झारखंड के नये डीजीपी के नाम की आज हो सकती है घोषणा, पढ़ें पूरी खबर
झारखंड के नये डीजीपी को लेकर अब भी संशय बना हुआ है. पूर्व डीजीपी नीरज सिन्हा के 11 फरवरी को कार्यकाल समाप्त होने और खुद ही पदभार छोड़ने के बाद से अब तक किसी नाम पर मुहर नहीं लगी है. उम्मीद है कि सोमवार को नये डीजीपी के नाम की घोषणा हो सकती है.
Jharkhand News: झारखंड डीजीपी नीरज सिन्हा का कार्यकाल शनिवार 11 फरवरी, 2023 को समाप्त हो गया. उन्होंने खुद ही अपना पदभार छोड़ दिया. लेकिन, रविवार देर रात तक नये डीजीपी के नाम पर निर्णय नहीं हो सका. दूसरी ओर, भीतर खाने से मिल रही खबरों के मुताबिक 1989 बैच के झारखंड कैडर के आईपीएस अधिकारी अजय कुमार सिंह का नाम नये डीजीपी की कतार में सबसे ऊपर बताया जा रहा है. हालांकि, इनके बैच के ही अजय भटनागर और 1980 बैच के अनिल पाल्टा का नाम भी है. उधर, डीजी ट्रेनिंग अनुराग गुप्ता का नाम भी बतौर प्रभारी डीजीपी चर्चा में है.
14 फरवरी तक राज्य सरकार को सुप्रीम कोर्ट में दाखिल करना है शपथ पत्र
मालूम हो कि नये डीजीपी की घोषणा नहीं होने पर डीजीपी नीरज सिन्हा ने अपना कार्यकाल समाप्त होने के बाद 11 फरवरी की शाम खुद ही अपना कार्यभार छोड़ दिया था. लेकिन, अगले दिन यानी रविवार को भी नये डीजीपी के नाम की घोषणा नहीं की गयी. राज्य सरकार को 14 फरवरी तक सुप्रीम कोर्ट में नये डीजीपी को लेकर शपथ पत्र दाखिल करना है. ऐसे में उम्मीद जतायी जा रही है कि सरकार सोमवार को नये डीजीपी के नाम की घोषणा कर सकती है. यूपीएससी के पैनल में अजय भटनागर, अजय कुमार सिंह और अनिल पाल्टा का नाम शामिल है. अजय भटनागर केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर सीबीआई में संयुक्त निदेशक हैं. वहीं, अजय कुमार सिंह झारखंड पुलिस हाउसिंग निगम के एमडी और एसीबी के चीफ हैं, जबकि अनिल पाल्टा डीजी रेल हैं.
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नये डीजीपी के लिए चल रही सौदेबाजी : मरांडी
दूसरी ओर, भाजपा विधायक दल के नेता व पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी ने डीजीपी की नियुक्ति में सौदेबाजी करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि यूपीएससी ने डीजीपी की नियुक्ति के लिए तीन अधिकारियों का नाम भेजा है. आखिर किन कारणों से नियुक्ति में विलंब हो रहा है. श्री मरांडी ने प्रभात खबर के साथ विशेष बातचीत के क्रम में कहा कि डीजीपी की नियुक्ति में विलंब होना खुद में एक बड़ा सवाल है. यह समझा जा सकता है कि डीजीपी की नियुक्ति में भी सौदेबाजी चल रही है. डीजीपी नीरज सिन्हा की सेवानिवृत्ति से पहले ही नये डीजीपी की नियुक्ति की प्रक्रिया सरकार को पूरी कर लेनी चाहिए थी. लेकिन अभी तक ऐसा नहीं हुआ है.