झारखंड के तीन हजार से अधिक श्रामिकों की नौकरी खतरे में, जानिए क्या है वजह

महाराष्ट्र के नागपुर में काम कर रहे तीन हजार से अधिक झारखंडी श्रमिकों की नौकरी पर आफत आ गयी है़ उक्त श्रमिक नागपुर में टॉपवर्थ ऊर्जा व मेटल्स लिमिटेड में कार्यरत थे.

By Sameer Oraon | September 29, 2022 10:24 AM

रांची: महाराष्ट्र के नागपुर में कार्यरत राज्य के तीन हजार से अघिक श्रमिकों की नौकरी खतरे में है. सभी मजदूर नागपुर के टॉपवर्थ ऊर्जा व मेटल्स लिमिटेड में कार्यरत थे. जानकारी के मुताबिक बैंक लोन डिफॉल्ट केस में कंपनी का कामकाज पूरी तरह ठप हो गया है. कंपनी ने अभी तक लोन नहीं चुकाया है.

बढ़ता एनपीए की वजह से यह केस अब एनटीएसएल में ट्रांसफर कर दिया गया है. कंपनी में करीब पांच हजार श्रमिक कार्यरत हैं. इनमें अधिकांश श्रमिक झारखंड व छत्तीसगढ़ के हैं. हालांकि कर्मचारियों के एक समूह आदिवासी मजदूर संघ ने इस मामले में भाजपा आदिवासी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद समीर उरांव को त्राहिमाम संदेश भेजा है.

पत्र की प्रतिलिपि एसबीआइ, बैंक ऑफ बड़ौदा, इंडियन बैंक, कंपनी के एमडी अभय लोढ़ा समेत कई सांसदों को भेजी गयी है़ साथ ही मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की गयी है, ताकि कर्मचारियों की नौकरी बरकरार रहे़ आदिवासी संघ के अध्यक्ष टायडोला शुब्बू ने कहा कि अफसरों की लालफीताशाही की वजह से पांच हजार से ज्यादा आदिवासी श्रमिक बेरोजगार हो गये हैं. उन्होंने कहा कि किसी भी कंपनी को बंद करके इतनी बड़ी आबादी को बेरोजगार कर देना विकल्प नहीं है.

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