के समीप गिरे हैं. टावर के साथ हाइवोल्टेज तार गिरने से ठाकुरगांव जानेवाला रास्ता बाधित हो गया है. मौके पर पहुंची टीम हाइवोल्टेज तार को समेट कर रास्ता खाली करने में जुट गयी है.
कई इलाकों में बिजली गुल
मौसम के बदले मिजाज के कारण बिजली की मांग में जबरदस्त गिरावट दिखी. एहतियातन 33 केवी पावर सबस्टेशन से आपूर्ति बंद कर दी गयी. इस कारण शाम 4:00 से 5:00 बजे के बीच अधिकांश फीडरों से जुड़े इलाकों में बिजली गुल रही. टावर गिरने के बाद शाम 5:00 बजे बिजली की मांग में भारी कमी दर्ज की गयी. बिजली की उपलब्धता और मांग के बीच करीब 75 मेगावाट का बड़ा अंतर पाया गया. स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर और एनर्जी एक्सचेंज से मिले आंकड़ों के आधार पर रांची में औसतन हर दिन करीब 270 से 300 मेगावाट बिजली की खपत दर्ज होती है.
बड़े-बड़े ओलों की वजह से खेतों में खड़ी फसलों को भी हुआ नुकसान
रांची/बुढ़मू/ओरमांझी. राजधानी और आसपास के इलाकों में शुक्रवार को कहीं-कहीं हल्के से मध्यम दर्जे की बारिश हुई, जबकि कई स्थानों पर भारी ओलावृष्टि भी हुई. इससे तीन लोग घायल हो गये. वहीं 41 बकरियों की मौत हो गयी. ओलावृष्टि की चपेट में आने से दर्जनों किसानों की फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है. बुढ़मू के खखरा गांव निवासी बिंदु महतो, ललकु महतो, रोहिणी देवी सहित अन्य लोग अपनी बकरियों को चराने ले गये थे.
अचानक दोपहर में बारिश शुरू हो गयी और साथ ही बड़े-बड़े ओले पड़ने लगे. आसपास बचने की कोई जगह नहीं होने के कारण बकरियां इसकी चपेट में आ गयीं. इसमें राम लखन महतो की तीन, राजेश महतो की सात, प्रकाश महतो की दो, देवेंद्र महतो की तीन और फुलेश्वर महतो की तीन बकरियों की मौके पर ही मौत हो गयी. इसके अलावा गंधारी महतो की चार, राजेश महतो की चार, नईम अंसारी की तीन, धनराज महतो की दो, बीरबल महतो की दो, जदू महतो की दो, पारसनाथ महतो की दो और दीपक महतो की दो बकरियों की भी मौत ओलावृष्टि से हो गयी. बकरी चराने गये बिंदु महतो, ललकु महतो और रोहिणी देवी ओला की चपेट में आकर घायल हो गये. इन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया.
सिकिदिरी में तरबूज की फसल को नुकसान :
ओरमांझी प्रखंड के सिकिदिरी समेत आसपास के इलाके में शुक्रवार की शाम जमकर ओलावृष्टि हुई. इससे हेसातू पंचायत के दुबला गांव निवासी सुनील बेदिया के पांच एकड़ की खेत में लगी तरबूज की फसल को नुकसान पहुंचा. अन्य कई किसानों के खेतों को भी नुकसान पहुंचा है.