12 साल के सुतत्व ने गंगोत्री से देवघर तक की साइकिल यात्रा करके बनाया नेशनल रिकॉर्ड
पलामू के रहने वाले सुतत्व ऋजु ने साइक्लिंग में नया नेशनल रिकॉर्ड बनाया है. 12 साल के सुतत्व ने विश्व शांति का संदेश लिए 2000 किलोमीटर की यात्रा तय की. इस बीच कई कठिनाईयां भी आईं. सुतत्व की इस सफलता पर उसे हर तरफ से बधाइयां मिल रही हैं.
पलामू, सैकत चटर्जी: पलामू के रहने वाले सुतत्व ऋजु ने गंगोत्री से देवघर तक 2000 किलोमीटर तक की साइकल यात्रा कर नया नेशनल रिकॉर्ड बनाया है. सुतत्व ऋजु की यह यात्रा विश्व शांति और प्रेम के संदेश के लिए थी. उन्होंने गंगोत्री से पवित्र जल उठाया और देवघर में बाबा बैद्यनाथ को अर्पित कर विश्व शांति के लिए दुआ मांगी. रास्ते में उसे चारों तरफ सराहना मिली.
ऐसी रही यात्रा
सुतत्व ऋजु 26 दिसंबर को साइकल से बाबा बैद्यनाथ की नगरी देवघर पहुंचे और 2000 किलोमीटर के विशाल लक्ष्य को पूरा कर गंगोत्री से लाए गंगा जल को देवघर शिव मंदिर में चढ़ाया. इसी के साथ उन्होंने पूरे विश्व को प्रेम और शांति का संदेश दिया. उन्होंने सबसे कम उम्र में सबसे लंबी साइकिल यात्रा करने का नेशनल रिकॉर्ड स्थापित कर युवा पीढ़ी को एक अनोखी मिसाल दी है. बता दें कि रांची के एएसटीवीएस (+2) जिला स्कूल की कक्षा सात में पढ़ने वाले सुतत्व ऋजु पलामू के मूल निवासी हैं. सुतत्व महज 12 साल के हैं. 7 दिसंबर 2023 को वे रांची से निकले थे और अपनी यह यात्रा 12 दिसंबर को गंगोत्री धाम उत्तराखंड से शुरू की, और 26 दिसंबर को देवघर बाबा मंदिर में पूरा किया.
सुतत्व के पिता ढाल बनकर थे साथ
यात्रा के पहले दिन गंगोत्री से उत्तरकाशी के बीच भारी बर्फबारी भी हुई. इस बीच साइक्लिंग करना कठिन था, और रिस्की भी था. हालांकि, सुतत्व के पिता सौमित्रो बोराल भी उसके साथ थे. उनका साथ सुतत्व के लिए किसी ढाल से कम नहीं थी. वे लगातार अपने बेटे का हौसला अफजाई कर रहे थे, और उसके पूरे दिनचर्या की जरूरतों का ख्याल भी रख रहे थे. इस कठिन यात्रा में सुतत्व के पिता व टीम के अन्य दो सदस्य वाहन द्वारा आवश्यक सामग्री को साथ लेकर साथ-साथ चले. सुतत्व ऋजु के पिता सौमित्रो पलामू के जाने माने ग्लार्ड स्टूडियो के मशहूर फोटोग्राफर रह चुके हैं. वाइल्ड लाइफ के साथ उनका पुराना नाता रहा है, उन्होंने कहा कि वे कभी भी अपने पुत्र पर केरियर में पढ़ाई को लेकर दबाव नहीं बनाते, बल्कि हमेशा उसके शौख को ही प्रमुखता दिया. इसमें सुतत्व ऋजु की मां शालिनी बोराल का भी काफी योगदान रहा. वह इस यात्रा में नहीं आ सकीं, लेकिन घर से ही साथ दे रही है.
यात्रा में मिला इनका साथ
इस यात्रा में औरंगाबाद, बिहार के रहने वाले इंटरनेशनल साइक्लिस्ट सह ट्रेनर 48 वर्षीय राकेश कुमार पवन, पूर्णिया, बिहार के रहने वाले 52 वर्षीय विजय कुमार और 62 वर्षीय श्री राम भगवान ने भी सुतत्व के साथ-साथ साइकिल चलाई. इनसे मिले हौसले और मार्गदर्शन में सुतत्व ऋजु ने बर्फ से भरी हिमालय घाटी, पहाड़, जंगल और नेशनल हाइवे पर संतुलन के साथ अपनी साइकिल चलाकर 2000 किलोमीटर जैसे विशाल लक्ष्य को सफलतापूर्वक पूरा किया.
ऐसे पूरा किया 2000 किमी की लंबी यात्रा
गंगोत्री से उत्तरकाशी (115 किलोमीटर)
उत्तरकाशी से चम्बा (120 किलोमीटर)
चम्बा से हरिद्वार (110 किलोमीटर)
हरिद्वार से मुरादाबाद (180 किलोमीटर)
मुरादाबाद से शाहजहांपुर (185 किलोमीटर)
शाहजहांपुर से लखनऊ (155 किलोमीटर)
लखनऊ से अयोध्या (130 किलोमीटर)
अयोध्या से कुशीनगर (200 किलोमीटर)
कुशीनगर से मुजफ्फरपुर (230 किलोमीटर)
मुजफ्फरपुर से सीमराई (180 किलोमीटर)
सीमराई से पूर्णिया (135 किलोमीटर),
पूर्णिया से बांका (150 किलोमीटर)
बांका से देवघर (70 किलोमीटर)
देवघर से बासुकीनाथ (40 किलोमीटर)
इसप्रकार कुल 2000 किलोमीटर की यात्रा 2 दिन के मध्य विश्राम के साथ कुल 15 दिन में पूरी की गयी.
सुतत्व ऋजु को मिल रही है बधाइयां
सुतत्व ऋजु और पूरे टीम को इस बड़ी उपलब्धी के लिए लगातार बधाइयां मिल रही हैं. ऋजु के साइक्लिंग कोच राम कुमार भट्ट और प्रथम कुमार, झारखंड साइक्लिंग एसोसिएशन के महासचिव शैलेन्द्र पाठक, कोषाध्यक्ष रणवीर सिंह, पलामू के पूर्व क्रिकेटर सह चतरा सीओ राकेश सहाय, ब्रजेश कुमार, जितेंद्र कुमार, मेदिनीनगर बंगाली समिति के वरीय सदस्य गौतम घोष, अमर भांजा, मेदिनीनगर बांगीय दुर्गा बाड़ी के अध्यक्ष देवेश मोइत्रा, सचिव दिबेंदु गुप्ता, माता हीरामणि सेवा संस्थान के प्रमोद अग्रवाल, रांची रोटरी क्लब के रथिन भद्रा, पूर्णिया साइकलिंग टीम एवं परिवार के सभी सदस्यों, मित्रजनों और रांची व पलामूवासियों ने ढेर सारी बधाईयां दी हैं.
बंगाली समिति करेगी सम्मानित
मेदिनीनगर के बंगाली समिति की ओर से जानकारी देते हुए बताया गया कि सुतत्व ऋजु को पलामू बुलाकर सम्मानित किया जाएगा. कम उम्र में उन्होंने जो कीर्तिमान स्थापित किया है, वो सराहनीय है, इससे पलामू का नाम रोशन हुआ है. साथ ही सुतत्व ऋजु के सपनों को मंजिल तक पहुंचाने में उनके माता-पिता का जो कठिन परिश्रम और लगन रहा है, बंगाली समिति उसे भी सेल्यूट करती है. जल्द ही समारोह की तारीख बताई जाएगी.
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