झामुमो ने चुनाव आयोग पर पक्षपात करने का लगाया आरोप, कही ये बात
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि पिछली बार भी झामुमो के प्रचार के दौरान कई बार बाधा उत्पन्न करने का प्रयास किया गया था. क्या इस बार भी ऐसा ही होगा.
झामुमो ने चुनाव आयोग पर आरोप लगाया है कि झारखंड के साथ पक्षपात कर रहा है. झामुमो के प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने प्रदेश कार्यालय में प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि इस बार चुनाव में होनेवाले खर्च की सीमा बढ़ा दी गयी है, लेकिन इसकी औपचारिक सूचना भी पार्टी को नहीं दी गयी. साथ ही अभी तक हमारे साथ चुनाव संबंधी किसी तरह का विचार-विमर्श आयोग ने नहीं किया है. श्री भट्टाचार्य ने कहा कि किसी एक ही पार्टी के लिए तो आयोग अपनी तैयारी नहीं कर रहा है. इडी द्वारा तो अलग ही तैयारी की जा रही है. जबकि आयोग राज्यों का दौरा कर वहां के राजनीतिक दलों के साथ बैठक करता है. पर यहां ऐसा नहीं हुआ है. ये स्थिति चिंता पैदा करनेवाली है.
सुप्रियो ने आगे कहा कि पिछली बार भी झामुमो के प्रचार के दौरान कई बार बाधा उत्पन्न करने का प्रयास किया गया था. क्या इस बार भी ऐसा ही होगा. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग आगामी 11 मार्च से 16 मार्च के बीच झारखंड आये, पार्टी के प्रतिनिधियों को बुलाये और चुनाव के संबंध में उनको दिशा-निर्देश दे. चुनाव से पहले राजनीतिक दलों के साथ विमर्श करना आयोग की परंपरा रही है.
श्री भट्टाचार्य ने कहा कि इस बार लगता है कि अपनी ही परंपरा को भी चुनाव आयोग ने पीछे छोड़ दिया है. सुप्रियों ने कहा, चुनाव आयोग यह निश्चित करता है कि लोग दबाव मुक्त होकर अपने संवैधानिक अधिकार का पालन करें. लेकिन इस बार ये मुश्किल लग रहा है. जेएमएम के लिए ये बड़ी चिंता की बात है. उन्होंने सवाल उठाया कि क्या चुनाव आयोग के लिए झारखंड में चुनाव होना कोई जरूरी नहीं रह गया है.
बाबूलाल मरांडी को हेमंत से ज्यादा सुरक्षा मिली हुई है
श्री भट्टाचार्य ने कहा कि बाबूलाल मरांडी को राज्य सरकार के अलावा केंद्र सरकार से भी अतिरिक्त सुरक्षा मिली हुई है. उनको अगर राज्य सरकार की सुरक्षा के साथ मिला दें, तो उनकी सुरक्षा हेमंत सोरेन से ज्यादा हो जाती है. फिर भी सुरक्षा को लेकर हमारा उनसे कहीं कोई विवाद नहीं है.
एजुकेशन ट्रस्ट से फैले हैं प्रदीप
भाजपा द्वारा झारखंड से प्रदीप वर्मा को राज्यसभा का उम्मीदवार बनाये जाने पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए श्री भट्टाचार्य ने कहा कि पता चला है एक साधारण कार्यकर्ता हैं. उत्तर प्रदेश से आये हैं. एक एजुकेशनल ट्रस्ट बना कर फैलाया है. फिर अपने आपको फैलाया है. उनका खूब विकास हुआ है. उस एजुकेशन ट्रस्ट का भी विकास हुआ है. भाजपा लिए तो जनजाति होना ही बड़ा अभिशाप है.
हरिहर जी का खेला हो गया
हरहिर महापात्रा द्वारा राज्यसभा का नामांकन पत्र लिये जाने पर श्री भट्टाचार्य ने कहा कि हरिहर जी का तो खेला हो गया है. सुना है 28 पूर्व विधायकों ने उनको अपना उम्मीदवार बनाया है और जिताने का दावा किया है.