रांची के सिल्ली के पिस्का गांव में कुएं से निकाले गए सभी 6 शव, 20 घंटे तक चला रेस्क्यू ऑपरेशन
रांची के सिल्ली प्रखंड के पिस्का गांव में एक कुएं के धंस जाने से सात लोग मिट्टी और पत्थर के नीचे दब गये थे. करीब 20 घंटे के रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद सभी छह लोगों के शव को निकाल लिया गया है. जिसमें से केवल एक की ही जान बच पाई है.
Jharkhand Well Accident: राजधानी रांची से 70 किलोमीटर दूर सिल्ली में गुरुवार को बड़ा हादसा हो गया. दरअसल, सिल्ली प्रखंड के पिस्का गांव में एक कुएं के धंस जाने से सात लोग मिट्टी और पत्थर के नीचे दब गये थे. इनमें से ग्रामीणों ने रात को ही दो को घायल अवस्था में निकाल लिया था. जिसमें से गंभीर रूप से घायल एक व्यक्ति ने अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. अब सूचना मिली है कि सभी 6 लोगों का शव निकाल लिया गया है. जबकि एक बछड़े के शव को भी बाहर निकाल लिया गया है. हादसे में केवल एक ही जीवित बच पाया है.
करीब 20 घंटे तक चला रेस्क्यू ऑपरेशन
बताया जा रहा है कि करीब 20 घंटे तक रेस्क्यू ऑपरेशन चला. कुएं में फंसे लोगों को निकालने के लिए चलाए जा रहे रेस्क्यू ऑपरेशन का दूसरा दिन काफी मशक्कत भरा रहा. एनडीआरएफ की टीम रात भर लगी रही. पोकलेन मंगाकर रात भर मिट्टी काटकर मिट्टी में दबे लोगों तक जाने का रास्ता बनाया गया. लेकिन रात भर में कोई सफलता नहीं मिली. सुबह फंसे तीन लोगों को निकाला गया. जिसमें से सात बजकर बीस मिनट पर रमेश मांझी को निकाला गया. फिर काफी मशक्कत के बाद कई पत्थर हटाने के बाद करीब साढ़े दस बजे एक और शरीर दिखाई पड़ा उसे भी दस बजकर पचपन मिनट पर निकला गया. शव की पहचान गुरुपद मांझी के रूप में की गई. इसके तुरंत बाद 11 बजकर पांच मिनट पर टेंपो मांझी को भी निकाल लिया गया.
लगातार लगी रही रेस्क्यू टीम
एनडीआरएफ की टीम बगैर थके रेस्क्यू में लगातार रात दिन लगे रहे. उनके साथ डीएसपी क्रिस्टोफर केरकेट्टा, बीडीओ पावन आशीष लकड़ा, थाना प्रभारी आकाश दीप, विपुल ओझा, स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सक, एएनएम समेत कई स्वास्थ्यकर्मी भी रात भर और दूसरे दिन भी पूरे समय तक रेस्क्यू में लगे रहे.
कैसे हुआ हादसा
बता दें कि गुरुवार की दोपहर 3:00 बजे आनंद मांझी का बछड़ा घोलटू मांझी के कुएं में गिर गया था. उसे निकालने के लिए गांव के सात लोग कुएं में उतरे थे. उनमें से एक कुएं के किनारे खड़ा होकर उन लोगों की मदद कर रहा था. इसी दौरान कुएं के ऊपरी सतह की मिट्टी धंस गयी. कुएं के किनारे रखा पत्थर का पाट भी कुएं में जा गिरा. हादसे में बछड़ा और उसे बचाने के लिए कुआं में उतरे सभी सात लोग मिट्टी और पत्थर के नीचे दब गये. कुएं के किनारे खड़ा सुरेंद्र दास भी फिसल कर मिट्टी की ऊपरी सतह में फंस गया. ऊपर होने की वजह से वह खुद कोशिश करते हुए किसी तरह कुएं से निकलने में सफल रहा. इधर, हादसे की सूचना मिलते ही गांव के लोग दौड़ते हुए मौके पर पहुंचे. साथ ही पुलिस को हादसे की सूचना दी गयी.