झारखंड PMGSY के तहत मिलेगी 3000 किमी सड़क, पांच को दिल्ली में बैठक

झारखंड को ‘प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना’ के तहत करीब 3000 किमी की सड़क योजना मिलने का रास्ता साफ हो रहा है. इसे लेकर केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने पांच सितंबर को दिल्ली में प्राधिकृत समिति की बैठक बुलायी है.

By Prabhat Khabar News Desk | August 22, 2022 11:53 AM
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Jharkhand News: झारखंड को ‘प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना’ के तहत करीब 3000 किमी की सड़क योजना मिलने का रास्ता साफ हो रहा है. इसे लेकर केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने पांच सितंबर को दिल्ली में प्राधिकृत समिति की बैठक बुलायी है. इस बैठक में सहमति बनने के बाद इस विषय पर केंद्रीय सचिव की अध्यक्षता में फाइनल बैठक होगी. केंद्रीय सचिव की सहमति के बाद योजनाओं को स्वीकृति दे दी जायेगी.

डेढ़ साल से झारखंड को नयी योजना नहीं मिली

योजना की स्वीकृति पर केंद्र सरकार बैठक के लिए तिथि तय नहीं कर रही थी. करीब डेढ़ साल से झारखंड को नयी योजना नहीं मिली है. झारखंड स्टेट रूरल रोड डेवलपमेंट अथॉरिटी (जेएसआरआरडीए) ने योजना का डीपीआर तैयार करके भारत सरकार को भेज तो दिया है, लेकिन केंद्र सरकार आगे की स्वीकृति के लिए इसका इंतजार कर रही है कि झारखंड को पूर्व में जो 1200 किमी सड़क योजनाएं दी गयी है, उसके लिए तय शर्त का पालन झारखंड करे.

शर्त में क्या है

यह शर्त है कि जितनी भी योजनाएं स्वीकृत की गयी हैं, उसके 90% योजनाओं के टेंडर निबटारा और वर्क ऑर्डर देने के बाद ही दूसरी योजनाएं स्वीकृत की जायेगी, लेकिन झारखंड इसमें काफी पीछे रहा. ऐसे में भारत सरकार दूसरी योजनाएं नहीं दे रही है. केंद्रीय सचिव एनएन सिन्हा ने भी स्पष्ट किया था कि झारखंड को दी गयी योजनाओं का वर्क ऑर्डर जारी करना होगा. साथ ही उसे संबंधित साइट पर अपलोड भी करना होगा, तभी केंद्र दूसरी योजनाओं की स्वीकृति देगा.लेकिन, झारखंड में इसमें काफी देरी हुई है. अब जाकर ऐसी स्थिति हुई है कि झारखंड को योजनाएं देने के लिए केंद्र आगे बढ़ा है, इसलिए बैठक रखी गयी है.

डीपीआर भेजने में विलंब हुआ

भारत सरकार ने झारखंड को करीब 4200 किमी सड़क योजना देने पर सहमति जतायी थी. इसके लिए झारखंड को सारी प्रक्रिया पूरी करके योजनाअों का डीपीआर समय से भेजने को कहा था. शुरू में डीपीआर भेजने में थोड़ा विलंब हुआ. बाद में डीपीआर बना कर भेजा गया, तो कई बार केंद्र सरकार ने इसे लेकर क्वेरी की. इसका जवाब भी केंद्र को दिया गया. इसके बाद करीब 1200 किमी की स्वीकृति मिली थी. इसके बाद 3000 किमी सड़क योजना का डीपीआर भेजा गया है, हालांकि इसमें भी काफी विलंब हुआ था.

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