Loading election data...

झारखंड की उत्पाद नीति दूसरे राज्यों के लिए बना मॉडल, बंगाल ने अपनाया, अब इस राज्य की सरकार भी कर रही विचार

झारखंड की नयी उत्पाद नीति पूरे देश में मॉडल बन गया है. दूसरे राज्य भी झारखंड की तर्ज पर अपनी उत्पाद नीति में बदलाव कर रहे हैं. पश्चिम बंगाल ने झारखंड मॉडल को अपने राज्य में लागू कर दिया है.

By Prabhat Khabar News Desk | September 20, 2021 10:24 AM

रांची : झारखंड सरकार की नयी उत्पाद नीति देश के अन्य राज्यों के लिए मॉडल बन गयी है. दूसरे राज्य भी झारखंड की तर्ज पर अपनी उत्पाद नीति में बदलाव कर रहे हैं. पश्चिम बंगाल ने झारखंड मॉडल को अपने राज्य में लागू कर दिया है. पश्चिम बंगाल सरकार ने 16 सितंबर को अपनी उत्पाद नीति में बदलाव से संबंधित अधिसूचना जारी कर दी.

अब सरकार की संस्था वेस्ट बंगाल स्टेट बिवरेज कॉरपोरेशन से लेकर शराब का थोक व्यापार निजी हाथों में सौंपा जायेगा. झारखंड की तरह वहां भी मुनाफा का निर्धारित प्रतिशत कॉरपोरेशन के संचालन के लिए रखने का प्रावधान किया गया है. ओड़िशा सरकार भी झारखंड की तर्ज पर उत्पाद नीति में बदलाव की तैयारी करने जा रही है.

अब तक “600 करोड़ का राजस्व अर्जित

राज्य में नयी उत्पाद नीति लागू होने के बाद राजस्व में भारी वृद्धि संभावित है. वित्तीय वर्ष 2021-22 के निर्धारित लक्ष्य 2463 करोड़ के विरुद्ध अब तक 600 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया गया है. गत वित्तीय वर्ष में इसी समय तक शराब से 352 करोड़ रुपये राजस्व अर्जित की गयी थी. वित्तीय वर्ष 2020-21 में उत्पाद विभाग ने 1830 करोड़ रुपये के लक्ष्य का पीछा करते हुए कोविड-19 संक्रमण के बावजूद 1823 करोड़ रुपये राजस्व कमाया था.

राजस्व में 300-400 करोड़ वृद्धि की संभावना

राज्य सरकार की नयी उत्पाद नीति में शराब का थोक व्यवसाय करने का लाइसेंस हासिल करने के लिए दिये जानेवाले आवेदन का शुल्क भी 25 लाख रुपये तक निर्धारित किया गया है. इस नये प्रावधान की वजह से भी उत्पाद विभाग को मुनाफा हो रहा है. सिर्फ आवेदन शुल्क से विभाग ने 52 करोड़ रुपये आवेदन से कमाया है. विभागीय सूत्रों के मुताबिक, नयी उत्पाद नीति लागू होने से राज्य सरकार को उत्पाद विभाग से प्राप्त होनेवाले राजस्व में 300 से 400 करोड़ रुपये तक की वृद्धि संभावित है.

झारखंड की तरह ही पश्चिम बंगाल ने भी शराब के होलसेल के लिए नियमों का निर्धारण किया है. उन्होंने थोक विक्रेताओं को विदेशी शराब के वितरकों के साथ जोड़ दिया है. नयी उत्पाद नीति से निश्चित ही राज्य के राजस्व में वृद्धि होगी.

अमित कुमार

उत्पाद आयुक्त, झारखंड

Posted by : Sameer Oraon

Next Article

Exit mobile version