रांची : झामुमो ने भारत निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर सांसद निशिकांत दुबे के सर्टिफिकेट पर सवाल उठाया है. साथ ही इसकी जांच कर उनकी सदस्यता की वैधता पर विचार करने आग्रह किया है. झामुमो के केंद्रीय महासचिव सह प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य की ओर से लिखे गये पत्र में कहा गया है कि गोड्डा लोकसभा से लगातार तीन बार चुनाव जीतने वाले सांसद डॉ निशिकांत दुबे ने वर्ष 2009 में नामांकन पत्र में अपनी उम्र 37 वर्ष बतायी थी.
नामांकन पत्र में उन्होंने शैक्षणिक योग्यता के बारे में जानकारी दी है कि उन्होंने मैट्रिक की परीक्षा डीपीएम हाइस्कूल करहरिया, बिहार से 1982 में पास की है. वे स्नातकोत्तर हैं और वर्ष 1993 में एमबीए दिल्ली यूनिवर्सिटी से किया है.
वहीं, दिल्ली यूनिवर्सिटी का कहना है कि वर्ष 1993 बैच में निशिकांत दुबे नाम के किसी व्यक्ति ने न तो दाखिला लिया, न ही पास आउट हुआ. अतः सांसद निशिकांत दुबे की ओर से वर्ष 2009 से लेकर 2019 तक के चुनाव में दिये गये नामांकन पत्र की जांच कर उनकी सदस्यता की वैधता पर विचार किया जाये. वहीं उन्होंने कहा कि किसी के परिजन के बारे में बोलना हमारा संस्कार नहीं है.
झामुमो की यह गीदड़ भभकी मेरे काम की नहीं: िनशिकांत दुबे : सांसद निशिकांत दुबे ने झामुमो की ओर से भारत निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर उनके सर्टिफिकेट पर सवाल उठाये जाने से संबंधित मामले में ट्वीट कर कहा है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार को मेरी लोकसभा की सदस्यता रद्द करने की चिट्ठी चुनाव आयोग को लिखी. भ्रष्टाचार की पार्टी जिसने पैसा लेकर वोट दिया. उसको मेरी उम्र, मेरी डिग्री, मेरे पैसे व मेरे माता-पिता के नाम पर एतराज है. यदि झामुमो घुटने पर नहीं आया, तो मैं भाजपा का कार्यकर्ता नहीं. यह गीदड़ भभकी मेरे काम की नहीं.
Post by : Pritish Sahay