रांची. झारखंड मुक्ति मोर्चा ने अंतत: विधायक चमरा लिंडा पर कार्रवाई कर दी है. महागठबंधन के खिलाफ लोहरदगा लोकसभा सीट पर पार्टी लाइन से हट कर निर्दलीय चुनाव लड़ने के मामले में पार्टी ने चमरा लिंडा को सभी पदों से निलंबित कर दिया है. जबकि, इसी तरह खूंटी लोकसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन करनेवाले कोलेबीरा के पूर्व विधायक बसंत लौंगा को सभी पदों से मुक्त करते हुए पार्टी की प्राथमिकी सदस्यता से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया गया है. उधर, झामुमो के एक और विधायक लोबिन हेंब्रम सात मई को राजमहल लोकसभा सीट से अपनी ही पार्टी के उम्मीदवार विजय हांसदा के खिलाफ नामांकन दाखिल कर चुके हैं. हालांकि, अब तक पार्टी ने उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है.महागठबंधन के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ रहे बसंत लौंगा पर पार्टी ने चार मई को कार्रवाई की. खूंटी में महागठबंधन के खिलाफ चुनाव लड़ने और पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल रहने का आरोप लगाते हुए उन्हें सभी पदों से मुक्त करते हुए पार्टी के प्राथमिक सदस्यता से छह साल के लिए निष्कासित किया गया है.दूसरी ओर, गुमला में राहुल गांधी की चुनावी सभा को देखते हुए आनन-फानन में सात मई को दोपहर 1:25 बजे लोहरदगा से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे विधायक चमरा लिंडा पर कार्रवाई की गयी. पार्टी ने उन्हें गठबंधन धर्म के विरुद्ध कार्य करने और पार्टी नेतृत्व के खिलाफ जाकर चुनाव लड़ने के आरोप में सभी पदों से मुक्त करते हुए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया. बता दें कि बसंत लौंगा एक दिन पहले ही झामुमो पर एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगा चुके थे. अब चमरा लिंडा को केवल निलंबित किये जाने को लेकर वे दोबारा सवाल खड़े कर रहे हैं. श्री लौंगा ने पूछा है कि चमरा लिंडा पर हल्की-फुल्की कार्रवाई क्यों? क्या वे विधायक हैं, इसलिए या फिर लोकसभा चुनाव के बाद पार्टी में उनकी वापसी के दरवाजे खुले रखे गये हैं?
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