रांची : केंद्र सरकार कोयले की कमर्शियल माइनिंग शुरू करने जा रही है. इसके तहत झारखंड की 22 कोयला खदानों की भी नीलामी होगी. जानकारों के अनुसार, इससे न केवल झारखंड के राजस्व में इजाफा होगा, बल्कि बड़े पैमाने पर रोजगार का सृजन भी होगा. राज्य सरकार ने नीलामी का समर्थन तो किया है, लेकिन नीलामी का समय अागे बढ़ाने का आग्रह भी किया है. खान विभाग के एक अधिकारी के अनुसार, 22 खदानों में से कई बड़ी खदानें भी हैं, जिनमें 900 मिलियन टन का रिजर्व है.
ऐसी खदानों की नीलामी से शुरुआत में 2500 करोड़ रुपये राजस्व मिलने का अनुमान लगाया गया है. वहीं, उक्त अधिकारी ने कहा कि एक खदान में प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से दो से ढाई हजार लोगों को रोजगार मिलता है. इसमें डंपर चालक, सह चालक और छोटे दुकानदार भी शामिल होते हैं. ऐसे में 22 खदानों के चालू हो जाने पर लगभग 50 हजार से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अवसर मिलेंगे. फिलहाल, केंद्र द्वारा नीलामी की प्रक्रिया शुरू करने का इंतजार है.
मुख्यमंत्री ने पत्र भेज कर तिथि बढ़ाने की मांग की है. अभी केंद्र सरकार की तरफ से कोई निर्णय नहीं हुआ है. इन खदानों की होनी है नीलामीअशोक करेकाटा, बुंडू, चकला, चितरपुर, गोंदुलपाड़ा, नॉर्थ ढादू, सेरेगढ़ा, महुआमिलान (नॉर्थ कर्णपुरा), ब्रह्मडीहा (गिरिडीह), बुढ़ाखाप, रौउता (रामगढ़), चोरीटांड़ तिलैया, जोगेश्वर एवं खास जोगेश्वर, लालगढ़ नाॅर्थ (वेस्ट बोकारो), जयनगर पतरातू, तोकीसूद-2 (साउथ कर्णपुरा), लातेहार (ओरंगा), महुआगढ़ी, उरमापहाड़ी (राजमहल), राजहरा (डालटेनगंज) और सीतनाला(झरिया).
Posted by : pritish sahay