मोरहाबादी मैदान स्थित मरांग गोमके जयपाल सिंह एस्ट्रोटर्फ स्टेडियम सज-धज कर तैयार है. यह शुक्रवार से अंतरराष्ट्रीय महिला हॉकी खिलाड़ियों से गुलजार होगा. मौका है झारखंड महिला एशियन हॉकी चैंपियंस ट्रॉफी का, जिसकी मेजबानी पहली बार रांची (भारत) करेगी. इस चैंपियनशिप में भारत के अलावा चीन, जापान, कोरिया, मलयेशिया और थाईलैंड की टीमें हिस्सा ले रही हैं. भारतीय टीम में झारखंड की चार बेटियाें का भी चयन किया गया है. इनमें निक्की प्रधान, सलीमा टेटे, संगीता कुमारी और ब्यूटी डुंगडुंग शामिल हैं. हालांकि चोटिल होने के कारण ब्यूटी को कोई मैच खेलने का मौका नहीं मिलेगा, लेकिन बाकी की तीन बेटियों पर अपने होम ग्राउंड में अपने लोगों के बीच बेहतर प्रदर्शन करने का दबाव रहेगा. ऐसे में हमारी भी जिम्मेदारी है कि बेटियों का हौसला बढ़ायें. एशियन गेम्स में जहां हमारी बेटियां स्वर्ण से चूक गयीं, यहां उन बेटियों का मनोबल इतना बढ़ायें कि वह चीन में मिली हार का बदला यहां चुकता कर दें.
वीआइपी के बॉडीगार्ड भी स्टेडियम में नहीं ले जा सकेंगे हथियार
चैंपियंस ट्रॉफी के लिए जिला प्रशासन व रांची पुलिस ने पूरी तैयारी कर ली है. मोरहाबादी मैदान में गुरुवार को पुलिसकर्मी व मजिस्ट्रेट को उनकी ड्यूटी के बारे में जानकारी दी गयी. उपायुक्त राहुल सिन्हा, रांची रेंज डीआइजी अनूप बिरथरे, एसएसपी चंदन सिन्हा, सिटी एसपी राजकुमार मेहता, ट्रैफिक एसपी कुमार गौरव, एडीएम लॉ एंड आर्डर राजेश्वर नाथ आलोक ने सभी को उनकी ड्यूटी के बारे में ब्रीफ किया. डीआइजी अनूप बिरथरे ने कहा कि स्टेडियम के अंदर किसी को हथियार ले जाने की इजाजत नहीं होगी. अगर किसी वीआइपी के बॉडीगार्ड स्टेडियम के अंदर जाते हैं, तो उन्हें अपना हथियार बाहर ही छोड़ कर जाना होगा. स्टेडियम के अंदर वाटर बोतल ले जाने पर भी मनाही है. दर्शकों को मेटल डिटेक्टर से जांच करने के बाद ही अंदर जाने दिया जायेगा. एसएसपी चंदन सिन्हा ने बताया कि सभी पुलिसकर्मियों की अलग-अलग जगह ड्यूटी लगायी गयी है.
साफ-सुथरा व सुंदर फूड स्टॉल होंगे पुरस्कृत
देश-विदेश की खिलाड़ियों के साथ उक्त देशों के गणमान्य लोग भी आये हुए हैं. इसे देखते हुए रांची नगर निगम ने मोरहाबादी एमटीएस के समीप के फूड स्टाॅलों के लिए स्वच्छ रांची सुंदर फूड स्टॉल प्रतियोगिता का आयोजन किया है. जो फुटपाथ दुकानदार डस्टबीन, स्टॉल को साफ-सुथरा व लाइटिंग करवा कर रखेंगे, बेहतर एप्रोन व कैप में रहेंगे और ग्राहकों की प्रतिक्रिया लेंगे, वैसे ऐसे तीन फूड स्टॉल के संचालक को रांची नगर निगम पुरस्कृत करेगा. इस संबंध में प्रशासक अमित कुमार ने आदेश जारी कर दिया है. वहीं, अपर प्रशासक कुंवर सिंह पाहन की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया गया है. कमेटी इस दौरान इन सभी फूड स्टॉलों का निरीक्षण करेगी. साथ ही सुंदर स्टॉल को चिह्नित करेगी.
