Jharkhand Weather: झारखंड में बढ़ने वाली है ठिठुरन, निकाल लीजिए कंबल-रजाई, येलो अलर्ट जारी
Jharkhand Weather: मौसम विभाग ने झारखंड में अगले कुछ दिनों में तापमान में गिरावट की संभावना जताई है. इसके साथ ही सुबह में कोहरा रहने का भी अलर्ट जारी किया है.
Jharkhand Weather : उत्तर भारत में बर्फबारी तथा मौसम के बदले मिजाज का असर अब झारखंड में दिखने लगा है. पिछले 24 घंटे में राजधानी का न्यूनतम तापमान डेढ़ डिग्री गिर गया है. तापमान अहले सुबह और रात में गिर रहा है. जबकि दिन में धूप रहने से थोड़ी राहत मिल रही है.
मौसम विभाग ने कोहरे की जताई संभावना
मौसम विभाग के अनुसार उत्तर-पश्चिम दिशा से ठंडी हवा चलने के कारण झारखंड में अगले दो दिनों में और दो से तीन डिग्री तापमान में कमी आने की संभावना है. वहीं सुबह में हल्का कोहरा रहने की संभावना व्यक्त की गयी है. मौसम विभाग के अनुसार राज्य के पलामू व संताल में सुबह में घना कोहरा छाया रह सकता है. विभाग ने इन इलाकों में येलो अलर्ट जारी किया है.
रांची में 15.5 डिग्री न्यूनतम तापमान
गुरुवार को रांची का अधिकतम तापमान 27.4 व न्यूनतम तापमान 15.5 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया. जबकि बुधवार को न्यूनतम तापमान 17 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया था. मौसम विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक अभिषेक आनंद के अनुसार झारखंड में फिलहाल बारिश के संकेत नहीं मिले हैं, लेकिन न्यूनतम तापमान में कमी आयेगी. पिछले 24 घंटे में जमशेदपुर में न्यूनतम तापमान में दो डिग्री सेल्सियस की कमी आयी है. बुधवार को यहां का न्यूनतम तापमान 18.8 डिग्री सेल्सियस था. मेदिनीनगर के न्यूनतम तापमान में भी 1.4 डिग्री सेल्सियस की कमी आयी है. यहां गुरुवार को न्यूनतम तापमान 16.6 डिग्री सेल्सियस रहा, जबकि बुधवार को न्यूनतम तापमान 18 डिग्री सेल्सियस था.
किसानों को धान की कटाई शुरू करने की सलाह
ग्रामीण कृषि मौसम सेवा के अनुसार बदल रहे मौसम को देखते हुए किसानों को सलाह दी गयी है. धान की फसल यदि परिपक्व हो गयी है, तो कटाई शुरू कर सकते हैं. फसल कटाई के बाद फसल को दो से तीन दिन खेत में सुखा लें फिर उसे थ्रेसिंग करें. भंडारा के पूर्व दानों को अच्छी तरह से धूप में सुखा लें. नमी 12 प्रतिशत के करीब रहे. धान फसल के बचे हुए अवशेषों को जमीन में मिला दें, इससे मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ती है. फूलगोभी, बैंगन, टमाटर, मिर्च, भिंडी और अरहर, मटर में निराई और गुड़ाई कर सकते हैं. जहां खरीफ फसल की कटाई हो चुकी है, वहां समय से बोयी जानेवाली गेहूं के लिए खेत तैयार कर सकते हैं.