रद्द हो दुमका के झामुमो प्रत्याशी बसंत सोरेन का नामांकन, भाजपा ने लगाया आयोग को गलत जानकारी देने का आरोप

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दुमका उपचुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के प्रत्याशी बसंत सोरेन का नामांकन रद्द करने की मांग की है. मुख्य विपक्षी दल ने सत्तारूढ़ दल के उम्मीदवार एवं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के छोटे भाई पर तथ्य छुपाकर नामांकन दाखिल करने का आरोप लगाया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 22, 2020 8:27 PM

रांची : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दुमका उपचुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के प्रत्याशी बसंत सोरेन का नामांकन रद्द करने की मांग की है. मुख्य विपक्षी दल ने सत्तारूढ़ दल के उम्मीदवार एवं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के छोटे भाई पर तथ्य छुपाकर नामांकन दाखिल करने का आरोप लगाया है.

भाजपा ने बसंत सोरेन पर शपथ पत्र के माध्यम से गलत जानकारी देने के संबंध में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, मुख्य चुनाव आयुक्त, दुमका के उपायुक्त और दुमका के अनुमंडल पदाधिकारी के पास शिकायत दर्ज करायी है. भाजपा के चुनाव आयोग संपर्क विभाग के प्रदेश सह संयोजक सुधीर श्रीवास्तव ने कहा कि उपचुनाव में दिये गये शपथपत्र में कई तथ्यों को छुपाकर नामांकन दाखिल किया है.

उन्होंने कहा है कि चुनाव आयोग की आंख में धूल झोंकने का प्रयास असंवैधानिक है. झामुमो ने चुनाव आयोग के साथ-साथ झारखंड की जनता के साथ धोखा किया है. वर्ष 2016 के राज्यसभा चुनाव में नामांकन के दौरान दिये गये शपथपत्र और वर्ष 2020 उपचुनाव में दिये गये शपथपत्र में कई असमानताएं हैं. दोनों जानकारी में भारी विसंगति है. कार के दाम में बदलाव, सोने-चांदी की गलत जानकारी, जमीन के आंकड़े छुपाये गये और बंदूक की जानकारी में असमानताएं हैं.

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उन्होंने बताया कि राज्यसभा चुनाव में बतौर प्रत्याशी बसंत सोरेन ने शपथ पत्र के माध्यम से जानकारी दी थी कि उनके पास एक वाहन हुंदई I-20 (JHOI BS/3030) है, जो वर्ष 2016 में खरीदी गयी. इसकी कीमत 8 लाख 22 हजार रुपये बतायी थी. वर्ष 2020 के उप-चुनाव में बताया गया कि हुंदई I-10 (JH01BS/3030) वर्ष 2015 में खरीदी गयी और इसका मूल्य 5,04,811 रुपये है. अर्थात कंपनी वही, गाड़ी का नंबर वही, मॉडल बदल गया और खरीदने का वर्ष भी बदल गया.

उन्होंने कहा कि वर्ष 2016 में बतौर राज्यसभा प्रत्याशी बसंत सोरेन ने कहा था कि पत्नी हेमलता सोरेन के पास 3 किलो 65 ग्राम सोना है, जिसकी कीमत 34 लाख 79 हजार 49 रुपये है. चांदी 11.22 ग्राम/किलो है, जिसकी कीमत 2 लाख 19 हजार 125 रुपये है. अब बसंत सोरेन कह रहे हैं कि उनकी पत्नी के पास 3 किलो 55 ग्राम सोना है, जिसकी कीमत 34 लाख 79 हजार 649 रुपये है.

उन्होंने कहा है कि उनके पास 5 किलो चांदी है और इसका मूल्य 2 लाख 19 हजार 125 रुपये है. आश्चर्य की बात है कि सोना का कीमत वर्ष 2016 से 2020 के बीच में उतना ही रहा और चांदी की कीमत वर्ष 2016 में जितनी थी, उतना वर्ष 2020 में भी उतनी ही रही.

श्री श्रीवास्तव ने कहा है कि सच यह है कि वर्ष 2016 में 3 किलो 65 ग्राम सोने की कीमत लगभग 75 लाख रुपये थी और वर्ष 2020 में 3 किलो 55 ग्राम सोने की कीमत लगभग 15 करोड़ रुपये है. वर्ष 2016 में 11.22 ग्राम चांदी का मूल्य लगभग 1 हजार रुपये था, जबकि वर्ष 2020 में 5 किलो चांदी का मूल्य लगभग 3 लाख रुपये है.

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इतना ही नहीं, भाजपा का आरोप है कि वर्ष 2016 में बतौर राज्यसभा प्रत्याशी बसंत सोरेन ने कहा था कि उनके पास पिस्टल और गन है, जिसकी कीमत 1 लाख 52 हजार 750 रुये है. वर्ष 2020 के उप चुनाव में श्री सोरेन के द्वारा पिस्टल और गन की जानकारी नहीं दी गयी है, जो संदेहास्पद है और तथ्य छुपाने का प्रश्न खड़ा होता है.

वर्ष 2016 में बतौर राज्यसभा प्रत्याशी बसंत सोरेन ने नामांकन के समय शपथ पत्र के माध्यम से घोषणा की थी कुल 5 जगह (बाइपास रोड चास, दामकोदा बरवा, दामकोदा बरवा, दामकोदा बरवा एवं भवानीडीह) में नन एग्रीकल्चर लैंड (गैर कृषि योग्य भूमि) के वह स्वामी हैं. वर्ष 2020 के विधानसभा उप-चुनाव में बाइपास रोड चास स्थित जमीन जिसकी कीमत 2016 में 43 लाख 37 हजार 150 रुपये थी, उसे छोड़कर बाकी चार जगह की ही जानकारी चुनाव आयोग को दी है.

झामुमो बोला, क्यों घबरा रहे हैं बसंत सोरेन से

भाजपा के आरोपों पर झामुमो के प्रवक्ता मनोज पांडेय ने कहा कि बसंत सोरेन से इतने व्याकुल क्यों हो गये हैं. चुनाव है. मैदान में आप आ ही गये हैं, आजमा लीजिए. बड़ी हार से अभी से घबरा गये हैं. श्री पांडेय ने कहा कि राष्ट्रीय पार्टी को ये सब शोभा नहीं देता. रिटर्निंग ऑफिसर को भी ऐसी जानकारी दी गयी थी. उन्होंने उसे सिरे से खारिज कर दिया.

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Posted By : Mithilesh Jha

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