झारखंड में 1 जून से ‘पानी रोको पौधा रोपो अभियान’ की शुरुआत, हर दिन 10 लाख मानव दिवस सृजित करने का लक्ष्य
झारखंड के ग्रामीण समेत प्रवासी मजदूरों को रोजगार मिले, इसके लिए हेमंत सोरेन की सरकार युद्ध स्तर पर तैयारी शुरू कर दी है. सरकार ने ग्रामीण विकास विभाग की तीन नयी योजनाओं से राज्य में हर दिन 10 लाख मानव दिवस सृजन करने का लक्ष्य निर्धारित किया है.
रांची : झारखंड के ग्रामीण समेत प्रवासी मजदूरों को रोजगार मिले, इसके लिए हेमंत सोरेन की सरकार युद्ध स्तर पर तैयारी शुरू कर दी है. बीते 4 मई को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ग्रामीण क्षेत्रों के लिए तीन नयी योजनाओं की शुरुआत की थी. सरकार ने ग्रामीण विकास विभाग की तीन नयी योजनाओं से राज्य में हर दिन 10 लाख मानव दिवस सृजन करने का लक्ष्य निर्धारित किया है. इन तीन योजनाओं का लाभ उन प्रवासी मजदूरों को आजीविका के लिए रोजगार देकर किया जाएगा, जो बड़े पैमाने पर कोरोना संक्रमण के बाद वापस झारखंड लौट रहे हैं. ये तीन नयी योजनाएं हैं बिरसा हरित ग्राम योजना, नीलांबर- पितांबर जल समृद्धि योजना और शहीद पोटो हो खेल विकास योजना.
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राज्य सरकार का मानना है कि इन योजनाओं के माध्यम से जहां एक ओर बड़ी आबादी को रोजगार मिल सकेगा. वहीं, दूसरी ओर जल एवं मृदा संरक्षण (Water and Soil Conservation) के कार्यों से गांव का पानी गांव में एवं खेत का पानी खेत में रोक कर राज्य के प्रत्येक गांव एवं टोला में वर्षा जल का संरक्षण कर भू-जल को रिचार्ज करने में भी सफल होंगे.
जिले के अधिकारियों को मिला निर्देश
इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए राज्य की ग्रामीण विकास विभाग की प्रधान सचिव आराधना पटनायक ने सभी जिलों के उपायुक्त (DC) और उप विकास आयुक्त (DDC) को पत्र लिखा है. उन्होंने अपने पत्र में आगामी 1 जून से उपरोक्त तीन कार्यों को मिशन मोड में क्रियान्वित करने के लिए पानी रोको, पौधा रोपो अभियान की शुरुआत करने का निर्देश दिया है.
जल स्वावलंबन के लिए लंबी छलांग लगाने की योजना
इन तीनों योजनाओं से न केवल बड़े पैमाने पर राज्य के ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले ग्रामीण एवं वापस हो रहे प्रवासी मजदूरों को रोजगार का साधन उपलब्ध होगा, बल्कि बिरसा हरित ग्राम योजना से राज्य को जल स्वावलंबन की ओर ले जाने में एक लंबी छलांग लगाने की भी योजना तैयार होगी.
हर गांव- मोहल्ला में 5 योजनाएं
ग्रामीण विकास विकास की प्रधान सचिव आराधना पटनायक ने उपरोक्त लक्ष्य को पूरा करने के लिए प्रत्येक गांव व टोला में कम से कम 5 योजनाएं संचालित करने का निर्देश दिया है, ताकि किसी भी ग्रामवासी महिला/ पुरुष को रोजगार के लिए ग्राम- टोला से बाहर जाने की आवश्यकता ना पड़े.
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रोजगार से जोड़ने में मिले सबका सहयोग
ग्रामीण विकास की योजनाओं से ग्रामीण व प्रवासी मजदूरों को जोड़ना है. इसके लिए सभी किसान एवं मजदूर भाई-बहनों से अपील है कि अपने स्थानीय पदाधिकारियों, पारंपरिक प्रधानों, पंचायत प्रतिनिधियों, रोजगार सेवकों, जनसेवकों, मुखिया एवं वार्ड पार्षदों से समन्वय स्थापित कर रोजगार से जुड़ने में सहयोग करें.
तीन नयी योजनाओं का उद्देश्य
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बीते 4 मई को तीन योजनाओं की शुरुआत कर प्रवासी मजदूरों को रोजगार के साधन उपलब्ध कराने का निर्देश अधिकारियों को दिये थे.
1. बिरसा हरित ग्राम योजना : इस योजना के तहत 5 लाख परिवारों को 100- 100 फलदार पौधे का पट्टा के साथ राज्य भर में 5 करोड़ पौधरोपण का लक्ष्य निर्धारित.
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2. नीलांबर- पितांबर जल समृद्धि योजना : इस योजन के तहत ट्रेंच कम बंड तकनीकी अपनाकार ऊपरी जमीन की मेढ़बंदी करना, जहां ढलान 5-20 प्रतिशत के बीच है. इसके अलावा ऐसे खेतों की मेढ़बंदी करना जहां ढलान 5 प्रतिशत से कम हो.
3. वीर शहीद पोटो हो खेल विकास योजना : इस योजना के तहत राज्य के सभी पंचायतों सहित राज्य भर में 5000 खेल के मैदान का निर्माण, युवक एवं युवतियों के लिए खेल सामग्री की व्यवस्था, प्रखंड एवं जिला स्तर पर सुसज्जित प्रशिक्षण केंद्रों का संचालन, खिलाड़ियों के लिए सरकारी नौकरी में विशेष आरक्षण एवं मनरेगा के तहत एक करोड़ मानव दिवस का सृजन करना इसका मुख्य लक्ष्य है.
Posted By : Samir ranjan.