रांची : लोकसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियों ने तैयारी शुरू कर दी है. इंडिया गठबंधन का भी झारखंड में लगातार बैठकों का दौर जारी है. मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय उपाध्यक्ष चंपाई सोरेन की अध्यक्षता में सीट शेयरिंग को लेकर गठबंधन दलों की बैठक सोमवार को हुई. बैठक में झारखंड कांग्रेस के प्रभारी गुलाम अहमद मीर , प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर, मंत्री आलमगीर आलम और झामुमो केंद्रीय महासचिव विनोद कुमार पांडेय उपस्थित थे. बैठक में लोकसभा चुनाव- 2024 में झारखंड में सीट शेयरिंग और साझा रणनीति को लेकर विचार-विमर्श हुआ. इस बात पर सहमति बनी कि बहुत जल्द गठबंधन दलों के बीच सीटों की घोषणा कर दी जायेगी. इसे लेकर झारखंड में गठबंधन के दलों के बीच सहमति बन चुकी है. इस मौके पर राज्यसभा चुनाव- 2024 और ताजा राजनीतिक हालात पर भी चर्चा हुई.
लोहरदगा को लेकर फंसा है पेच
लोहरदगा लोकसभा सीट को लेकर अभी भी पेच फंसा हुआ है. सूत्रों ने बताया कि पारंपरिक रूप से कांग्रेस इस सीट पर लड़ती आयी है. पर पिछले दो चुनावों से कांग्रेस की हार हुई है. इसे देखते हुए इस बार लोहरदगा सीट पर झामुमो दावा कर रहा है. बताया गया कि बिशुनपुर से झामुमो के विधायक चमरा लिंडा लोकसभा का चुनाव लड़ना चाहते हैं. वर्तमान में इस सीट से भाजपा के सुदर्शन भगत सांसद हैं. पर भाजपा ने इस बार उनका टिकट काट कर राज्यसभा सांसद समीर उरांव को उम्मीदवार बनाया है. लेकिन इंडिया गठबंधन में अभी यह तय नहीं हो सका है कि इस सीट से कांग्रेस लड़ेगा या झामुमो. कांग्रेस से रामेश्वर उरांव, सुखदेव भगत मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं. पर दूसरी ओर झामुमो इस सीट पर जीत का दावा करते हुए चमरा लिंडा को उतारना चाहता है. सोमवार को हुई बैठक में भी इसे लेकर पेच फंसा रहा है.दोनों पार्टियों ने कहा कि जल्द ही लोहरदगा पर फैसला लिया जायेगा.
लोहरदगा सीट के पांच विस में तीन झामुमो के पास
लोहरदगा लोकसभा सीट में पांच विधानसभा क्षेत्र है. जिसमें तीन पर झामुमो का कब्जा है. दो पर कांग्रेस का है. कांग्रेस का कब्जा मांडर व लोहरदगा विस सीट पर है. लोहरदगा विस सीट से खुद मंत्री रामेश्वर उरांव विधायक हैं. मांडर से शिल्पी नेहा तिर्की विधायक हैं. जबकि बिशुनपुर से झामुमो के चमरा लिंडा, सिसई से जिगा सुसारन होरो व गुमला से भूषण तिर्की विधायक हैं. तीनों ही झामुमो से हैं और तीनों ही चाहते हैं कि यह सीट झामुमो को मिले. यही कारण है कि झामुमो लगातार इस सीट पर भी दावा कर रहा है. दावा के कारण ही लोहरदगा सीट पर गठबंधन में पेच फंसा हुआ है. इसके पूर्व झामुमो राजमहल, दुमका, गिरिडीह, कोडरमा, जमशेदपुर और सिंहभूम सीट पर भी दावा कर चुका है. जो लगभग मिलना तय माना जा रहा है.