खिलाड़ियों की सुरक्षा के लिए पुलिस को मिले 12 स्कॉर्पियो
हॉकी खिलाड़ियों के एस्कॉर्ट के लिए रांची पुलिस को 12 नये स्कॉर्पियो दिये गये हैं. सीएम ने खिलाड़ियों के एस्कार्ट व पायलट वाहन के लिए 12 स्कॉर्पियो प्रदान किये हैं. गुरुवार को एसएसपी चंदन सिन्हा ने वाहनों को न्यू पुलिस लाइन से रवाना किया. ये वाहन खिलाड़ियों के होटल से स्टेडियम आने के दौरान या मार्केटिंग करने के दौरान आगे-पीछे सुरक्षा में तैनात रहेंगे. साथ में एक आइपीएस व एक डीएसपी स्तर के अधिकारी भी खिलाड़ियों की सुरक्षा में रहेंगे. चैंपियंस ट्रॉफी के बाद उक्त वाहनों को जर्जर हो चुके पीसीआर वैन की जगह सिटी पेट्रोलिंग में लगाया जायेगा.
मोरहाबादी मैदान में एलइडी स्क्रीन पर होगा प्रसारण
स्टेडियम भर जाने की स्थिति में जो दर्शक अंदर नहीं जा पायेंगे, उनके लिए भी व्यवस्था की गयी है. ऐसे लोग मोरहाबादी मैदान में एलइडी स्क्रीन पर मैच का आनंद उठा पायेंगे. मोरहाबादी मैदान में भी बैठने की व्यवस्था की गयी है. मोरहाबादी मैदान आने वाले दर्शक स्टेट गेस्ट हाउस व फुटबॉल स्टेडियम से ऑक्सीजन पार्क होकर यहां पहुंचेंगे.
मोरहाबादी में फॉगिंग की गयी
चैंपियनशिप के दौरान खिलाड़ियों, विदेशी मेहमानों और दर्शकों को मच्छर परेशान न करे, इसके लिए रांची नगर निगम की ओर से मोरहाबादी और एस्ट्रोटर्फ स्टेडियम के आसपास लगातार फॉगिंग की जा रही है.
इधर, स्टेडियम के गेट नंबर दो के सामने ही खड़ा है ट्रक
यह तस्वीर प्रभात खबर के एक पाठक ने शेयर की है. एक तरफ जिला प्रशासन व्यवस्था सुधारने में जुटा है, वहीं दूसरी तरफ एक ट्रक हॉकी स्टेडियम के गेट संख्या दो के सामने ही खड़ा है. हॉकी इंडिया के महासचिव भोलानाथ सिंह को इस ट्रक को हटाने या फ्लैक्स से ढकने का आग्रह पांच दिन पहले ही किया गया है, लेकिन आज तक यह पड़ा हुआ है. डीसी राहुल कुमार सिन्हा को भी संदेश भेजा गया है.
बेतला की सबसे उम्रदराज हथिनी ‘जूही’ बनी मैस्कट
झारखंड एशियन महिला हॉकी चैंपियंस ट्रॉफी का मैस्कट (शुभंकर) एक हथिनी को बनाया गया है. इसका नाम ‘जूही’ है. बेतला नेशनल पार्क की हथिनी ‘जूही’ झारखंड की समृद्ध वन्यजीव विरासत का प्रतीक है. बेतला नेशनल पार्क में यह हथिनी 1984 में लायी गयी थी. यह बेतला की सबसे उम्रदराज हथिनी है. यह वर्षों से यहां सैलानियों की सेवा में जुटी थी. हाथियों की सवारी कर जंगल सफारी करना बेतला नेशनल पार्क की पुरानी परंपरा रही है, जिसे अब खत्म कर दिया गया है. बेतला जब आरंभ हुआ था, तब इसका एक निर्धारित रास्ता हुआ करता था, जहां हाथी से सुबह और शाम लोगों को घुमाया जाता था. वाइल्ड लाइफ स्टडी के लिए भी हाथियों का इस्तेमाल किया जाता था. 2017 में ‘रजनी’ नामक हथिनी की मौत के बाद इस परंपरा को बंद कर दिया गया. इस वर्ष अगस्त में ‘जूही’ की भी तबीयत खराब हो गयी थी.
1984 से पीटीआर में हाथियों को रखा गया
पलामू टाइगर रिजर्व में 1984 से ही पालतू हाथियों को सिर्फ बेतला में रखा गया है. हालांकि, अब इनमें से कई पालतू हाथियों की मौत हो गयी है. इनमें चंपा, चमेली, रजनी,अनारकली आदि के नाम शामिल हैं. उस समय की केवल ‘जूही’ बची हुई है.
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