झामुमो ने भाजपा के प्रदेश प्रभारी के खिलाफ चुनाव आयोग में की शिकायत

झामुमो ने प्रदेश भाजपा प्रभारी लक्ष्मीकांत वाजपेयी के खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत की है. पार्टी ने झारखंड पुलिस-प्रशासन से वाजपेयी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करते हुए उन्हें गिरफ्तार करके जेल भेजने की मांग भी की है.

By Prabhat Khabar News Desk | April 9, 2024 12:02 AM

रांची.झामुमो ने प्रदेश भाजपा प्रभारी लक्ष्मीकांत वाजपेयी के खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत की है. पार्टी ने झारखंड पुलिस-प्रशासन से वाजपेयी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करते हुए उन्हें गिरफ्तार करके जेल भेजने की मांग भी की है. वहीं झामुमो के महासचिव ने वाजपेयी को चेतावनी देते हुए कहा कि यह उत्तर प्रदेश नहीं, झारखंड है. अपनी भाषा पर संयम बरतें और सोच-समझ कर बोलें. क्योंकि झारखंड झुकेगा नहीं, डरेगा नहीं और वाजपेयी को छोड़ेगा नहीं. श्री भट्टाचार्य ने सोमवार को पार्टी कार्यालय में आयोजित एक प्रेस वार्ता के दौरान सरायकेला में श्री वाजपेयी के बयान पर प्रतिक्रिया दे रहे थे.

रैली के कारण बौखला गये हैं

श्री भट्टाचार्य ने वाजपेयी के बयान पर कहा कि क्या यही सोच मोदी जी, नड्डा जी की है, तो बतायें. बाबूलाल जी को अपने प्रभारी की ऐसी भाषा पर अपनी बातें रखनी चाहिए. क्या उनके कार्यालय और आरएसएस मुख्यालय में उनके नेता और कार्यकर्ता इसी तरह से महिलाओं से बात करते हैं. उन्होंने कहा कि हमने 21 अप्रैल को रैली क्या बुलायी है, इनका माथा खराब हो गया है. बौखला गये हैं. श्री भट्टाचार्य ने कहा कि वैसे भी भाजपा का अपना कोई रहा नहीं, जेवीएम वाले ही यहां भाजपा चला रहे हैं.

कल्पना के डर से कल्पना नहीं कर पा रहे हैं बाबूलाल और निशिकांत

श्री भट्टाचार्य ने कहा कि जिस दिन से कल्पना सोरेन ने सार्वजनिक जीवन में कदम रखा है. उस दिन से बाबूलाल और निशिकांत दुबे बौखला गये हैं. ये लोग कल्पना की डर का कल्पना किस तरह करें, उसकी कल्पना नहीं कर पा रहे हैं. कल्पना सोरेन और झामुमो अपने पूर्व सीएम के कार्यों को लेकर जनता से आशीर्वाद मांग रहे हैं. हेमंत सोरेन की सरकार के चार वर्ष के कार्यकाल में कोई भी वर्ग ऐसा अछुता नहीं रहा, जिनके लिए कुछ न किया गया है. यही सब काम तो भाजपा के लिए सिरदर्द बन गया और हेमंत जी को जेल में डाल दिया. अब जब कल्पना सोरेन सामने आयी हैं, तो उनमें कल्पना का डर समा गया है. श्री भट्टाचार्य ने कहा कि भाजपा अपने घोषणा पत्र में इलेक्टोरल बॉन्ड, महंगाई और दस साल के कार्य को चुनावी घोषणा पत्र में शामिल क्यों नहीं कर रही है.

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